भारत ने चीन के नागरिकों को जारी टूरिस्ट वीजा रद्द किए
२५ अप्रैल २०२२
भारत ने चीन के सारे पर्यटन वीजा रद्द कर दिए हैं. एयरलाइंस की अंतरराष्ट्रीय संस्था आईएटीए ने एक सर्कुलर जारी कर सभी विमानन कंपनियों को इस बार में सूचित किया है.
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एयरलाइंस की संस्था आईएटीए ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसके मुताबिक भारत ने चीनी नागरिकों को जारी किए सारी टूरिस्ट वीजा रद्द कर दिए हैं. सर्कुलर में कहा गया है कि "चीनी नागरिकों को जारी पर्यटन वीजा अब वैध नहीं हैं.” इनमें दस साल की अवधि के लंबे टूरिस्ट वीजा भी शामिल हैं. हालांकि भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि वे बिजनस, नौकरी, राजनयिक यात्राओं और आधिकारिक यात्राओं के लिए वीजा देना जारी रखेंगे.
माना जा रहा है कि भारत का यह फैसला उसके छात्रों को लेकर चीन द्वारा बरती जा रही सख्ती के विरोध में लिया गया है. चीन में पढ़ने वाले भारत के 20 हजार से ज्यादा छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है क्योंकि वे वापस अपने विश्वविद्यालयों को नहीं जा पा रहे हैं. 2020 में कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से ये छात्र भारत लौट गए थे और तब से वापस जाने की कोशिश कर रहे हैं.
चीन ने थाईलैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका के छात्रों को तो लौटने की इजाजत दे दी है लेकिन भारतीय छात्र अब तक भी फंसे हुए हैं. भारत यह मुद्दा कई बार विभिन्न स्तरों पर चीनी अधिकारियों के समक्ष उठा चुका है. पिछले महीने जब चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत आए थे, तब भी उनके भारतीय समकक्ष एस जयशंकर ने इस बारे में बातचीत की थी.
चीन ने कहा, असर नहीं
चीन ने कहा है कि भारत के इस कदम का उस पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. वहां के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत में चीनी चैंबर ऑफ कॉमर्स के हवाले से कहा है कि भारत के वीजा रद्द करने का कोई खास असर नहीं हुआ है क्योंकि कोविड-19 के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्राएं अब भी ज्यादा नहीं हो रही हैं इसलिए बहुत ज्यादा मात्रा में चीनी टूरिस्ट भारत नहीं जा रहे हैं.
भारत की इन 20 जगहों को जीवन में एक बार जरूर देखें
भारत में ऐसी कई खास जगहें हैं जहां दुनिया भर के लोग पहुंचते हैं. कहीं असीम प्राकृतिक खूबसूरती है तो कहीं वास्तुकला का अद्भुत नमूना. एक नजर इन जगहों पर.
चाइना टूरिज्म अकैडमी के एक विशेषज्ञ यांग जिनसोंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि वीजा रद्द करना बेमतलब है क्योंकि आजकल बहुत कम चीनी टूरिस्ट भारत जा रहे हैं. यांग ने कहा, "अब जो लोग भारत जा रहे हैं उनमें से ज्यादातर काम या बिजनस के लिए जा रहे हैं, छुट्टियां नहीं.”
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक इसलिए भी चीन के लोग भारत कम जा रहे हैं क्योंकि सीधी उड़ानें ना होने के कारण यात्रा बहुत महंगी है और एक तरफ की टिकट की कीमत 40,000 युआन यानी करीब 4,70,000 रुपये से भी ज्यादा है.
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भारत की वीजा पाबंदियां
कोविड महामारी के बाद भारत ने कई देशों के खिलाफ वीजा पाबंदियां पूरी तरह नहीं हटाई हैं. यूके और कनाडा के लोगों को अब भी ई-वीजा जारी नहीं किए जा रहे हैं और उन्हें भारत जाने के लिए दूतावास से कागज पर ही वीजा लेना पड़ रहा है. इसके अलावा जापाना और अमेरिका को छोड़कर बाकी देशों के नागरिकों को जारी किए गए दस साल की वैधता वाले टूरिस्ट वीजा भी अब रद्द हैं.
आईएटीए नियमित रूप से अपनी सदस्य एयरलाइंस को सूचित करती रहती है कि किस देश ने वीजा आदि में क्या बदलाव किए हैं. 19 अप्रैल एक सर्कुलर जारी किया गया था जिसमें बताया गया था कि किन देशों के लोग ई-वीजा पर भारत की यात्रा नहीं कर सकते.
ऐसे देश जिनके हैं एक से ज्यादा नाम
कई लोगों के दो नाम होते हैं: घर का या पुकारने वाला नाम और एक औपचारिक नाम. लेकिन लोगों के अलावा कई देशों के भी एक से ज्यादा नाम हैं, जैसे भारत को हिंदुस्तान या इंडिया कहते हैं. देखिए ऐसे ही कुछ देशों की फेहरिस्त.
तस्वीर: DW/M. Mostafigur Rahman
भूटान
भारत के करीबी पड़ोसी भूटान के लोग अपने देश को स्थानीय भाषा में द्रुक युल कहते हैं.
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चीन
एक उभरती विश्व महाशक्ति का नाम दुनिया के लिए चीन या चाइना है, लेकिन चीनी भाषा में उसका नाम चुंगकुओ है.
