भारत में कंपनियों के बीच प्रतिद्वंद्विता की निगरानी करने वाली संस्था कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने अमेरिकी टेक कंपनी एप्पल के खिलाफ जांच शुरू कर दी है.
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सीसीआई का कहना है कि शुरुआती छानबीन से लगता है कि एप्पल ने स्पर्धारोधी कानूनों का उल्लंघन किया. सीसीआई का आदेश एक स्वयंसेवी संस्था की शिकायत के आधार पर आया है. 'टुगेदर वी फाइट सोसायटी' नामक इस संस्था ने पिछले साल शिकायत की थी कि ऐप बाजार में अपनी प्रभुत्व का एप्पल फायदा उठा रही है और डेवेलपर्स को अपना सिस्टम इस्तेमाल करने पर मजबूर कर रही है.
संस्था की दलील थी कि एप्पल की खरीदकर इस्तेमाल किए जाने वाली डिजिटल सामग्री पर 30 प्रतिशत इन-ऐप फीस और अन्य पाबंदियां प्रतिस्पर्धा के लिए हानिकारक हैं क्योंकि इससे ऐप डेवेलपर्स की लागत बढ़ जाती है और ग्राहकों की कीमत भी. शिकायत में आरोप लगाया गया कि इससे बाजार में प्रवेश करने में भी बाधा पैदा होती है.
एप्पल की दलील
सीसीआई ने कहा कि पहली नजर में एप्पल की पाबंदियां संभावित ऐप डेवेलपर और डिस्ट्रीब्यूटर के रास्ते की बाधा प्रतीत होती हैं. कमीशन ने कहा, "इस चरण में कमीशन आश्वस्त है कि प्रथम दृष्टया एप्पल के खिलाफ जांच का मामला बनता है.” एप्पल ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है.
गूगल और एप्पल प्ले स्टोर को चुनौती देते भारतीय प्ले स्टोर
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रिॉनिक्स एसोसिएशन के मुताबिक, 2019 में भारत में करीब 50 करोड़ स्मार्टफोन यूजर थे. स्मार्ट फोन का बाजार बड़ा है और साथ ही ऐप स्टोर का भी. गूगल और एप्पल को अब भारत से भी चुनौती मिल रही है.
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ऐप स्टोर और कारोबार
गूगल और एप्पल पर अपने ऐप स्टोर पर एकाधिकार जमाने का आरोप लगता आया है. दरअसल ऐप स्टोर पर कई ऐप मुफ्त हैं जैसे कि फेसबुक, व्हॉट्सऐप, आरोग्य सेतु आदि लेकिन कुछ ऐप ऐसे होते हैं जिन्हें खरीदना पड़ता है. इसके बदले कंपनियां ऐप बनाने वालों से भी कमीशन लेती हैं.
तस्वीर: Apple Inc.
भारत में भी विवाद
भारत में पिछले दिनों पेमेंट ऐप पेटीएम को गूगल ने नीतियों के उल्लंघन का हवाला देते हुए उसे प्ले स्टोर से हटा दिया था. इससे पहले जोमाटो और स्विगी को भी गूगल ने नोटिस भेजा था. टिकटॉक बैन होने के बाद भारतीय स्टार्ट कंपनियां अब नए-नए विकल्प तलाश रही हैं. तकनीक के क्षेत्र में स्टार्टअप में अब शॉर्ट वीडियो फॉर्मेट वाले ऐप, गेमिंग ऐप तैयार हो रहे हैं. सरकार भी इसे बढ़ावा दे रही है.
तस्वीर: Propellerhead Software
पेटीएम का मिनी ऐप स्टोर
पिछले दिनों भारतीय कंपनी पेटीएम ने एंड्रॉयड यूजर्स और ऐप डेवलेपर्स के लिए अपना मिनी ऐप स्टोर लॉन्च किया. अब भारतीय यूजर्स को गूगल के अलावा एक और विकल्प मिल गया है. पेटीएम के मिनी ऐप स्टोर पर इस वक्त 1एमजी, नेटमेड्स, डीकैथलॉन जैसे कई और ऐप लिस्ट हो चुके हैं.
