दक्षिण पूर्व एशिया के लिए नयी उम्मीद बने भारतीय पर्यटक
१७ जुलाई २०२३
भारतीय पर्यटन उद्योग में बहार लौट आयी है. भारत के लोग खासकर दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं और चीन में जारी मंदी की भरपाई कर रहे हैं.
विज्ञापन
जून में प्रत्यूष त्रिपाठी और उनके चार दोस्त बैंकॉक और पटाया में छुट्टियां मनाकर आये. उनमें से हरेक ने 40 से 60 हजार रुपये के बीच खर्च किया. त्रिपाठी जैसे भारतीय दक्षिण पूर्व एशिया के पर्यटन उद्योग की नयी उम्मीद बन गये हैं.
प्रत्यूष त्रिपाठी कहते हैं कि उनकी यात्रा पर 40-50 हजार रुपये का खर्च आया, जिसमें यूरोप के किसी देश का सिर्फ टिकट मिलता. कोलकाता के रहने वाले 33 वर्षीय त्रिपाठी कहते हैं, "भारतीयों को यूरोप और अमेरिका के मुकाबले दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का वीजा आसानी से मिल जाता है. हमारा वक्त और धन भी बचता है.”
आजकल दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे थाईलैंड में भारतीय पर्यटकों की भी खूब भीड़ नजर आ रही है. इंडिगो और थाई एयरवेज जैसे एयरलाइंस और होटलों द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे विशेष ऑफर्स का जमकर फायदा उठाया जा रहा है. नयी-नयी कंपनियां भी भारत के तेजी से फैलते पर्यटन बाजार में अपनी हिस्सेदारी बनाने की कोशिश कर रही हैं.
विज्ञापन
भारत से आएगी वृद्धि
विमानन उद्योग के जानकार ब्रेंडन सोबी ने पिछले महीने एक सम्मेलन में कहा, "जाहिर तौर पर दक्षिण पूर्व एशिया भौगोलिक रूप से ऐसी जगह पर है कि वहां बढ़त की खासी गुंजाइश है और यह वृद्धि भारत से आएगी.”
कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए पर्यटन उद्योग अर्थव्यवस्था के मुख्य आधारों में से एक है. कोविड-19 महामारी से पहले इस क्षेत्र के कुल जीडीपी का 12 फीसदी हिस्सा इसी उद्योग ने दिया था. ऑर्गनाइजेशन ऑफ इकोनॉमिक कोऑपरेशन डेवेलपमेंट (ओईसीडी) के मुताबिक इस उद्योग में चार करोड़ से ज्यादा लोग काम करते हैं.
लगभग एक दशक तक इस उद्योग को चीन से बड़ा समर्थन मिलता रहा क्योंकि वहां के लोग घूमने के लिए इन देशों में जाते रहे. लेकिन क्षेत्र के चार देशों के आंकड़े दिखाते हैं कि मई 2019 यानी कोविड लॉकडाउन के दौरान से तुलना में इस साल मई में चीनी पर्यटकों की संख्या 60 फीसदी कम रही है.
उद्योग जगत का मानना है कि भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या अगर लंबे समय तक इसी तरह बढ़ती रहती है तो कई बड़े बदलाव नजर आएंगे. मसलन, विमानों की संख्या बढ़ेगी और होटलों और टूरिज्म ऑपरेटरों के ऑफर्स और बेहतर होंगे. इसके संकेत अभी से नजर भी आने लगे हैं.
अगला चीन बन सकता है भारत
एशिया विकास बैंक ने मई में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बाहर की ओर जाने वाले पर्यटकों के लिहाज से "भारत अगला चीन बनकर उभर सकता है” लेकिन वहां हवाई अड्डों की कम संख्या एक बाधा बन सकती है. रिपोर्ट में कहा गया, "महामारी के बाद पर्यटन में भारत दशक की सबसे खास घटना हो सकता है.”
बढ़ रहा है एक्सट्रीम टूरिज्म
टाइटन सबमरीन दुर्घटना ने दिखाया है कि एक अनूठे अनुभव के लिए कुछ लोग किस किस तरह के जोखिम उठाने को तैयार हैं. खतरनाक समुद्री यात्राएं हों, पूर्व युद्ध क्षेत्र हों या जंगल की सैर, एक्सट्रीम पर्यटन का कारोबार बढ़ रहा है.
समुद्र की सतह से 13,000 फुट नीचे टाइटैनिक के मलबे तक पहुंचने की कोशिश करने वाली टाइटन पनडुब्बी में हुए विस्फोट ने उसमें सवार सभी पांच लोगों की जान ले ली. इस मशहूर मलबे को देखने की यात्रा शुरुआत 2021 में ही हो गई थी. उस समय प्रति व्यक्ति शुल्क था 2,50,000 डॉलर.
