भारत ने 20 अप्रैल से कृषि क्षेत्र में काम करने की इजाजत दी है लेकिन खेत में काम करने वाले ज्यादातर मजदूरों को पता ही नहीं है कि वे काम कर सकते हैं. भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था.
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भारत में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए बेहद सख्ती के साथ लॉकडाउन लागू है. तीन मई तक चलने वाले तालाबंदी के दूसरे चरण में सोमवार 20 अप्रैल से कई तरह की रियायतें शुरू हो गई. हालांकि इस बीच अधिकतर लोग अपने घरों में ही रहेंगे. सरकार ने कहा है कि कृषि उत्पाद की खरीद और बिक्री, मछलीपालन, दूध, दुग्ध-उत्पाद, पोल्ट्री और पशु-पालन, चाय, कॉफी और रबड़ के बागानों में काम, फूड-प्रोसेसिंग जैसे उद्योगों को अनुमति है. उत्तर प्रदेश में खेत में मजदूरी का काम करने वाले मुकेश सहनी फोन पर थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन से कहते हैं, "हमें नहीं पता कि पाबंदियां हटा ली गई हैं." सहनी बताते हैं कि हफ्तों बिना काम किए उनके परिवार के पास बस इतना है कि किसी तरह से "खाना और जिंदगी चल जाए." सहानी आगे कहते हैं, "हमने इस साल का सबसे बड़ा नुकसान उठाया है. मैंने और मेरे माता-पिता ने सिर्फ दो दिन का काम किया और 400 रुपये कमाए. जबकि हम पहले अलग-अलग खेतों में 15-20 दिन काम किया करते थे."
अप्रैल के महीने में आमतौर पर खेत मजदूरों की बहुत मांग होती है लेकिन लॉकडाउन की वजह से गांवों और खेतों में अजीब सी सुस्ती है. फसलों के त्योहार इस साल शांत हो गए. यह साफ नहीं हो पाया है कि देश के कितने लाख खेत मजदूरों को इस बात की जानकारी ही नहीं कि कृषि क्षेत्र में पाबंदियों में ढील दे दी गई है. किसान संगठन अब इस बात को किसान और मजदूरों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. महिला किसान अधिकार मंच की सीमा कुलकर्णी संगठन के सदस्यों को मेसेज भेज इस बात की सूचना दे रही हैं. उनका कहना है कि खेती में काम करने वाले मजदूरों में काम पर वापस लौटने की "उत्सुकता" है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की करीब 70 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जहां आधे से अधिक पुरुष और 70 फीसदी महिलाएं कृषि कार्य करती हैं.
पिछले दिनों सोशल मीडिया में बहुत सारे वीडियो साझा किए गए जिनमें दिखाया गया कि खेत में फसल तो तैयार दिख रही है लेकिन कटाई का इंतजार है. इसी तरह से कई वीडियो में किसान फसल को फेंकते नजर आ रहे हैं क्योंकि खरीदार नहीं है. किसान कन्नयम सुब्रमण्यम का पत्ता गोभी से भरे खेत का वीडियो ट्विटर पर पिछले दिनों खूब वायरल हुआ. वह कहते हैं, "जो लोग मेरे खेत का इस्तेमाल फसल उगाने के लिए करते हैं वो इस साल उपज को बेच नहीं पाए. कई किसानों को फसलों को काटने के लिए मजदूर नहीं मिले हैं. सब्जियां लॉकडाउन के खत्म होने का इंतजार नहीं करेंगी उससे पहले ही वह खराब हो जाएंगी." कुछ खेत मजदूरों के लिए रियायतें थोड़ी राहत लेकर आई हैं. 20 साल के पवन लालूराम अपना बकाया वेतन लेने किसान के पास गया तो उसे दो बोरे गेहूं के मिले.
पवन कहता है, "मैं पिछली बार लॉकडाउन की वजह से गेहूं के बोरे नहीं ला पाया क्योंकि मुझे उन्हें लाने के लिए 65 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता. फिलहाल गांव में काम नहीं है और घर पर खाना नहीं है. इस गेहूं से हमारा कुछ महीनों के लिए काम चल जाएगा."
भारत में हर मामले में विविधता देखने को मिलती है. कोई राज्य अमीर है तो कोई गरीब. कहीं सबसे ज्यादा लोग कृषि पर निर्भर हैं तो कहीं उद्योग पर. एक नजर देश के प्रमुख अमीर राज्यों और वहां की अर्थव्यवस्था पर.
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महाराष्ट्र
महाराष्ट्र भारत का सबसे अमीर राज्य है. राज्य की राजधानी मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है. महाराष्ट्र का कुल जीडीपी 27.96 लाख करोड़ का है. यह देश का तीसरा सबसे ज्यादा शहरी आबादी वाला राज्य है जहां कि 45 प्रतिशत आबादी शहरों में निवास करती है.