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सरकारी ऐप स्टोर
ई गॉव ऐप स्टोर पर भारत सरकार के कई ऐप मौजूद हैं इसके अलावा मॉय गॉव डॉट इव पर पहले ही सैकड़ों ऐप मौजूद हैं जो कि मुफ्त हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार जल्द अपना ऐप स्टोर लॉन्च करने जा रही है ताकि भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को परेशानियों से बचाया जा सके.
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ऐप का बाजार
ऐप स्टोर पर कुछ ऐसे ऐप्स मौजूद हैं जिनको डाउनलोड करने के लिए फीस अदा करनी पड़ती है. इन ऐप्स का बाजार विशाल है. एक अनुमान के मुताबिक 2019 में लोगों ने ऐप स्टोर से 460 अरब डॉलर के ऐप खरीदे और इसके आने वाले सालों में बढ़ने की संभावना है.
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कमाई का जरिया
भारत में करीब 50 करोड़ लोग स्मार्ट फोन इस्तेमाल करते हैं और एक अनुमान के मुताबिक तीन फीसदी लोगों के पास एप्पल के फोन हैं. यानी 97 फीसदी लोगों के पास एंड्रायड के फोन हैं. गूगल ऐप स्टोर से होने वाली कमाई में बहुत आगे निकलना चाहता है. युवा देश में गेमिंग और वीडियो शेयरिंग जैसे ऐप्स काफी लोकप्रिय है और ऐप के लिए पैसे भी चुकाने को तैयार रहते हैं.
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गेमिंग ऐप पर नजर
भारत में पबजी और टिकटॉक बैन होन के बाद कई देसी ऐप बाजार में आ गए हैं और वे लोकप्रिय भी हो रहे हैं. पबजी की तर्ज पर ही भारतीय कंपनी ने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार के साथ एएफयू-जी (फौजी) ऐप लॉन्च किया है. कुछ महीने पहले भारत सरकार ने सुरक्षा का हवाला देते हुए 118 चीनी ऐप्स बैन कर दिए थे.
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एप्पल ने पिछले महीने ही सीसीआई में अपना पक्ष दाखिल किया था. कंपनी ने आरोपों को नकारते हुए कहा था कि भारतीय बाजार में उसका हिस्सा मात्र 0-5 प्रतिशत है, इसलिए इस शिकायत को खारिज कर दिया जाना चाहिए.
लेकिन सीसीआई ने अपने आदेश में कहा है कि एप्पल का बाजार में हिस्सेदारी का दावा पूरी तरह दिगभ्रमित करने वाला है क्योंकि शिकायत ऐप डेवेलपरों पर लगी पाबंदियों के बारे में है ना कि उपभोक्ताओं के बारे में.
यूरोपीय संघ में भी जांच
एप्पल पर ऐसा ही मामला यूरोपीय संघ में भी चल रहा है. ऐसी ही शिकायतों के आधार पर यूरोपीय संघ ने 2020 में एप्पल के खिलाफ जांच शुरू की थी. यूरोपीय कमीशन ने कहा था कि इस बात की जांच की जा रही है कि क्या एप्पल ने ऐप डेवेलपरों को अपना इन-ऐप खरीददारी सिस्टम इस्तेमाल करने को मजबूर किया.
यूरोपीय संघ में की जा रही जांच में इस पहलू पर भी गौर किया जा रहा है कि क्योंकि एप्पल ने ऐसे नियम बनाए कि ऐप बनाने वाले ग्राहकों को सस्ता विकल्प ना दे पाएं. यह जांच स्वीडन की एक म्यूजिक स्ट्रीमिंग सेवा देने वाली ऐप स्पॉट.एन की शिकायत पर शुरू की गई थी. इसमें कहा गया था कि एप्पल अपनी म्यूजिक सेवा एप्पल म्यूजिक के प्रतिद्वन्द्वियों को रोकने के लिए ऐसे नियम लागू किए हुए है.
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गूगल की भी जांच
सीसीआई ने अपने जांचकर्ताओं को आदेश दिया है कि 60 दिन के भीतर जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट दाखिल करें. आमतौर पर ऐसी जांच में महीनों लग जाते हैं. सीसीआई ऐसी ही जांच गूगल के इन-ऐप पेमेंट सिस्टम के बारे में भी कर रही है, जो भारत की कुछ स्टार्टअप कंपनियों द्वारा चिंताएं जताने के बाद शुरू हुई थी. 2020 में यह जांच शुरू हुई थी.
