कोर्ट: वेश्यावृत्ति भी एक पेशा, यौनकर्मी को गरिमा का अधिकार
आमिर अंसारी
२७ मई २०२२
भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने वेश्यावृत्ति को लेकर दिए अपने आदेश में कहा है कि सेक्स वर्कर्स को भी सम्मान से जीने का अधिकार है और पुलिस को बेवजह उन्हें परेशान नहीं करना चाहिए.
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक पैनल ने विभिन्न दिशा-निर्देशों की सिफारिश की है, जिसमें कहा गया है, "जब भी किसी वेश्यालय पर छापा मारा जाता है तो संबंधित यौनकर्मियों को गिरफ्तार या दंडित या परेशान नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि स्वैच्छिक यौन कार्य अवैध नहीं है और केवल वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है."
सम्मान का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में वेश्यावृत्ति को "पेशे" के रूप में भी मान्यता दी है और कहा है कि सेक्स वर्कर्स "कानून के तहत सम्मान और समान सुरक्षा की हकदार हैं." वहीं अदालत ने मीडिया को हिदायत दी है कि छापे और रेस्क्यू के दौरान यौनकर्मियों की तस्वीरें नहीं प्रकाशित करनी चाहिए. अदालत ने कहा अगर मीडिया ग्राहकों के साथ सेक्स वर्कर्स की तस्वीरें दिखाता है तो आईपीसी की धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. अदालत ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को कहा है कि वह मीडिया के लिए दिशा निर्देश जारी करें.
साथ ही अदालत ने पुलिस के लिए निर्देश दिया है कि उसे यौनकर्मियों के साथ सम्मान का व्यवहार करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बलों को विशेष निर्देश जारी किए हैं कि वे यौनकर्मियों के साथ सम्मान से पेश आएं और उनके खिलाफ किसी भी तरह का मौखिक या शारीरिक शोषण न करें.
भारत में 82 प्रतिशत महिलाएं सेक्स के लिए पति को कह सकती हैं ना
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) में एक नया सवाल जोड़ा गया - क्या पत्नी पति को सेक्स के लिए ना कह सकती है? जवाबों से निकले आंकड़े भारत में पति-पत्नी के बीच संबंधों को लेकर एक बदलाव की तरफ इशारा कर रहे हैं.
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न कहने का अधिकार
82 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि अगर उनका मन नहीं है वो अपने पति के साथ सेक्स करने से मना कर सकती हैं. उनके सामने मना करने के तीन कारण रखे गए थे - पति को कोई यौन रोग हो, उसके किसी दूसरी महिला के साथ शारीरिक संबंध हों या पत्नी उस समय थकी हुई हो या उसका मूड न हो.
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गोवा में सबसे अच्छी स्थिति
यह स्थिति सभी राज्यों में एक जैसी नहीं है. हर जगह अलग अलग आंकड़े निकल कर आए हैं. गोवा इस मामले में सबसे आगे है, जहां 92 प्रतिशत महिलाएं न कह सकती हैं. 63 प्रतिशत के साथ सबसे निचले पायदान पर है अरुणाचल प्रदेश.
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पुरुष क्या मानते हैं
राष्ट्रीय स्तर पर औसतन 66 प्रतिशत पुरुष मानते हैं कि इनमें से किसी कारण से पत्नी सेक्स के लिए मना कर सकती है. 19 प्रतिशत पुरुषों को लगता है कि पत्नी के मना करने पर पति को नाराज होने का और उसे डांटने-फटकारने का अधिकार है.
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पत्नी के साथ हिंसा
इसके बावजूद कई लोग अभी भी मानते हैं कि कुछ कारणों से पति का पत्नी को मारना सही है. 44 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिलाएं ऐसा मानती हैं. उन्होंने इसे सात स्थितियों में सही पाया.
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पितृसत्ता
ये सात स्थितियां पितृसत्तात्मक समाज की सबसे रूढ़िवादी निशानियों में से हैं. इनमें शामिल हैं - पत्नी पति को बिना बताए बाहर जाती है, घर या बच्चों को नजरअंदाज करती है, पति से बहस करती है, उसके साथ सेक्स करने से मना करती है, खाना ठीक से नहीं बनाती है, पति उस पर बेवफाई का शक करता है या वो अपने सास-ससुर के प्रति निरादर दिखाती है.
