भारतीय सेना ने राहुल गांधी के उस दावे को खारिज कर दिया कि ड्यूटी के दौरान मारे गए अग्निवीर के परिवार को मुआवजा नहीं मिला है.
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भारत में सैनिकों की अल्पकालिक भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को लेकर विवाद बुधवार को तब तेज हो गया, जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अग्निवीर अजय कुमार कुमार के परिजनों को मुआवजे को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में "झूठ" बोला.
राहुल ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि सेना ने अग्निवीर अजय कुमार के परिवार को कोई मुआवजा नहीं दिया. हालांकि यह साफ नहीं है कि यह वीडियो किस तारीख का है.
भारतीय सेना ने क्या कहा
भारतीय सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (एडीजीपीआई) ने राहुल गांधी के दावों को लेकर बुधवार देर रात एक बयान जारी किया. सेना के बयान के मुताबिक अग्निवीर के परिवार को 98.39 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है. साथ ही पुलिस वेरिफिकेशन के बाद लगभग 67 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाना है, जो कुल मिलाकर 1.65 करोड़ रुपये है.
सेना ने उन सोशल मीडिया पोस्ट का खंडन करते हुए अपने बयान में कहा, "सोशल मीडिया पर कुछ पोस्टों से पता चला है कि ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले अग्निवीर अजय कुमार के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया है." सेना ने शहीदों के बलिदान का सम्मान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.
सेना ने आगे कहा, "इस बात पर फिर से जोर दिया जाता है कि शहीद हुए सैनिकों के परिजनों को, जिनमें अग्निवीर भी शामिल हैं, शहीद नायक को मिलने वाले भत्ते का शीघ्र भुगतान किया जाए."
राहुल गांधी का आरोप
राहुल गांधी ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया था. जिसमें पंजाब के अग्निवीर अजय कुमार के पिता को बोलेत हुए दिखाया गया कि उन्हें कोई पैसा नहीं मिला है. राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निवीर की मृत्यु की स्थिति में उनके परिवार को आर्थिक सहायता मिलने के बारे में संसद के भीतर "झूठ" बोला. उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह को संसद, देश और सेना से माफी मांगनी चाहिए.
राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए अग्निपथ योजना को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने दावा किया था कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अग्निवीर को शहीद का दर्जा नहीं देती और मुआवजा नहीं दिया जाता.
राहुल गांधी के दावों पर रक्षा मंत्री ने उनपर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया था. राजनाथ ने संसद में कहा, "हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए या युद्ध के दौरान अपनी जान गंवाने वाले अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ की आर्थिक मदद दी जाती है."
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बारूदी सुरंग फटने से हुई थी अग्निवीर की मौत
अग्निवीर अजय कुमार की इसी साल जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में एक बारूदी सुरंग फटने से मौत हो गई थी. सेना ने स्पष्टीकरण में कहा कि भारतीय सेना अग्निवीर अजय कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है और शहीद अजय कुमार का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया. सेना का कहना है कि अग्निवीर अजय के परिवार को लगभग 1.65 करोड़ की राशि दी जाएगी.
भारत सरकार ने भारतीय सशस्त्र बलों में जवानों की अल्पकालिक भर्ती के लिए जून 2022 में यह योजना शुरू की थी. अग्निपथ योजना के तहत सेना में अग्निवीरों को भर्ती किया जाता है. यह भर्ती चार साल के लिए होती है. इस दौरान नियमित वेतन के अलावा चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर अग्निवीर सैनिकों को लगभग 12 लाख रुपये मिलते हैं. हालांकि, एक निश्चित संख्या में अग्निवीरों को स्थायी सेवा का मौका भी मिलता है.
जून महीने में एक रिपोर्ट आई थी कि सरकार ने अग्निपथ योजना की समीक्षा करने और सशस्त्र बलों में भर्ती कार्यक्रम को और अधिक आकर्षक बनाने के तरीके सुझाने के लिए 10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों के एक समूह को काम सौंपा है. सचिवों का यह समूह अग्निपथ योजना के जरिए सैनिकों की भर्ती को और अधिक आकर्षक बनाने के तरीके सुझाएगा.
सेना में सेवा देना अनिवार्य है इन देशों में
दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए भी सेना की जरूरत पड़ती है. ज्यादातर देशों के पास छोटी बड़ी सेनाएं हैं. कुछ देशों में नागरिकों के लिए अनिवार्य सैनिक सेवा है. यानी उन्हें कुछ वर्ष सैन्य सेवा में गुजारने पड़ते हैं.
तस्वीर: Anna Marchenko/TASS/dpa/picture alliance
ब्राजील
18 साल की उम्र में पहुंचने के बाद ब्राजील के हर पुरुष के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है. यह 10-12 महीने के लिए होती है. सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से ही उन्हें इससे छूट मिल सकती है.