नवंबर 2020 में जारी एक आदेश में सीसीआई ने कहा था कि गूगल के कुछ स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों के साथ समझौतों की जांच की जा रही है क्योंकि ऐसी आशंका है कि ये फोन पहले से ही गूगल पे ऐप के साथ बिकते हैं जो प्रतिस्पर्धा के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
वीके/एए (रॉयटर्स)
आदम और हव्वा से लेकर स्टीव जॉब्स तक.. सेब की कहानी
आदम और हव्वा से लेकर स्टीव जॉब्स तक एप्पल यानि सेब की कई कहानियां हैं. कहीं ये वर्जित फल है, तो कहीं शाही प्रतीक चिन्ह. कहीं रिकॉर्ड लेबल, तो तकनीक की दुनिया का सबसे मशहूर लोगो. देखें सेब से जुड़ी कुछ कहानियां.
शायद 21वीं सदी का सबसे मशहूर 'सेब', 'एप्पल' है, यानि एप्पी कंपनी का लोगो. एक तरफ से बाइट लिया हुआ सेब. इसे 1977 में रॉब जेनॉफ ने डिजाइन किया था. एप्पल को एप्पल नाम देने का आइडिया इसके संस्थापकों में एक रहे स्टीव जॉब्स का था. उन्होंने बताया था कि एक बार जब वे सेब के एक बगीचे से लौट रहे थे, तो उन्हें कंपनी का नाम एप्पल रखने का विचार आया.
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आदम और हव्वा
बाइबिल के मुताबिक इसकी शुरूआत हुई स्वर्ग में. मानव जाति के मां बाप यानि एडम और ईव ने ईश्वर के आदेश को न मानने की गलती की और ज्ञान के पेड़ का एक फल खा लिया. यह फल सेब ही था. आदम ने भी एक टुकड़ा लिया और हव्वा ने भी.
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सुनहरा सेब
ग्रीक पौराणिक कथाओं में यह फल देवियों के बीच झगड़े का कारण बना. इसके चलते ही ट्रॉजन युद्ध छिड़ा. ट्रॉजन के युवा राजकुमार पेरिस को यह निर्णय करने के लिए बुलाया गया कि तीन देवियों में कौन सबसे खूबसूरत है, एफ्रोडाइट, एथेनी या हेरा. तीनों ने ही राजकुमार को अलग अलग तरह के प्रलोभन दिए. एफ्रोडाइट ने उसे दुनिया की सबसे खूबसूरत स्त्री से प्रेम का प्रलोभन दिया. राजकुमार पेरिस ने उसे ही सुनहरे सेब से नवाजा.
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चीजें ऊपर ही क्यों नहीं रहती?
ब्रिटेन के मशहूर वैज्ञानिक और गणितज्ञ आइजक न्यूटन उस वक्त सेब के पेड़ के नीचे ही बैठे थे, जब उन्हें गुरुत्वाकर्षण का पता चला. उन्होंने सोचा कि आखिर यह सेब जो पेड़ से गिरा, यह नीचे ही क्यों गिरा, उपर क्यों नहीं गया. यहीं से न्यूटन को 'गुरुत्वाकर्षण के नियम' का खयाल आया.
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कौन सबसे खूबसूरत?
अपनी सौतेली बेटी की खूबसूरती से जलने वाली रानी ने एक जहरीला सेब उसे खिला दिया. जैसे ही उसने सेब का टुकड़ा खाया, वह जमीन पर लुड़क गई. फिर कांच के एक ताबूत में बंद इस लड़की के गले से जैसे ही सेब का वह टुकड़ा ठोकर लगने से बाहर निकला, वह फिर से जी उठी. हां, यह मशहूर परिकथा स्नोव्हाइड और सात बौनों की ही है.
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बीटल्स का एप्पल
1986 में बीटल्स ने अपने खुद के रिकॉर्ड लेबल की शुरूआत की और उसे नाम दिया एप्पल रिकॉर्ड्स. लोगो था एक उजला हरा ग्रैनी स्मिथ सेब. यह पहली बार इसी साल आई बैंड की मशहूर रही एल्बम 'व्हाइट एल्बम' में दिखाई दिया.