भारत: ओटीटी पर भी तंबाकू से जुड़ी चेतावनी जरूरी
१ जून २०२३स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को अपने ताजा नियम में कहा कि अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स, डिजनी हॉटस्टार और अन्य स्ट्रीमिंग और ओटीटी प्लेटफार्मों को अनिवार्य रूप से तंबाकू विरोधी चेतावनी दिखानी होगी. अब तक ऐसे ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए ऐसी चेतावनी अनिवार्य नहीं थी.
क्या हैं नए नियम
भारत में सिनेमाघरों और टीवी कार्यक्रमों के पहले तंबाकू के खिलाफ चेतावनी के लिए कई साल से नियम मौजूद हैं. भारत में जिस तेजी से ओटीटी पर दिखाए जाने वाली सामग्री की लोकप्रियता बढ़ी है, घर पर जब परिवार किसी ओटीटी फिल्म या सीरीज को देखता है तो उसके साथ छोटे बच्चे और नाबलिग होते हैं. ऐसे में तंबाकू के खिलाफ चेतावनी जारी करने की जरूरत पड़ी है.
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ऑनलाइन क्यूरेट की गई सामग्री में तंबाकू प्रोडक्ट्स के ऑनलाइन चित्रण के नियमन के लिए ओटीटी दिशानिर्देश जारी किए. तंबाकू प्रोडक्ट्स या उनके इस्तेमाल को प्रदर्शित करने वाली ओटीटी सामग्री के प्रकाशकों को खास दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.
डॉ. मांडविया के मुताबिक, "तंबाकू की खपत के गंभीर रूप से कमजोर और हानिकारक प्रभावों के बारे में युवाओं और राष्ट्र के बीच व्यापक जागरूकता पैदा करने का समय आ गया है."
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ओटीटी प्लेटफॉर्म को क्या करना होगा
तंबाकू प्रोडक्ट्स या उनके इस्तेमाल को प्रदर्शित करने वाली सामग्री के लिए अब ओटीटी प्लेटफार्मों को तंबाकू विरोधी हेल्थ स्पॉट जोड़ने की जरूरत होगी, जो कार्यक्रम की शुरुआत और बीच में कम से कम तीस सेकंड तक चले. नए दिशानिर्देश में कहा गया है जब उत्पाद या इसका इस्तेमाल दिखाए जाए तो प्रकाशकों को स्क्रीन के नीचे एक प्रमुख स्थिर संदेश के रूप में तंबाकू विरोधी स्वास्थ्य चेतावनियों को दिखाना होगा.
इसके अलाका तंबाकू के इस्तेमाल के दुष्प्रभावों पर कम से कम बीस सेकंड वाला ऑडियो-विजुअल डिस्क्लेमर कार्यक्रम के शुरुआत और बीच में भी दिखाना होगा.
मंत्रालय ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2004 के तहत संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है. इस संशोधित नियमों के तहत सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2022 के तहत ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए तंबाकू विरोधी चेतावनी दिखाना अनिवार्य कर दिया गया.
मौत का कारण बनता तंबाकू
डब्ल्यूएचओ के अनुमान के मुताबिक भारत में हर साल तंबाकू के इस्तेमाल से 13.5 लाख लोगों की मौत होती है. भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक देश है. आंकड़ों के मुताबिक विश्व स्तर पर तंबाकू के इस्तेमाल से हर साल 80 लाख लोगों की मौत होती है.
तंबाकू के सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है. लोकल सर्किल्स के एक ताजा सर्वे के मुताबिक भारत में हर छह परिवारों में से एक परिवार में एक या एक से ज्यादा शख्स तंबाकू या गुटखे का सेवन कर रहा है. सर्वे में शामिल तीन में से दो ने कहा कि गुटखा या तंबाकू से बनी ऐसी चीज उनके शहर या जिले में आसानी से मिलती है.
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक भारत में हर साल कैंसर के करीब 2.9 करोड़ मामले सामने आ सकते हैं. फिलहाल भारत में कैंसर के ज्यादातर मामले तंबाकू से जुड़े मिलते हैं.