धारावी: विरोध के बीच अदाणी समूह का विदेशी कंपनियों से करार
१ जनवरी २०२४
मुंबई की धारावी झुग्गी बस्ती के पुनर्विकास योजना को लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है. सियासी विवाद के बीच अदाणी समूह ने धारावी के पुनर्विकास के लिए विदेशी कंपनियों के साथ करार किया है.
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मुंबई की झुग्गी बस्ती धारावी के पुनर्विकास को लेकर बीते कई हफ्तों से राजनीति जारी है. उद्धव ठाकरे गुट (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी जैसे विपक्षी दल इस प्रोजेक्ट में घोटाले का आरोप लगा रहे हैं. वहीं अदाणी समूह ने इस विवाद को लेकर दो हफ्ते पहले एक बयान में कहा था कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री रहते हुए टेंडर की शर्तों को अंतिम रूप दिया गया था.
पिछले महीने उद्धव गुट और कांग्रेस ने इस परियोजना के विरोध में एक रैली निकाली थी. एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी के पुनर्विकास परियोजना के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिस तरह से धारावी का पुनर्विकास किया जा रहा है वह मुंबई और महाराष्ट्र के लिए हानिकारक और बुरा है.
धारावी को चमकाने की योजना
जुलाई में महाराष्ट्र सरकार ने 259 हेक्टेयर में फैले धारावी स्लम को दोबारा विकसित करने का जिम्मा औपचारिक रूप से अदाणी समूह की कंपनी धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) को सौंपा था. सोमवार को डीआरपीपीएल ने कहा कि वह पुनर्विकास के लिए हफीज कॉन्ट्रैक्टर, अमेरिकी डिजाइन कंपनी सासाकी और यूके की कंपनी बुरो हैपोल्ड के साथ हाथ मिला रही है.
ऑनलाइन हुए धारावी के कारोबारी
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अधिकारी इसे दुनिया की सबसे बड़ी शहरी पुनर्विकास योजना बताते हैं. डीआरपीपीएल ने इसको विकसित करने के लिए 5069 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. डीआरपीपीएल में अदाणी समूह की 80 फीसदी और महाराष्ट्र सरकार की 20 फीसदी हिस्सेदारी है.
2023 की बड़ी राजनीतिक हलचलें
2023 का साल देश की सियासत के लिए उथल-पुथल भरा रहा. पक्ष-विपक्ष, दोनों ही अपनी राजनीतिक चालें चलते रहे.
तस्वीर: Deepak Sharma/AP Photo/picture alliance
बीजेपी की बल्ले-बल्ले
इस साल हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने तमाम दावों को दरकिनार करते हुए हिन्दी बेल्ट के तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव जीत लिए. बीजेपी ने जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया.
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कर्नाटक और तेलंगाना में बदलाव
कांग्रेस ने दक्षिण के राज्य कर्नाटक में चुनाव जीतकर बड़ा संदेश देने की कोशिश की. इससे विपक्षी दलों के अंदर थोड़ा आत्मविश्वास आया. साल के अंत में हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बंपर जीत हुई और के. चंद्रशेखर राव का हैट्रिक सरकार बनाने का सपना टूटा.
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विपक्षी गठबंधन "इंडिया"
कांग्रेस के साथ लगभग दो दर्जन प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने मिलकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ इंडिया गठबंधन बनाया. 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची कर रहा है.
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मणिपुर में हिंसा
3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी. मैतेई समुदाय की ओर से जातीय आरक्षण की मांग के बाद हिंसा भड़की थी. इस हिंसा में 150 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है.
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अनुच्छेद 370 पर "सुप्रीम फैसला"
इसी साल सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद 2019 में जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को संवैधानिक ठहराया है. अदालत की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है. जम्मू और कश्मीर के पास दूसरे राज्यों से अलग आंतरिक संप्रभुता नहीं है.
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141 सांसद निलंबित
शीतकालीन सत्र में लोकसभा और राज्यसभा से रिकॉर्ड संख्या में विपक्षी सांसदों का निलंबन हुआ. लोकसभा से 95 और राज्यसभा से 46 सांसद सदस्य निलंबित किए गए. दरअसल विपक्षी सांसद संसद में सुरक्षा चूक को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे.