तस्वीर: OceanGate/ZUMA Wire/IMAGO
माउंट एवेरेस्ट की चढ़ाई
इस साल बसंत में करीब 600 पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचे. लेकिन इसी अवधि में दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश में 13 लोगों की जान भी चली गई. चार लोग अभी भी लापता हैं. कई कंपनियां और स्थानीय शेरपा एड्रिनैलिन रश की तलाश करने वालों की पहाड़ पर चढ़ने में मदद करते हैं, लेकिन 29,030 फुट की चढ़ाई करना आज भी एक जोखिम भरा काम है.
तस्वीर: Yang Huyuan/HPIC/dpa/picture alliance
अंतरिक्ष की उड़ान
ब्लू ओरिजिन कंपनी 2021 से ही 10 मिनट लंबी अंतरिक्ष उड़ानें मुहैय्या करा रही है. सबसे पहला टिकट 2.8 करोड़ डॉलर में बिका था. वर्जिन गैलेक्टिक भी अगस्त 2023 से अंतरिक्ष उड़ानें शुरू करने की योजना बना रही है. आधे घंटे की यात्रा का शुल्क होगा 4,90,000 डॉलर प्रति व्यक्ति.
तस्वीर: Virgin Galacti/AP/picture alliance
युद्ध से क्षतिग्रस्त सीरिया के इलाके
कई टूर ऑपरेटरों ने सालों तक चले गृह युद्ध से तबाह हो चुके सीरिया की यात्रा कराना फिर से शुरू कर दिया है. लेकिन आलोचकों का कहना है कि सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों में पर्यटकों को ले जाने से असद के शासन को एक तरह से समर्थन मिलेगा. सालों तक चली लड़ाई में प्राचीन शहर पैलमाइरा जैसे कई आकर्षक स्थलों को भारी नुकसान पहुंचा.
तस्वीर: Omar Sanadiki/AP/picture alliance
यूक्रेन में मुक्त कराए गए शहरों की सैर
हाल के सालों में यूक्रेन के क्षतिग्रस्त चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट के आस पास का इलाका पर्यटन के लिए बेहद आकर्षक जगह बन गया था. लेकिन 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया तब यह सब बदल गया. लेकिन अब कुछ ऑपरेटर बूचा और इरपिन जैसे उन शहरों की यात्राएं ऑफर कर रहे हैं जिन्हें रूस के कब्जे से निकाल लिया गया है.
तस्वीर: Serg Glovny/ZUMA/picture alliance
उत्तर कोरिया के लौह परदे के पार
उत्तर कोरिया दुनिया के सबसे अलग थलग और सब से कम पर्यटन वाले स्थानों में से है. इस समय तो कोविड महामारी की वजह से विदेशियों का देश में आना मना है, लेकिन कुछ टूर ऑपरेटर वहां के टूर जरूर आयोजित करते हैं. देश के अंदर प्रवेश करने के सख्त नियम हैं जिसकी सिर्फ कुछ लोग ही प्रवेश कर पाते हैं.
तस्वीर: Yonhap/picture alliance
जंगल की चुनौतियों में पर्यटन
सर्वाइवल यात्राओं की भी मांग बढ़ी है. कई ऑपरेटरों के पास अलग अलग तरह के एडवेंचर पैकेज हैं, जिनके तहत रोमांच खोजने वाले ब्राजील के अमेजन वर्षावनों के अंदर जा सकते हैं. वहां उन्हें झूलों में सोना होता है, भोजन खोजना होता है और बिना माचिस या लाइटर के आग जलाना सीखना होता है.
तस्वीर: Gianluca Scalera/Zoonar/picture alliance
बर्फीले अंटार्कटिका में पेंगुइन से मुलाकात
गहरी जेबों वाले अंटार्कटिका भी जा सकते हैं जहां उनकी पेंगुइनों से मुलाकात हो सकती है. धरती के सबसे दक्षिणी महाद्वीप तक पहुंचने के लिए दक्षिण अमेरिका से क्रूज लेना होता है. नहीं तो दक्षिणी ध्रुव तक सीढ़ी फ्लाइट भी उपलब्ध है. किराया, मात्र 76,000 डॉलर.
थाईलैंड में पर्यटन सबसे बड़े आर्थिक क्षेत्रों में से एक है. वहां भारतीय काफी समय से घूमने जाते रहे हैं. हालांकि अब भी उनकी संख्या चीनी पर्यटकों से कम है लेकिन 2019 से तुलना करें तो इस साल भारतीय पर्यटकों की संख्या सिर्फ 14 प्रतिशत कम थी.
