जी-20 बैठक में हिस्सा लेने इटली जा रहे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार कैथोलिक धर्मगुरु पोप से मुलाकात करेंगे. अधिकारियों ने बताया है कि मोदी रोम में इस सप्ताहांत पर पोप से मुलाकात करने वाले हैं.
विज्ञापन
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के बढ़ते आरोपों को काबू न करने पाने के आरोप झेल रही भारत सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी इस सप्ताहांत पर कैथोलिक धर्मगुरु पोप से मिलने वाले हैं. 2014 में पद संभालने के बाद से दक्षिणपंथी भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर चुप रहने के आरोप झेलते रहे हैं.
भारतीय विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने पोप के साथ मोदी की वेटिकन में शनिवार को होने वाली बैठक का ऐलान करते हुए बस इतना कहा कि यह ‘बहुत महत्वपूर्ण' होगी.
क्यों अहम है पोप-मोदी मुलाकात
भारत में 14 फीसदी मुसलमान आबादी है जबकि दो प्रतिशत ईसाई हैं. कई रिपोर्ट बता चुकी हैं कि हाल के सालों में मुसलमानों के साथ साथ ईसाइयों पर भी हमले बढ़े हैं. बीजेपी की मातृ संस्था कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता अक्सर ईसाइयों पर भारत में धर्मांतरण के आरोप लगाते हैं. इस विवाद के चलते ईसाइयों पर हमले भी होते रहते हैं.
सर्वे: दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने नरेंद्र मोदी
डेटा इंटेलिजेंस कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे के मुताबिक भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता दुनिया में सबसे ज्यादा है. मोदी की अप्रूवल रेटिंग सर्वे के हिसाब से 70 प्रतिशत है.
तस्वीर: Money Sharma/AFP/Getty Images
1. नरेंद्र मोदी
मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे में दावा किया गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 70 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ दुनिया के 13 नेताओं को पीछे छोड़ते हुए पहले पायदान पर पहुंच गए हैं. सर्वे के मुताबिक मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन को भी पीछे छोड़ दिया है.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
2. लोपेज ओब्राडोर
दुनिया के सर्वाधिक स्वीकार्य नेता के रूप में मेक्सिको के राष्ट्रपति लोपेज ओब्राडोर दूसरे नंबर पर हैं. उनकी अप्रूवल रेटिंग 64 फीसदी है. इस सर्वे का नतीजा दो सितंबर को अपडेट किया गया था.
तस्वीर: Jose Mendez/Agencia EFE/imago images
3. मारियो द्राघी
इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी 63 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ तीसरे स्थान पर हैं. सर्वेक्षण ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया, स्पेन, युनाइटेड किंगडम और अमेरिका में डेटा इंटेलिजेंस कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट द्वारा आयोजित किया गया था.
तस्वीर: Xinhua News Agency/picture alliance
4. अंगेला मैर्केल
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल 53 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ चौथे स्थान पर हैं.
तस्वीर: Markus Schreiber/AP/picture alliance
5. जो बाइडेन
अमेरिकी एजेंसी के इस सर्वे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को 48 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है. अफगानिस्तान के मुद्दे पर बाइडेन के रुख के कारण उनकी अप्रूवल रेटिंग गिरी है.
तस्वीर: Evan Vucci/AP Photo/picture alliance
6. स्कॉट मॉरिसन
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन 48 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ छठे स्थान पर हैं.
तस्वीर: Thomas Samson/AFP/Getty Images
7. जस्टिन ट्रुडो
मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो लोकप्रियता के मामले में सातवें नंबर पर हैं. उन्हें 45 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है.
तस्वीर: Phil Noble/REUTERS
8. बॉरिस जॉनसन
सर्वे में दुनिया के कई दिग्गज नेता शामिल हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन इस सर्वे में आठवें स्थान पर हैं. उन्हें 41 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है.
तस्वीर: Tayfun Salci/Zumapress/picture alliance
9. जायर बोल्सोनारो
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो इस सर्वे में नौवें स्थान पर हैं. उन्हें 39 फीसदी रेटिंग मिली है.
तस्वीर: Adriano Machado/REUTERS
10. मून जे इन
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन सर्वे में 10वें स्थान पर हैं. उन्हें 38 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है. मॉर्निंग कंसल्ट अप्रूवल और डिसअप्रूवल रेटिंग सात दिनों के मूविंग एवरेज के आधार पर तय करती है.
तस्वीर: Jeon Heon-Kyun/REUTERS
10 तस्वीरें1 | 10
एक समाजसेवी संस्था ने इसी महीने जारी एक रिपोर्ट में बताया है कि इस साल ईसाइयों पर हमलों के 300 मामले सामने आ चुके हैं. इन मामलों में अक्टूबर में उत्तराखंड में हुई घटना भी शामिल है, जिसमें एक चर्च पर बीजेपी और अन्य हिंदू संगठनों के दो सौ से ज्यादा सदस्यों ने कथित तौर पर हमला किया था. मार्च में हिंदू अतिवादियों के एक समूह ने छत्तीसगढ़ में एक चर्च पर हमला किया था. हमले के वक्त वहां लगभग 150 लोग मौजूद थे जिनमें से आठ गंभीर रूप से घायल हुए थे.
धर्मांतरण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी की सरकारें आक्रामक रही हैं. कम से कम तीन बीजेपी शासित राज्य ऐसे कानून पास कर चुके हैं जिनका मकसद कथित बलपूर्वक धर्मांतरण को रोकना है. इस कानून के तहत दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कई अन्य राज्य ऐसे ही कानून लाने की योजना बना रहे हैं. लेकिन आलोचकों का कहना है कि इन कानूनों का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है.
