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किसान नेताओं की संपत्ति कुर्क करेगी हरियाणा पुलिस

२३ फ़रवरी २०२४

हरियाणा पुलिस ने किसान आंदोलन 2.0 में शामिल किसान नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. किसान नेताओं के बैंक खाते फ्रीज किए जा रहे हैं और उनकी संपत्ति कुर्क की जा रही है.

शंभू बॉर्डर
शंभू बॉर्डर पर खुद को ही जंजीरों में बांध कर प्रदर्शन करते किसानतस्वीर: Hindustan Times/IMAGO

मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि अंबाला पुलिस किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई करेगी. हालांकि अंबाला पुलिस ने एक्स पर लिखा कि इस मामले पर फिर से विचार किया गया और फैसला लिया गया कि एनएसए नहीं लगाया जाएगा.

लेकिन ऐसा नहीं है कि पुलिस किसान नेताओं के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रही है. लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 और हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम, 2021 के तहत कार्रवाई की जा रही है.

बढ़ रही है किसानों की नाराजगी

सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से ही करने के लिए अभी नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. नुकसान की भरपाई के लिए उनके बैंक खातों को जब्त और संपत्ति को कुर्क किया जाएगा.

इस बीच पंजाब सरकार ने खनौरी बॉर्डर पर चोट लगने से मारे गए 22 साल के किसान शुभकरण सिंह के परिवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक्स पर लिखा कि सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी देगी. 

सिंह की बुधवार को हरियाणा पुलिस द्वारा आंसू गैस छोड़ने के दौरान सिर पर चोट लगने से मौत हो गई थी. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उनका शव अभी तक अस्पताल में रखा हुआ. किसान नेता पुलिस को शव-परीक्षा करने की इजाजत नहीं दे रहे हैं.

कुछ किसान नेताओं ने सिंह को "शहीद" घोषित करने की मांग भी की है और लोगों को उनकी "हत्या" के खिलाफ अपने-अपने मकानों, दुकानों और गाड़ियों पर काले झंडे लगाने की अपील की है.

दो पुलिसकर्मी भी मारे गए

2020-21 में किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सिंह की मौत के लिए हरियाणा सरकार के अधिकारियों और राज्य के गृह मंत्री के खिलाफ हत्या के आरोप के तहत एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है.

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इस बीच हरियाणा पुलिस ने दावा किया है कि प्रदर्शनों के दौरान उसके दो पुलिसकर्मी मारे जा चुके हैं, एक को ब्रेन हैमरेज हो चुका है और 25 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

एसकेएम ने गुरुवार को किसान नेताओं की एक बैठक बुलाई जिसमें फैसला लिया गया कि 23 फरवरी को पूरे देश में केंद्रीय मजदूर संघों के साथ मिल कर 'काला दिवस' मनाया जाएगा. मजदूर संघों के सदस्य काले पट्टे लगा कर काम पर जाएंगे.

दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने घोषणा की कि 26 फरवरी को दिल्ली की तरफ जाने वाले राजमार्गों पर 'ट्रैक्टर मार्च' निकाला जाएगा और 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक सभा का भी आयोजन किया जाएगा.

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