थाई सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में चीनी पर्यटकों ने रोजाना लगभग 197 डॉलर खर्च किये जबकि भारतीय पर्यटकों ने 180 डॉलर. दोनों ने ही थाईलैंड में औसतन एक हफ्ता बिताया. टूरिज्म अथॉरिटी ऑफ थाईलैंड के डिप्टी गवर्नर तानेस पेट्सुवान कहते हैं कि इस साल उन्हें भारत से 16 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद है.
नयी उड़ानों की शुरुआत
मई में चीनियों से ज्यादा भारतीयों ने सिंगापुर की सैर की. इंडोनेशिया जाने वाले भारतीयों की संख्या 63,000 रही जबकि इस दौरान 64,000 चीनी वहां पहुंचे. थाई एयरवेज के सीईओ चाई एमसीरी कहते हैं, "भारतीय मार्ग बहुत मजबूत हैं.”
बर्लिन के 2100 पुलों में से आपने कितने देखे हैं?
1989 में बर्लिन दीवार गिरने के बाद से बर्लिन पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण बन गया. आइये आपको बताते हैं जर्मनी की राजधानी के बारे में ऐसी 10 बातें जो आप शायद नहीं जानते हों.
तस्वीर: Stefan Ziese/imageBROKER/picture alliance
ओपेरा का जादू
बर्लिन दुनिया के उन चंद शहरों में से है जहां एक-दो नहीं बल्कि तीन ओपेरा हाउस हैं. इसका कारण है, कई दशकों तक जर्मनी के बाकी हिस्सों की तरह बर्लिन का भी विभाजित रहना. आज आप चाहें तो बर्लिन स्टेट ओपेरा में ओपेरा सुनने जा सकते हैं या मन करे तो डॉयचे ओपेर या कोमिषे ओपेर में भी जा सकते हैं.
तस्वीर: Paul Zinken/dpa/dpa-Zentralbild/picture alliance
पुलों का शहर
बर्लिन में किसी भी जगह से दूसरी जगह जाना काफी आसान है. ऐसा इसलिए क्योंकि शहर में करीब 2,100 पुल हैं, जिनमें से 600 से ज्यादा नदियों या नहरों पर बने हैं. इतने पुल तो वेनिस में भी नहीं हैं. बर्लिन में स्प्री नदी, हाफेल नदी और तेल्तो नहर समेत कई नदियां और नहरें कुल मिलाकर करीब 200 किलोमीटर में बहती हैं. इनमें नाव भी चल सकती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/W. Kumm
खरीदारी का पर्याप्त इंतजाम
बर्लिन में ही यूरोप का सबसे बड़ा डिपार्टमेंट स्टोर भी है, जिसे काउफहाउस देस वेस्टेन्स (पश्चिम का डिपार्टमेंट स्टोर) के नाम से जाना जाता है. यह फुटबॉल के आठ मैदानों जितना बड़ा है और रोज 50,000 से भी ज्यादा लोग यहां खरीदारी करने आते हैं. उनमें से 40 प्रतिशत पर्यटक होते हैं.
तस्वीर: Revierfoto/Imago
नाम में क्या रखा है?
इस जेली डोनट को पूरे जर्मनी में 'बर्लिनर' कहा जाता है. लेकिन बर्लिन में इसे लोग "फानकूखन" कहते हैं, जिसका मतलब होता है पैनकेक. मजे की बात यह है कि असली पैनकेक को बर्लिन में 'आयरकूखन' यानी अंडे का केक कहते हैं. बर्लिन में खाने की चीजों के नाम याद करना काफी चुनौती भरा काम है.
तस्वीर: Caroline Seidel/dpa/picture alliance
शहर आपके नीचे है
लजीज पकवानों का मजा लेने के लिए बर्लिन के सबसे अच्छे ठिकानों में से है यह रेस्तरां जो जर्मनी के संसद भवन 'राइषटाग बिल्डिंग' के सबसे ऊपरी तल पर बना हुआ है. यह दुनिया का इकलौता ऐसा रेस्तरां है जो एक संसद भवन के अंदर होने के बावजूद आम जनता के लिए भी खुला है. हालांकि वहां जाने से पहले आपको रजिस्टर करवाना होता है, निजी जानकारी देनी होती है और अपना आईडी कार्ड दिखाना होता है.
