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लोकसभा चुनाव: एग्जिट पोल के अनुमानों से भारतीय बाजार उछला

आमिर अंसारी
३ जून २०२४

लोकसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल में एनडीए को भारी जीत का अनुमान जताया गया है. इसका असर भारतीय शेयर बाजारों पर सोमवार को देखने को मिला.

भारतीय शेयर बाजार
भारतीय शेयर बाजारतस्वीर: DW/R. Sharma

एक जून को लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान हुआ और उसके बाद एग्जिट पोल जारी किए गए. एग्जिट पोल में सत्ताधारी दल बीजेपी को भारी बहुमत मिलते दिखाया गया. सोमवार को जब भारतीय शेयर बाजार खुला तो उसमें दमदार तेजी देखने को मिली.

एग्जिट पोल में बीजेपी की भारी जीत के अनुमानों से सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर खुले. बीएसई बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स पहली बार 76,500 के ऊपर पहुंच गया जबकि निफ्टी50 भी 23,338.70 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेजिस्ट वीके विजयकुमार ने एक बिजनेस वेबसाइट से कहा, "एग्जिट पोल के नतीजों से एनडीए को लगभग 360 सीटों के साथ स्पष्ट जीत का संकेत मिला है, जिससे मई में बाजार पर पड़ने वाले चुनावी दबाव में कमी आई है."

फिस्डोम के रिसर्च प्रमुख नीरव करकेरा ने कहा, "जब तक आधिकारिक चुनाव परिणाम घोषित नहीं हो जाते, तब तक हम पूरी तरह से संकट से बाहर नहीं निकल पाएंगे, लेकिन बाजार में नए सिरे से आत्मविश्वास की भावना है. एग्जिट पोल ने अनिश्चितता को काफी हद तक कम कर दिया है."

बाजार में तेजी के कारण

भारत के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े अच्छे आए हैं. चौथी तिमाही में ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी हो गई. पिछले साल समान तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.2 फीसदी दर्ज की गई थी. इसका असर भी भारतीय शेयर बाजार में देखने को मिला है.

ब्रोकरेज कंपनियां भी भारतीय बाजार को लेकर सकारात्मक नजर आ रही हैं. नोमुरा, सीएलएसए और जैफरीज का कहना है कि बाजार में खरीदारी दिख सकती है. ब्रोकरेज कंपनियों का कहना है कि आर्थिक सुधार में तेजी दिख सकती है. विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव के बाद बाजार का ध्यान नई सरकार के पहले 100 दिनों और केंद्रीय बजट पर केंद्रित हो जाएगा.

नई सरकार का फोकस

बाजार में तेजी का कारण विदेशी निवेशकों का भारत में लौटना भी बताया जा रहा है. विदेशी निवेशकों ने पिछले साल भारतीय शेयर बाजारों में 20.7 अरब डॉलर का निवेश किया था, लेकिन चुनाव से पहले उन्होंने भारी बिकवाली की थी.

अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत उतनी ही मजबूत होती है जैसा कि एग्जिट पोल में संकेत दिया गया है, तो विश्लेषकों का मानना ​​है कि उनके पास आगे बढ़ने के लिए राजनीतिक शक्ति होगी और वे सुधारों को और ज्यादा बढ़ावा देंगे.

सिटी विश्लेषकों ने अपने क्लाइंट नोट में कहा, "अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं, तो यह निरंतरता के लिए वोट होगा."

निवेशकों को यह भी उम्मीद है कि अगर मोदी सरकार दोबारा लौटती है तो देश को मैनुफैक्चरिंग हब में बदलने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी. सरकार ने पहले से ही एप्पल और टेस्ला समेत विदेशी कंपनियों को देश में मैनुफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए आकर्षित किया है. विदेशी कंपनियां चीन से निकलकर भारत जैसे देशों में विकल्प तलाश रही हैं.

लोकसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित होंगे लेकिन कई बार एग्जिट पोल के अनुमान गलत भी साबित हुए हैं. चुनाव नतीजों के बाद देखना होगा कि बाजार किस तरह से प्रतिक्रिया देता है.

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