एयर इंडिया विमान हादसे की जांच शुरू
१३ जून २०२५
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे वाली जगह का दौरा किया. भारत सरकार ने अहमदाबाद से लंदन जा रहे विमान के उड़ान भरने के तुरंत बाद गिरने की जांच शुरू कर दी है. यह विमान गुरुवार को एयरपोर्ट के पास मौजूदमेघाणी के रिहायशी इलाके में जा गिरा.अधिकारियों का कहना है कि हादसे के बाद ज्यादातर शव बुरी तरह जल गए हैं और उनकी पहचान करना मुश्किल है.
जांच में शामिल होंगी अंतरराष्ट्रीय टीमें
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा है कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट ब्यूरो ने वैश्विक नियमों के तहत घटना की जांच शुरू कर दी है. यह नियम अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के बनाए हैं. अमेरिका से विशेषज्ञों की एक टीम पहुंच रही है जो जांच में मदद करेगी. अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड, फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन, बोइंग और जेनरल इलेक्ट्रिक सभी अपने विशेषज्ञों को भेज रहे हैं.
विमान के ब्लैक बॉक्स, फ्लाइट डाटा और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिलने के बारे में अभी जानकारी नहीं आई है. इस बीच अधिकारी घटनास्थल की लगातार तलाशी ले रहे हैं. ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अक्षय डोंगारडिव ने कहा है कि शवों की डीएनए जांच शुरू कर दी गई है. शोक में डूबे परिजन शवों के लिए अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के बाहर इंतजार कर रहे हैं. पुलिस उपायुक्त कनन देसाई ने कहा, "मरने वालों की आधिकारिक संख्या डीएनए टेस्ट पूरी होने के बाद भी जारी होगी."
विमान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा और उसके बाद उसमें आग लग गई. इस हादसे में हॉस्टल में मौजूद कई छात्रों की भी मौत हुई है. प्रधानमंत्री मोदी ने उस अस्पताल का भी दौरा किया जहां घायलों का इलाज चल रहा है. वह अधिकारियों के साथ शुक्रवार को एक बैठक भी कर रहे हैं. एयर इंडिया ने हादसे में मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. इसके साथ ही घायलों के इलाज का खर्च भी कंपनी उठाएगी.
हादसे में एक आदमी जिंदा बचा
इससे पहले भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात की पुष्टि की हादसे में जिंदा बचे एकमात्र शख्स से उन्होंने मुलाकात की है. एक डॉक्टर ने समाचार एजेंसी एपी से कहा कि उन्होंने उनकी जांच की है. उनकी पहचान विश्वकुमार रमेश के रूप में हुई है. डॉ. धवल गामेती ने कहा, "उनके पूरे शरीर में कई जख्म हैं लेकिन ऐसा लग रहा है कि वह अब खतरे से बाहर हैं."
एक और स्वास्थ्यकर्मी को रमेश ने बताया कि विमान उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद नीचे जाने लगा और अचानक दो हिस्से में टूट गया, इसके बाद एक बड़ा धमाका हुआ. रमेश के भाई ने लेसेस्टर में ब्रिटिस समाचार एजेंसी से कहा, "उन्हें नहीं पता कि वह विमान से बाहर कैसे निकले." इतने बड़े हादसे में रमेश का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है. विमान में सवार यात्रियों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी शामिल हैं. रुपाणी 2016 से 2021 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे.
अधिकारियों का कहना है कि कुल 265 शव मिले हैं, इनमें उस इमारत में मौजूद लोग भी शामिल हैं जिस पर विमान गिरा. इनकी संख्या 24 हो सकती है.
गुरुवार को जो विमान हादसे का शिकार हुआ वह 12 साल पुराना बोइंग 787 विमान था. दुर्घटना के कारणों का अभी पता नहीं चला है. बोइंग के दूसरे विमानों में कुछ तकनीकी दिक्कतें आती रही हैं, हालांकि 16 साल से इस्तेमाल हो रहे 787 ड्रीमलाइनर विमान का दुनिया में यह पहला हादसा है. फिलहाल लगभग 1,200 787 विमान दुनिया भर की एयरलाइनों में इस्तेमाल हो रहे हैं.