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तमिलनाडु
तमिलनाडु भारत का दूसरा सबसे धनी राज्य है. यहां की कुल जीडीपी 17.25 लाख करोड़ की है. राज्य की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी शहरों में निवास करती है. यह पूरे देश की शहरी आबादी का 9.6 प्रतिशत है. राज्य की जीडीपी में 45 प्रतिशत सर्विस सेक्टर, 34 प्रतिशत मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर और 21 प्रतिशत कृषि का योगदान है.
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कर्नाटक
कर्नाटक भारत का तीसरा सबसे धनी राज्य है. यहां की कुल जीडीपी 15.88 लाख करोड़ की है. पिछले एक दशक में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले यहां की जीडीपी सबसे तेज गति से बढ़ी है. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, हिंदुस्तान मशीन टूल्स, इंडियन टेलिफोन इंडस्ट्री जैसी कई प्रसिद्ध कंपनियों के मुख्यालय इसी राज्य में हैं.
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उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे अमीर राज्य है. राज्य की कुल जीडीपी 15.80 लाख करोड़ है. 2017-18 के राज्य के बजट के अनुसार उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 16.89 लाख करोड़ का है. उत्तर प्रदेश के कई शहर जैसे नोएडा, गाजियाबाद तेजी से विकसित हुए हैं. कई कंपनियों ने यहां अपनी शाखा खोली है. हथकरघा, हस्तशिल्प और कृषि राज्य के लोगों की आय का एक बहुत महत्वपूर्ण साधन है.
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गुजरात
गुजरात की जीडीपी 14.96 लाख करोड़ की है. भारत के इस पश्चिमी राज्य की आय का मुख्य स्रोत कृषि और उद्योग है. दुनिया का सबसे बड़ा जहाज ब्रेकिंग यार्ड गुजरात के अलंग में भावनगर के पास है. रिलायंस पेट्रेलियम की रिफाइनरी भी गुजरात के जामनगर में स्थित है. गुजरात तंबाकू, सूती कपड़े और बादाम का प्रमुख उत्पादक राज्य है. भारत में बनी कुल दवाई में से एक तिहाई गुजरात में बनती है.
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पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल की कुल जीडीपी 13.14 लाख करोड़ की है. राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और मध्यम दर्जे के उद्योग पर आधारित है. हालांकि सर्विस सेक्टर और भारी उद्योग भी राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम योगदान निभाते हैं. दुर्गापुर के अलावा भी राज्य में कई स्टील प्लांट हैं. कोलकाता के बंदरगाह में दुनिया भर से मालवाहक जहाज आते हैं.
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आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश की कुल जीडीपी 10.49 लाख करोड़ की है. यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 62 प्रतिशत आबादी कृषि से जुड़ी हुई है. वर्ल्ड बैंक ने इस राज्य को व्यवसाय शुरू करने के लिहाज से भारत का सबसे अच्छा राज्य बताया है. यह राज्य भारत में 70 प्रतिशत झींगा मछली का उत्पादन करता है.
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तेलंगाना
तेलंगाना की जीडीपी 10.49 लाख करोड़ की है. दो प्रमुख नदियां कृष्णा और गोदावरी की वजह से यहां के बड़े हिस्से में सिंचाई की बेहतर सुविधा है. राज्य में अब सूचना प्रौद्योगिकी और बायोटेक्नोलॉजी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. तेलंगाना भारत के शीर्ष आईटी एक्सपोर्टर राज्यों में से एक है. राज्य में 68 स्पेशल इकोनॉमिक जोन हैं. तेलंगाना में खनिज पदार्थों के मामले में भी धनी राज्य है.
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राजस्थान
राजस्थान की कुल जीडीपी 9.29 लाख करोड़ की है. यह एक खनिज संपन्न राज्य है. यहां की अर्थव्यवस्था कृषि, खनन और पर्यटन पर आधारित है. राज्य में सोना, चांदी, बलुआ पत्थर, चूना पत्थर, संगमरमर, रॉक फॉस्फेट, तांबा और लिग्नाइट के खादान हैं. यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक राज्य है. राजस्थान अपनी ऐतिहासिक विरासतों की वजह से पर्यटकों के आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र है.
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केरल
केरल की कुल जीडीपी 8.76 लाख करोड़ की है. राज्य की अर्थव्यवस्था में मुख्य योगदान सर्विस सेक्टर का है. कई प्रमुख निगमों और विनिर्माण संयंत्रों का मुख्यालय केरल में है, विशेष रूप से त्रिवेंद्रम, कोच्चि, कोझीकोड में. केरल देश में प्राकृतिक रबर का 85 प्रतिशत और काली मिर्च का 97 प्रतिशत उत्पादन करता है. राज्य की जीडीपी में पर्यटन का योगदान लगभग 10 फीसदी है.