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पंजाब में 'बेअदबी' के आरोप में दो हत्याएं

२० दिसम्बर २०२१

पंजाब में दो दिन में दो लोगों की भीड़ द्वारा हत्या कर दिए जाने के बाद राज्य में तनाव है और लोगों को किसी बड़ी साजिश का डर सता रहा है.

तस्वीर: Raminder Pal Singh/dpa/picture alliance

पंजाब में दो जगहों पर एक जैसी घटना हुई. पहले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में एक व्यक्ति को गुरुग्रंथ साहिब को अपवित्र करने के आरोप में पीट-पीट कर मार डाला गया. उसके बाद कपूरथला जिले के एक गांव में वैसा ही मामला हुआ.

विभिन्न राजनीतिक दलों ने गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की तो निंदा की है लेकिन भीड़ द्वारा हत्याओं पर बहुत कम प्रतिक्रिया आई है. पंजाब में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने हैं और सभी दल बहुत संभलकर बोल रहे हैं.

जब भारतीय जनता पार्टी के राज्य प्रमुख अश्वनी शर्मा से इस संबंध में मीडियाकर्मियों ने प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने कहा, "मुझे पूरे मामले का पता नहीं है. मुझे पहले सारे तथ्यों को जान लेने दीजिए, फिर मैं बयान जारी करूंगा.”

गुरुद्वारों में क्या हुआ?

अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शनिवार शाम एक व्यक्ति को वहां मौजूद लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला. मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक इस व्यक्ति ने प्रार्थना के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब को अपवित्र करने की कोशिश की. कुछ चश्मदीदों ने कहा कि उस युवक ने रेलिंग फांद कर गुरु ग्रंथ साहिब के पास रखी तलवार उठा ली थी.

तस्वीरेंः 'बाल कलाकार'

वीडियो में देखा जा सकता है कि उस युवक को रोकने के लिए कई लोग दौड़ रहे हैं. पुलिस ने एनडीटीवी को बताया कि वह 20-25 साल का युवक था जो उत्तर प्रदेश से आया था. अमृतसर के डीएसपी परमिंदर सिंह बंदल ने कहा, "20-25 साल का युवक था. उसने सिर पर पीला कपड़ा बांधा हुआ था. वह रेलिंग फांद गया तो लोगों ने उसे पकड़ लिया. वे लोग उसे बाहर ले गए, जहां हिंसक विवाद हुआ जिसमें उसकी मौत हो गई.”

कुछ ही घंटे बाद रविवार को कपूरथला जिले में ठीक वैसी ही घटना हुई. निजामपुर गांव के लोगों ने एक व्यक्ति को यह कहते हुए पकड़ लिया कि वह गुरुद्वारे में घुसने की कोशिश कर रहा था. हालांकि पुलिस वहां पहुंच गई थी लेकिन स्थानीय लोगों ने मांग की कि उस युवक से उनके सामने ही पूछताछ की जाए. पुलिस और लोगों के बीच हुई धक्का-मुक्की के दौरान उस युवक की भी हत्या कर दी गई.

संभली हुई प्रतिक्रियाएं

लगभग सभी राजनीतिक दलों ने इन घटनाओं पर बहुत संभलकर प्रतिक्रिया दी है. हर कोई हत्या करने वालों की निंदा करने से बचता नजर आ रहा है जबकि बेअदबी पर खुलकर बोला जा रहा है.

आम आमदी पार्टी के प्रवक्ता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उन्हें कुछ बोलने से पहले ज्यादा जानकारी चाहिए होगी. शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल ने दोनों घटनाओं को किसी बड़ी साजिश का हिस्सा बताया.

पंजाब के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा अमृतसर में शनिवार को युवक को मारा नहीं जाना चाहिए था क्योंकि पुलिस से पूछताछ में वह जानकारी दे सकता था और साजिश की जड़ तक पहुंचा जा सकता था. गृह मंत्री रंधावा ने रविवार को दरबार साहिब का दौरा भी किया.

साजिश का शक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी घटना पर प्रतिक्रिया दी है. संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जो लोग इस साजिश के पीछे हैं उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

राज्य के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (उग्राहां) ने भी इन घटनाओं को साजिश बताते हुआ कहा कि लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. यूनियन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, "सोमवार से हम कपास के किसानों को मुआवजा देने की मांग पर धरना शुरू कर रहे हैं. अब जनता का पूरा ध्यान इन घटनाओं पर चला गया है. अगर आप बेअदबी रोकना चाहते हैं और साजिश को बेनकाब करना चाहते हैं तो उन्हें पुलिस को दो, मारा क्यों?”

सिख धर्म में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को बड़ा पाप माना जाता है. इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. 2015 में इस किताब के पन्ने फाड़े जाने की घटना के बाद राज्य में कई दिन तक भारी तनाव रहा था. ये पन्ने फरीदकोट जिले के एक गांव में फटे मिले थे जिसके बाद दो लोगों की हत्या कर दी गई थी. कई जांच टीम और दो आयोगों के बावजूद उस घटना की सच्चाई का पता नहीं चल पाया.

रिपोर्टः विवेक कुमार (एपी)

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