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कोविड की दूसरी लहर के बाद बढ़ी बेरोजगारी दर

१५ मार्च २०२२

भारत सरकार ने माना है कि जून 2021 में कोविड की दूसरी लहर के बाद शहरी इलाकों में बेरोजगारी बढ़ गई थी. इससे 2020 के मुकाबले सुधर रही रोजगार की स्थिति फिर बिगड़ गई.

बढ़ती बेरोजगारी
बढ़ती बेरोजगारीतस्वीर: Pradeep Gaur/Zumapress/picture alliance

इसे सीधे तौर पर समझें तो 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में बेरोजगारी दर एक साल पहले के मुकाबले कम थी, लेकिन एक तिमाही पहले के मुकाबले बढ़ी हुई थी. आंकड़े सांख्यिकी मंत्रालय के विभाग एनएसओ द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के नतीजों में सामने आए हैं.

आंकड़े एनएसओ के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के त्रैमासिक बुलेटिन (अप्रैल-जून 2021) में छपे हैं. इनके मुताबिक 2021 में जनवरी से मार्च के बीच देश में कुल बेरोजगारी दर 9.4 प्रतिशत थी, लेकिन अप्रैल से जून की अवधि में बेरोजगारी दर बढ़ कर 12.7 प्रतिशत हो गई. अप्रैल-जून 2020 तिमाही में यह दर 20.9 प्रतिशत थी.

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बिगड़ती स्थिति

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में बेरोजगारी ज्यादा बड़ी समस्या पाई गई. पुरुषों में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में 8.7 थी लेकिन अप्रैल-जून 2021 तिमाही में वो बढ़ कर 12.2 हो गई. इसके मुकाबले महिलाओं में बेरोजगारी दर 11.8 से बढ़ कर 14.3 हो गई.

नॉएडा के 'लेबर चौक' पर बैठे दिहाड़ी पर काम मिलने का इंतजार करते लोगतस्वीर: Pradeep Gaur/Zumapress/picture alliance

इसी तरह श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 57.5 प्रतिशत से घट कर 57.3 प्रतिशत हो गई. एलएफपीआर यानी कुल आबादी में उन लोगों का अनुपात जो या तो किसी न किसी रोजगार में लगे हुए हैं या लगने के इच्छुक हैं. इसमें कार्यरत लोगों और बेरोजगार दोनों को शामिल किया जाता है. अप्रैल-जून 2020 तिमाही में यह दर 55.5 प्रतिशत थी.

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इसी अवधि में कामगार-जनसंख्‍या अनुपात (डब्‍ल्‍यूपीआर) 52.5 प्रतिशत से घट कर 50.3 प्रतिशत पर आ गई. डब्‍ल्‍यूपीआर को कुल आबादी में रोजगार प्राप्‍त व्‍यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है.

अकेले पर्यटन में गईं करोड़ों नौकरियां

अप्रैल-जून 2020 तिमाही में यह दर 44 प्रतिशत थी. ताजा सर्वेक्षण में देश के शहरी क्षेत्रों में 43,892 शहरी परिवारों को शामिल किया गया. सर्वेक्षण किए गए कुल व्यक्तियों की संख्या 1,70,187 थी.

महामारी की मार पुरुषों से ज्यादा महिलाओं पर पड़ी हैतस्वीर: Anushree Fadnavis/REUTERS

इसके साथ ही सरकार ने विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र में कोविड के दौरान नष्ट हुई नौकरियों का अलग से आंकड़ा जारी किया. लोक सभा में दी गई जानकारी के अनुसार कोविड के दौरान 2020 से ले कर अभी तक कुल 2.15 करोड़ लोगों की नौकरी चली गई.

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सरकार के अनुसार महामारी की पहली लहर में 1.45 करोड़ लोगों की नौकरी गई, दूसरी लहर में 52 लाख लोगों की और तीसरी लहर में 18 लाख लोगों की नौकरी गई. विदेशी पर्यटकों की संख्या पहली लहर में 93.3 प्रतिशत गिरी, फिर 79.5 प्रतिशत और तीसरी लहर में 64.3 प्रतिशत गिरी.

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