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बढ़ती समस्या
पति द्वारा पत्नी को पीटने को सही ठहराने की प्रवृत्ति महिलाओं में घटी है लेकिन पुरुषों में बढ़ी है. एनएफएचएस के पिछले दौर में (2015-16) ऐसी महिलाओं का प्रतिशत 52 था जो अब गिर कर 45 पर आ गया है, जबकि पुरुषों का प्रतिशत 42 था जो बढ़ कर 44 पर आ गया है.
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यौनकर्मियों के लिए समान अधिकार
अदालत ने कहा, "यह कहने की जरूरत नहीं है कि आप पेशे में विश्वास करते हैं या नहीं, इस देश के प्रत्येक व्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सम्मानजनक जीवन का अधिकार है. यौनकर्मी भी कानून के तहत समान सुरक्षा की हकदार हैं."
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एएस बोपन्ना ने यह निर्देश संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्ति का इस्तेमाल करते हुए यौनकर्मियों के अधिकारों पर कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल द्वारा की गई कुछ सिफारिशों को स्वीकार करते हुए जारी किए हैं. बेंच ने कहा है कि ये निर्देश तब तक लागू रहेंगे जब तक केंद्र सरकार कानून लेकर नहीं आती है.
अदालत ने कहा कि अगर किसी यौनकर्मी का यौन शोषण होता है तो उसे भी कानून के तहत सुरक्षा मुहैया कराई जाए और ऐसी पीड़िताओं को चिकित्सा सहायता समेत अन्य सभी सुविधाएं तत्काल मुहैया कराई जाएं. अदालत ने कहा, "यह देखा गया है कि यौनकर्मियों के प्रति पुलिस का रवैया अक्सर हिंसक और क्रूर होता है. ऐसा लगता है कि वे एक ऐसे वर्ग से हैं जिनके अधिकारों को मान्यता नहीं है. पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को यौनकर्मियों के अधिकारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए."
अदालत ने कहा कि "यौनकर्मी के बच्चों को भी मानवीय गरिमा और सम्मान की बुनियादी सुरक्षा मिलनी चाहिए." कोर्ट ने कहा, "अगर कोई सेक्स वर्कर अपने बेटे/बेटी होने का दावा करती है, तो यह पुष्टि करने के लिए परीक्षण किया जा सकता है कि दावा सही है या नहीं, लेकिन अगर यह उसका बच्चा है, तो उसके नाबालिग को उसकी मां से जबरन अलग नहीं किया जाना चाहिए."
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 11 सौ के करीब रेड लाइट एरिया हैं और 28 लाख महिलाएं सेक्स वर्कर के तौर पर काम करती हैं.
दुनिया के सबसे बड़े देह बाजार
हैवोकस्कोप रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कई देशों में होने वाले देह व्यापार के आंकड़े जमा किये हैं. इसमें भारत को भी बड़ा बाजार बताया गया है. एक नजर इन देशों पर.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
12. इंडोनेशिया: 2.25 अरब डॉलर
इंडोनेशिया में देह व्यापार गैरकानूनी है. इसे नैतिक अपराध माना जाता है. लेकिन इसके बावजूद मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में देह व्यापार काफी फैला हुआ और संगठित है. यूनिसेफ के मुताबिक इंडोनेशिया में देह व्यापार से जुड़ी 30 फीसदी युवतियां नाबालिग है.
तस्वीर: Getty Images
11. स्विट्जरलैंड: 3.5 अरब डॉलर
स्विट्जरलैंड में देह व्यापार के अड्डे को आम तौर पर "सेक्स रूम" कहा जाता है. इसे सरकार से वित्तीय मदद भी मिलती है. यह शहर के केंद्र से बाहर होते हैं. वहां शावर, लॉकर, डेस्क और वॉशिंग मशीन भी होती है. ज्यूरिख शहर ने तो देह व्यापार के ठिकाने को शहर से दूर बसाने के लिए 26 लाख डॉलर भी दिए.
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10. तुर्की: 4 अरब डॉलर
तुर्की में देह व्यापार कानूनी है लेकिन देह व्यापार को बढ़ावा देना प्रतिबंधित है. तुर्की का अप्रावसन कानूनी देह व्यापार के लिए तुर्की आने की इजाजत नहीं देता है. लेकिन इसके बावजूद तुर्की 10वें नबंर पर है.