तस्वीर: Christian Beier/chromorange/picture-alliance
भोजन और मिली जुली संस्कृति
बर्लिन के स्थानीय खानपान पर शहर में बड़ी संख्या में मौजूद तुर्क समुदाय का काफी बड़ा असर है. अधिकांश बेकरियों में आपको तुर्क खुसखुस मिल जाएगा. डोनर कबाब की यहां 1,600 दुकानें हैं, यानी इतनी जितनी इस्तानबुल में भी नहीं हैं! हालांकि इसका कारण यह है कि फास्ट फूड आइटम के रूप में डोनर कबाब का आविष्कार बर्लिन में ही हुआ था. यह एक सैंडविच है, लेकिन इसमें डलने वाले सलाद और कई तरह के सॉस इसे अलग बना देते हैं.
तस्वीर: Robert Schlesinger/picture alliance
वीगन हैं? चिंता न करें
वीगन लोगों के लिए भी बर्लिन में काफी विकल्प हैं. शहर में 100 से भी ज्यादा वीगन या वीगन-फ्रेंडली रेस्तरां हैं, जहां पूरी तरह प्लांट बेस्ड खाना और अन्य उत्पाद मिलते हैं. अधिकांश सुपरमार्केट, कैफे और आइसक्रीम की दुकानों में वीगन उत्पाद मिलते हैं. और तो और, यहां एक वीगन सेक्स शॉप भी है!
तस्वीर: Ole Spata/dpa/picture alliance
कला और संग्रहालयों का केंद्र
बर्लिन में 300 आर्ट गैलरियां हैं जो इसे यूरोप में समकालीन कला का सबसे बड़ा ठिकाना बनाती हैं. इसके अलावा यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय भी हैं, जिनमें से अधिकांश 'म्यूजियम आइलैंड' के नाम से जाने जाने वाले इलाके में स्थित हैं. बर्लिन में दुनिया का सबसे बड़ा ओपन-एयर संग्रहालय भी है, जिसे 'ईस्ट साइड गैलरी' कहा जाता है. यह बर्लिन वाल का सबसे लंबा हिस्सा है जो अभी तक बरकरार है.
तस्वीर: picture-alliance/S. Lubenow
बारिश की चिंता नहीं
बर्लिन का मौसम ट्रॉपिकल नहीं है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि साल में बारिश के जितने दिन होते हैं, बर्लिन में उससे ज्यादा संग्रहालय हैं. यानी अगर आप बर्लिन घूमने की योजना बना रहे हैं तो बुरे मौसम की अफवाहों को अपनी योजना के आड़े मत आने दीजिये. जिन दिनों में बारिश बंद ही ना हो रही हो उन दिनों में आप किसी भी बड़ी गैलरी के अंदर एक आरामदायक माहौल का आनंद ले सकते हैं.
तस्वीर: Jürgen Ritter/imago images
सेक्स की बड़ी भूमिका है
बर्लिन में सेक्स की एक खास भूमिका है. कई लोगों के लिए उनकी सेक्सुएलिटी की अभिव्यक्ति शहर की संस्कृति का हिस्सा है. यहां एक गे संग्रहालय है और एक लिपस्टिक संग्रहालय भी है. (सेरतान सैंडर्सन)
तस्वीर: Jens Kalaene/picture alliance
10 तस्वीरें1 | 10
थाई एयरवेज हर हफ्ते चीन से 14 उड़ानें चला रही है. महामारी से पहले इनकी संख्या 40 हुआ करती थी. भारत से उसकी उड़ानों की संख्या 70 है. चाई कहते हैं कि आने वाले एक दशक में भारत से आने जाने वाले विमानों की संख्या दोगुनी होने की संभावना है.
भारत की सस्ती एयरलाइन इंडिगो ने हाल ही में 500 नये विमानों का ऑर्डर दियाहै और कंपनी का कहना है कि यह सिर्फ उसकी घरेलू मांग को पूरा करेगा. दक्षिण पूर्व एशिया की ओर उसकी हर हफ्ते 100 से ज्यादा उड़ानें हैं. इंडिगो के सेल्स हेड विनय मल्होत्रा कहते हैं, "हम अगस्त से जकार्ता और सिंगापुर के लिए नयी उड़ानें शुरू कर रहे हैं.”
भारतीय ग्राहक इन देशों के होटल उद्योग को भी खासी मदद कर रहे हैं. मिनोर होटेल्स के इलाके में 45 होटल हैं जिनमें 6,000 से अधिक कमरे हैं. कंपनी के सीईओ दिलीप राजाकरियर कहते हैं, "भारतीय बाजार लगातार हमारे सबसे बड़े बाजारों में बना हुआ है.”