2020 में अमेरिका के एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने 2004 के बाद भारत को पहली बार ‘चिंताजनक स्थिति वाले देशों' की सूची में डाला था. नरेंद्र मोदी सरकार हिंदू एजेंडे पर चलने के आरोपों को खारिज करती रही है और दावा करती रही है कि सभी धर्म के लोगों को बराबर आजादी है.
विज्ञापन
जी-20 का एजेंडा
ग्लासगो के जलवायु सम्मेलन से ठीक पहले हो रहे जी-20 देशों के सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा सबसे ज्यादा गरम रहने की संभावना है. माना जा रहा है कि अमीर देशों का यह संगठन इस बात पर चर्चा करेगा कि जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए फौरन क्या कदम उठाए जा सकते हैं ताकि धरती के तापमान को सदी के आखिर तक 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा बढ़ने से रोका जा सके.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि यह मुद्दा एजेंडे में शामिल है. रोम में जो मसौदा प्रस्ताव पेश किया जाना है, उसमें लिखा है, "हम वजूद पर मंडरा रहे जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने को प्रतिबद्ध हैं.” एजेंडे के मुताबिक जी-20 के नेता कहेंगे कि वे मानते हैं कि अगर तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा बढ़ने से रोका जा सके तो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सकता है.
2021 के 100 सबसे प्रभावशाली लोग
टाइम मैग्जीन की ओर से जारी 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी नाम शामिल है. जानिए और कौन-कौन हैं सूची में.
तस्वीर: Money Sharma/AFP/Getty Images
नरेंद्र मोदी
टाइम के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं. टाइम ने लिखा एक स्वतंत्र देश के रूप में अपने 74 वर्षों में भारत के तीन प्रमुख नेता रहे हैं. प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश के लिए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक रूप में खाका तैयार किया. इंदिरा गांधी ने युद्ध, नागरिक संघर्ष और इमरजेंसी में सरकार चलाई और नरेंद्र मोदी तीसरे हैं, जो देश की सत्ता पर काबिज हैं.
तस्वीर: Reuters/A. Abidi
ममता बनर्जी
टाइम के प्रभावशाली लोगों की सूची में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हैं. टाइम ने उन्हें "भारतीय राजनीति में उग्रता का चेहरा" बताया. इसी साल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी ने भारी जीत दर्ज की थी.
तस्वीर: Subrata Goswami/DW
अदार पूनावाला
टाइम मैग्जीन की सूची में सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला को भी जगह दी गई है. सीरम इंस्टीट्यूट भारत में बड़े पैमाने पर कोविड की वैक्सीन कोविशील्ड बना रही है.
तस्वीर: Serum Institute of India
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर
तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को भी टाइम की लिस्ट में जगह मिली है. दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख मुल्ला बरादर को तालिबान और अमेरिका के बीच दोहा शांति समझौते पर बातचीत करने का श्रेय दिया जाता है.
तस्वीर: SOCIAL MEDIA/REUTERS
6 श्रेणियों में बांटा
टाइम मैग्जीन ने इस बार सूची को छह श्रेणियों में बांटा है. इन श्रेणियों में नेता, कलाकार, पायनियर, आइकन, टाइटन और इनोवेटर्स शामिल हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Buck
कवर पर प्रिंस हैरी और मार्कल
टाइम मैग्जीन के कवर पर प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन मार्कल की तस्वीर है. ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ के पोते प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन मार्कल ने इसी साल एक इंटरव्यू में ऐसी बातें कही जिनकी वजह से शाही परिवार सुर्खियों में आ गया था.
तस्वीर: John Stillwell/PA Wire/empics/picture alliance
कमला हैरिस
प्रभावशाली लोगों की सूची में भारतीय मूल की अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस का भी नाम है.
तस्वीर: Evelyn Hockstein/AP/picture alliance
बाइडेन, ट्रंप भी
विशेष रूप से डॉनल्ड ट्रंप और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन दोनों प्रभावशाली नेताओं की सूची में शामिल हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस सूची में हैं.
अलेक्सी नवाल्नी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे बड़े आलोचक अलेक्सी नवाल्नी को भी टाइम ने सूची में शामिल किया है. 44 साल के नवाल्नी लंबे समय से पुतिन के आलोचक रहे हैं. नवाल्नी बीते एक दशक से अपने यूट्यूब चैनल के जरिए रूसी सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोलने का दावा करते हैं.
तस्वीर: Maxim Shemetov/File Photo/REUTERS
टिम कुक और इलॉन मस्क
प्रभावशाली लोगों की सूची में एप्पल के सीईओ टिम कुक और इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा पर काम करने वाली कंपनी टेस्ला के सीईओ ईलॉन मस्क का भी नाम है.
तस्वीर: Paul Hennessy/ZUMAPRESS/picture alliance
10 तस्वीरें1 | 10
जी-20 देशों में से कई के नेता रोम नहीं पहुंच रहे हैं. सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग वीडियो लिंक के जरिए हिस्सा लेंगे. चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक वह एक विशेष भाषण भी देंगे. रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशीदा व्यक्तिगत रूप से सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन रोम पहुंच चुके हैं.
जी-20 देश दुनिया के कुल कार्बन उत्सर्जन के 80 फीसदी के लिए जिम्मेदार हैं. मांग की जा रही है कि ये देश गरीब देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 100 अरब डॉलर सालाना का भुगतान करें. वैसे तो यह लक्ष्य 2009 में तय किया गया था और इसे 2020 तक पूरा हो जाना था लेकिन ऐसा हो नहीं सका.