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9. फिलीपींस: 6 अरब डॉलर
देह व्यापार फिलीपींस में गैरकानूनी है. लेकिन सब जानते हैं कि फिलीपींस सेक्स टूरिज्म के लिए किस हद तक बदनाम है. बहुत ज्यादा गरीबी और इंटरनेट तक आसान पहुंच ने इस देश को सेक्स टूरिज्म के लिए चुंबक जैसा बना दिया है. बच्चे और नाबालिग भी इसका शिकार हो रहे हैं.
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8. थाइलैंड: 6.4 अरब डॉलर
यह देश भी सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर है. थाइलैंड में देह व्यापार कानूनी है. यहां खास जगहों पर ही देह व्यापार की अनुमति है. स्थानीय अधिकारी कभी कभार यौनकर्मियों की रक्षा भी करते हैं. वियतनाम युद्ध के बाद से ही थाइलैंड सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर हुआ.
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7. भारत: 8.4 अरब डॉलर
आबादी के लिहाज से दुनिया के दूसरे बड़े देश, भारत में देह व्यापार से जुड़ा कानून बड़ा उलझा हुआ है. पैसे के लिए सेक्स करना कानूनी है लेकिन सार्वजनिक जगहों पर, होटल में ऐसा करना, अड्डा चलाना या इसे बढ़ावा देना गैरकानूनी है. निजी आवास में बालिग के साथ आपसी सहमति से सेक्स करना कानूनी है.
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6. दक्षिण कोरिया: 12 अरब डॉलर
हालांकि दक्षिण कोरिया में यह गैरकानूनी है लेकिन कोरियन वुमेन्स डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट कुछ और ही कहानी बयान करती है. दक्षिण कोरिया में देह व्यापार का कारोबार 12-13 अरब डॉलर का है. यह जीडीपी का 1.6 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया के 20 से 64 साल के 20 फीसदी पुरुष महीने में औसतन 580 डॉलर देह व्यापार पर खर्च करते हैं.
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5. अमेरिका: 14.6 अरब डॉलर
अमेरिका में आम तौर पर देह व्यापार कानूनी है. हालांकि नेवाडा राज्य के कुछ इलाकों में यह गैरकानूनी है. अमेरिका में देह व्यापार के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन किया जा सकता है. इस कारोबार से जुड़े लोगों को टैक्स, कर्मचारियों की हिफाजत, न्यूनतम मजदूरी, बीमा, मेडिकल जांच के नियम मानने पड़ते हैं.
तस्वीर: Fotolia/macgyverhh
4. जर्मनी: 18 अरब डॉलर
अनुमान के मुताबिक जर्मनी में 40,000 सेक्स वर्कर हैं. यह कानूनी है लेकिन सामाजिक दशा और अधिकारों से जुड़े कई नियम हैं. यौनकर्मियों को दूसरे पेशों की तरह सामाजिक सुरक्षा मिल सकती है. देह व्यापार के लिए मजबूर करना या स्थिति का लाभ उठाना अपराध है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/D. Reinhardt
3. जापान: 24 अरब डॉलर
देह व्यापार जापान के इतिहास के साथ जुड़ा है. 1956 के एंटी प्रोस्टिट्यूशन एक्ट के मुताबिक, "कोई भी व्यक्ति यौनकर्मी नहीं बनेगा और ना ही ग्राहक बनेगा." कानूनी कमियों के चलते जापान में सेक्स उद्योग शुरू हुआ, यह उद्योग खुद को देह व्यापार नहीं कहता है.
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2. स्पेन: 26.5 अरब डॉलर
यूएन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 39 फीसदी स्पेनिश पुरुषों ने एक बार यौनकर्मी से संबंध बनाए हैं. 2009 में स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्वे किया जिसमें 32 फीसदी पुरुषों ने यह स्वीकारा. यह हॉलैंड और ब्रिटेन की तुलना में 14 फीसदी ज्यादा है.
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1. चीन: 73 अरब डॉलर
दुनिया का सबसे बड़ा यौन कारोबार उस देश में होता है जहां देह व्यापार गैरकानूनी है. चीन में सरकार यौनकर्मियों के साथ अपराधियों की तरह पेश आती है. समय समय पर छापे मारे जाते हैं लेकिन इसके बावजूद चीन के मसाज पार्लरों, बारों और नाइट क्लबों में यह फलता फूलता रहा है.