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हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर बवाल
अदाणी समूह पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने साल की शुरूआत में कई खुलासे किए थे. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि अदाणी समूह ने टैक्स हैवन देशों के रास्ते पैसे लगा कर अपनी कंपनियों के शेयरों के दामों को कृत्रिम रूप से बढ़ाया. मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा और इस पर फैसले का इंतजार है.
डीआरपीपीएल की स्थापना जुलाई में की गई थी और और अंतरराष्ट्रीय टीम के साथ करार इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि विपक्षी दल अदाणी समूह पर बोली में फायदा उठाने का आरोप लगा रहे हैं. जबकि झुग्गी बस्ती में रहने वाले इस चिंता में हैं कि क्या अदाणी समूह इस प्रोजेक्ट को पूरा कर पाएगा.
अदाणी समूह ने अपने बचाव में एक बयान में कहा था कि धारावी परियोजना एक निष्पक्ष, खुली और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान की गई थी. जबकि राज्य सरकार ने किसी भी गलत काम से इनकार किया था.
मुंबई में पिछले महीने अदाणी के दफ्तर के बाहर हजारों की संख्या में लोगों ने पुनर्विकास योजनाओं के विरोध में प्रदर्शन भी किया था.
एए/वीके (रॉयटर्स)
पर्यटकों की पसंद ब्राजील की झुग्गियां
रियो डि जिनेरियो की ये झुग्गी बस्तियां दुनिया भर के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है. कलाकारों द्वारा दिए गए नए रंग रोगन ने बस्ती का हुलिया बदल दिया है.
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यह है बस्ती का एक्टिंग स्कूल. दीवारों पर रंगों की छटा. एक समय में जहां आना जाना नापसंद किया जाता था आज वही इलाका 'विडिगाल' पर्यटकों के लिए कला का ठिकाना साबित हो रहा है.
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विडिगाल रियो के दक्षिण में पहाड़ी इलाके में है. ईपानेमा समुद्र तट से ठीक ऊपर. रात के समय घरों की खिड़कियों से झांकती रोशनी आसमान के बीच चमकते सितारों सी लगती है.
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1960 के दशक में बहुत से गरीब ब्राजीलियाई यहां आए क्योंकि उनके रोजगार यहां आस पास थे. पास के रईस लेबलन शहर में नौकरी की कई संभावनाएं हैं. लेकिन इलाके में मकानों के बढ़ रहे दाम से अब इन लोगों का रहना मुश्किल हो गया है.
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आज भी विगिडाल के लोगों को 1970 में मिली जीत पर गर्व है. जब इस पहाड़ी पर अपार्टमेंट्स बनाए जाने के प्रोजेक्ट का उन्होंने विरोध किया और कामयाबी पाई. उस समय कई कलाकारों और संगीतकारों ने उन्हें अपना समर्थन दिया.
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आज विगिडाल कुछ ऐसे इलाकों में शुमार है जहां हिंसा बहुत कम और कला के शौकीनों के लिए बहुत कुछ है. दिन के समय ऊपर से पूरा कोपाकबाना का इलाका देखा जा सकता है जहां रात में मेहमान पार्टी करते हैं.
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अक्सर यहां आने वाले मेहमान आने के बाद ज्यादा दिन तक रहने का मूड बना लेते हैं. यहां ऐसे होटल भी सस्ते दामों में मिल जाते हैं जिनसे शानदार नजारा देखना आसान है.
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विडिगाल में कई नई इमारतें बन रही हैं. यहां तक कि सैलानियों की बढ़ रही भीड़ के चलते पांच सितारा होटल भी बनाए जाने की योजना है.
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कई लोगों का मानना है कि यहां रहना कोपाकबाना के होटलों से ज्यादा सुरक्षित है. बीते कुछ सालों में लूटपाट में कमी आई ही है. 2012 में जब से यहां संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना के जवान आए हैं, नशे का कारोबार भी कम हुआ है.
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विडिगाल की बढ़ रही रौनक के साथ पुराने लोगों की कुछ दिक्कतें फिर सिर उठा रही हैं. नए होटल बनाने के चक्कर में कंपनियां उन पर घर छोड़ने का दबाव डाल रही हैं.