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मादलीव
हिंद महासागर में द्वीपों पर बसा मादलीव दक्षिण एशिया का सबसे छोटा देश है. उसे स्थानीय धीवेही भाषा में धीवेही राजे कहते हैं.
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मिस्र
दुनिया की पुरानी सभ्यताओं में से एक की जन्मस्थली का नाम अंग्रेजी में ईजिप्ट है. लेकिन स्थानीय अरबी भाषा में उसे मिस्र कहते हैं.
तस्वीर: Reuters/M. Abd El Ghany
जर्मनी
जब भी दमदार मशीनों, शानदारों कारों और टेक्नोलॉजी की बात आती है तो सबकी जुबान पर जर्मनी का नाम होता है. लेकिन जर्मन में उसे डॉयचलांड कहते हैं.
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पोलैंड
जर्मनी के पड़ोसी पोलैंड का नाम स्थानीय पोलिश भाषा में पोल्स्का है. 3.85 करोड़ की आबादी के साथ यह यूरोपीय संघ में पांचवा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है.
तस्वीर: Fotolia/udra11
स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड का नाम वहां बोली जाने वाली चारों भाषाओं फ्रेंच, जर्मन, इटैलियन और रोमांश में अलग है. इसे क्रमशः सुइस, श्वात्स, स्वीजेरा और स्वीजरा कहते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/robertharding
ऑस्ट्रिया
यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया भी उन देशों में शामिल है जिनके दो नाम हैं. स्थानीय जर्मन भाषा में उसे ओएस्ट्रेराइश कहते हैं.
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ग्रीस
दुनिया भर के सैलानियों का पसंदीदा ठिकाना ग्रीस अब शरणार्थी और आर्थिक संकट की वजह से सुर्खियों में रहता है. ग्रीक भाषा में उसका नाम हेलास है.
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अल्बानिया
पूर्वी यूरोप के इस छोटे से देश को स्थानीय अल्बानियाई भाषा में श्कीपेरिया कहते हैं.
तस्वीर: Colourbox/A. Mijatovic
नॉर्वे
दुनिया के सबसे खुश और समृद्ध देशों में शुमार होने वाले नॉर्वे को स्थानीय नॉर्वेजियन भाषा में नॉर्गे कहते हैं.
तस्वीर: AP
स्वीडन
यूरोपीय देश स्वीडन का नाम भी स्थानीय भाषा में थोड़ा सा अलग है. स्वीडिश लोग अपने देश को स्वेरिगे के नाम से पुकारते हैं.
तस्वीर: Fotolia/igor
लिथुआनिया
उत्तरी यूरोप में स्थित लिथुआनिया को स्थानीय लिथुआनियन भाषा में लीतुवा कहते हैं. इसकी सीमाएं पोलैंड, बेलारूस और रूस के कालिनिनग्राद इलाके से लगती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/Bildagentur-online/AGF
इस्टोनिया
उत्तरी यूरोप में बाल्टिक सागर के पूर्वी तट पर बसा है इस्टोनिया, जिसे स्थानीय इस्टोनियाई भाषा में एस्ती कहते हैं.
तस्वीर: picture-alliance
क्रोएशिया
यूरोप का यह देश अपने सुंदर तटों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है. क्रोएशिया का नाम स्थानीय भाषा में हृवात्स्का है.
तस्वीर: Dalibor Brlek/Zoonar/picture alliance
रूस
हम जिसे अंग्रेजी में रशिया और हिंदी में रूस से नाम से जानते हैं, उसे रूसी भाषा में रोसिया कहा जाता है.
तस्वीर: picture-alliance
जॉर्जिया
रूस से टकराव की वजह से कई बार सुर्खियों रहे जॉर्जिया को स्थानीय जॉर्जियन भाषा में साकआर्तवेलो कहते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/S. Aivazov
अर्मेनिया
अर्मेनिया की सीमाएं ईरान, तुर्की, अजरबैजान और जॉर्जिया से मिलती है. इस देश का नाम स्थानीय अर्मेनियाई भाषा में हायास्तान है.
तस्वीर: picture-alliance/TASS/S. Malgavko
ट्यूनिशिया
2011 की अरब क्रांति की जन्मस्थली के तौर पर दुनिया ट्यूनिशिया का नाम जानती है. लेकिन उसे स्थानीय अरबी भाषा में तुनेस कहते हैं.
तस्वीर: Imago/Kyodo News
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया
दुनिया के सबसे अलग थलग देशों में शामिल उत्तर कोरिया को स्थानीय लोग चोसोन कहते हैं. इसी तरह दक्षिण कोरिया को कोरियन भाषा में हांगुक कहते हैं.
तस्वीर: Reuters/J. Silva
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पिछले महीने ही भारत ने 156 देशों के लिए ई-वीजा की सुविधा दो साल बाद दोबारा शुरू की थी. कोविड के कारण दो साल तक बंद रहने के बाद 27 मार्च को भारत ने व्यवसायिक विमानों को भारत आने की अनुमति दी थी. 19 अप्रैल के नोटिस के मुताबिक जिन देशों के लोगों को भारत में प्रवेश की इजाजत है, वे हैः भूटान, मालदीव, नेपाल, भारत के रेजिडेंट परमिट धारक, ओसीआई कार्ड धारक, पीआईओ कार्ड धारक और डिप्लोमैटिक पासपोर्ट धारक. इनके अलावा सभी को वीजा लेकर भारत आना होगा.