तस्वीर: Agência Verde-Oliva/Exército Brasileiro
क्यूबा
क्यूबा के हर पुरुष नागरिक को 17 से 28 साल की उम्र के बीच दो साल के लिए सेना में सेवा देनी पड़ती है. महिलाओं के लिए यह सेवा उनकी इच्छा पर निर्भर है.
तस्वीर: YAMIL LAGE/AFP/Getty Images
एरिट्रिया
एरिट्रिया में 18 साल की आयु के बाद सैन्य सेवा स्त्री और पुरुष दोनों के लिए अनिवार्य है. पहले इसकी अवधि 18 महीने होती थी लेकिन अब इसे अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया है. 40 साल से कम आयु के सभी नागरिकों को सरकार के निर्देश पर सैन्य सेवा देनी पड़ती है.
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ईरान
ईरान के संविधान के मुताबिक 18 साल की आयु से सभी नागरिकों को सेना में शामिल किया जाता है. यह सेवा 18 से 24 महीने के लिए होती है. यह नियम ईरान की महिलाओं पर लागू नहीं होता है.
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इस्राएल
इस्राएल में भी 18 साल की उम्र में पहुंचने के बाद सभी नागरिक सेना में सेवा देने जाते हैं. पुरुषों को 3 साल तो महिलाओं को लगभग 2 साल यह सेवा देनी पड़ती है. गर्भावस्था, खराब स्वास्थ्य, एथलीट और कुछेक अपवादों को छोड़ सबके लिए यह जरूरी है.
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रूस
रूस में 18 से 30 साल की उम्र के पुरुष नागरिकों को सेना में एक साल की अनिवार्य सेवा देनी पड़ती है. ऐसा नहीं करने या इससे बचने वालों के लिए 18 महीने की कैद की सजा का नियम है.
तस्वीर: Erik Romanenko/TASS/dpa/picture alliance
स्वीडेन
स्वीडेन में लंबे समय से अनिवार्य सैनिक सेवा है. 2010 में इसे खत्म करने के बाद 2017 में फिर से बहाल कर दिया गया. फिलहाल 18 वर्ष की आयु से सभी नागरिकों को सेना की ट्रेनिंग में शामिल होना पड़ता है. हालांकि ट्रेनिंग लेने वाले सभी लोगों को सेना में शामिल नहीं किया जाता.
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स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड के सभी सक्षम पुरुषों को सेना में सेवा देनी पड़ती है. महिलाओं के लिए यह ऐच्छिक है. स्विस आर्मी में बहुतायत ऐसे सैनिकों की है जो अनिवार्य सेवा के तहत सेना में शामिल हुए हैं. 2013 में अनिवार्य सैनिक सेवा पर हुए जनमत संग्रह में 73 फीसदी लोगों ने इसे हटाने से मना कर दिया.
तस्वीर: FABRICE COFFRINI/AFP
तुर्की
तुर्की में 20-41 साल के सभी पुरुषों के लिए सेना में सेवा देना अनिवार्य है. इसकी अवधि 6 से 12 महीने तक होती है. महिलाओं के लिए यह सेवा अनिवार्य नहीं है, लेकिन उन्हें सेना में अधिकारी बनने का अवसर मिलता है.
तस्वीर: dapd
उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया उन चुनिंदा देशों में है जहां महिलाओं के लिए भी अनिवार्य सैनिक सेवा है. यहां 17-30 साल की उम्र में अनिवार्य सैनिक सेवा के लिए जाना होता है. राजनीतिक कुलीनों के बच्चों के लिए यह जरूरी नहीं है. यहां सेना की जरूरत के मुताबिक नागरिकों को अनिवार्य सैनिक सेवा के लिए भेजा जाता है. इसकी अवधि 7-10 साल तक हो सकती है.
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दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया में 18-35 साल के सभी पुरुष नागरिकों को सेना में सेवा के लिए जाना पड़ता है. इसकी अवधि 21-24 महीने तक होती है. इसके लिए उनका मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है. महिलाओं के लिए यह जरूरी नहीं है लेकिन अगर वो चाहें तो सेना में शामिल हो सकती हैं. कलाकारों और खिलाड़ियों को भी यहां कुछ परिस्थितियों में अनिवार्य सेवा से छूट मिलती है.
तस्वीर: Kim Soo-hyeon/REUTERS
यूक्रेन
क्रीमिया के रूस में मिलाए जाने के बाद यूक्रेन में 2014 से सेना के लिए विशेष भर्ती अभियान शुरू हुआ. 2022 में रूसी हमले के बाद राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लागू किया. इसके बाद 18-60 वर्ष के पुरुषों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई. यहां फिलहाल 25 साल से ऊपर की आयु के लोगों के लिए सेना में सेवा देना अनिवार्य है. सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से ही उन्हें छूट मिल सकती है.