संसद में गालियां देने वाले बीजेपी नेता को मिली नई जिम्मेदारी
चारु कार्तिकेय
२८ सितम्बर २०२३
सांसद दानिश अली को संसद में गालियां देने वाले बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी को चुनावों से जुड़ी नई जिम्मेदारी सौंप दी गई है. सवाल उठ रहे हैं कि कार्रवाई करने की जगह उन्हें नई जिम्मेदारी देकर पार्टी क्या संदेश देना चाह रही है.
लोकसभातस्वीर: AP Photo/picture alliance
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राजस्थान में जल्द होने वाले विधान सभा की तैयारियों में जुटी बीजेपी ने बिधूड़ी को टोंक जिले में पार्टी की समन्वय समिति का सदस्य बना दिया है. कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि उन्हें जिला इन-चार्ज के बराबर जिम्मेदारी दी गई है.
बिधूड़ी ने खुद 'एक्स' पर जानकारी दी कि वो बीजेपी की टोंक जिला समन्वय समिति की बैठक में शामिल हुए थे. उन्होंने इस बैठक की तस्वीरें भी साझा कीं, जिनमें वो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और अन्य नेताओं के साथ बैठक में चर्चा करते नजर आ रहे हैं.
टोंक ही क्यों
मीडिया रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि बिधूड़ी को यह जिम्मेदारी दिए जाने का फैसला टोंक जिले के जातीय समीकरण को देख कर लिया गया है. टोंक में गुर्जर समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और बिधूड़ी खुद उसी समाज से हैं.
जिले में मुस्लिम मतदाता भी काफी बड़ी संख्या में हैं और अटकलें लग रही हैं कि ऐसे जिले में बिधूड़ी की नियुक्ति हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए की गई है. बिधूड़ी ने 22 सितंबर, 2023 को लोक सभा में बीएसपी के सांसद दानिश अली के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था.
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इसके बाद लोक सभा के स्पीकर ओम बिरला ने बिधूड़ी को दोबारा ऐसा ना करने की हिदायत दी थी और उनके शब्दों को संसदीय रिकॉर्ड से हटा देने के आदेश दिए थे. बीजेपी ने भी उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
सजा की जगह पुरस्कार: विपक्ष
विपक्ष ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. अब विपक्ष के कई नेताओं ने पार्टी में उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की जगह उन्हें नई जिम्मेदारी दिए जाने की आलोचना की है. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने एक्स पर लिखा कि बीजेपी ने बिधूड़ी को पुरस्कार दिया है.
बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद हैं. यह लोकसभा में उनका दूसरा कार्यकाल है. इससे पहले वो 11 सालों तक दिल्ली विधानसभा के सदस्य थे.
उन्होंने 2019 में अपने चुनावी हलफनामे में अपने बारे में जो जानकारी दी थी, उसके मुताबिक उनके पास 18 करोड़ रुपये की संपत्ति है. उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. इनमें जानबूझकर दूसरों को चोट पहुंचाने और मानहानि जैसे अपराध शामिल हैं.
भारत में लगातार हो रही है सांप्रदायिक हिंसा
2020 के दिल्ली दंगों के बाद भी भारत के कई राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिली है. गुजरात से लेकर त्रिपुरा तक और दिल्ली से लेकर कर्नाटक तक, जानिये कहां कहां भड़की हिंसा.
तस्वीर: IANS
बेंगलुरु, 2020
अगस्त 2020 में एक फेसबुक पोस्ट को लेकर दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी. हिंसा में पुलिस स्टेशन भी जला दिए गए थे और पुलिस की फायरिंग में तीन लोग मारे गए थे. 200 से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
तस्वीर: AFP/M. Kiran
त्रिपुरा, 2021
अक्टूबर 2021 में बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हुई हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद ने त्रिपुरा में कई जगह रैलियां निकालीं, जिनके दौरान कई मुस्लिमों के घर और दुकानें जला दी गईं और चार मस्जिदों पर हमला किया गया.
तस्वीर: Panna Ghosh/AP Photo/picture alliance
कर्नाटक, 2021
कर्नाटक के कई इलाकों में 2021 में चर्चों, पादरियों और आम ईसाईयों पर हमले किये गए. एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे साल में कर्नाटक में इस तरह के हमलों के कम से कम 30 मामले सामने आये. कई अन्य राज्यों को मिला कर इस तरह के 300 से ज्यादा मामले दर्ज किये गए.
तस्वीर: Altaf Qadri/AP/picture alliance
कर्नाटक, 2022
फरवरी, 2022 में कर्नाटक में कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं की हिजाब पहनने की आजादी को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, जिसे लेकर कई महीनों तक राज्य में तनाव बना रहा. कई स्थानों पर सांप्रदायिक हिंसा भी हुई.
तस्वीर: DW
कई राज्य, 2022
अप्रैल 2022 में रामनवमी पर निकाली गई यात्राओं के बीच गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक में हिंसक झड़पें हुईं, जिनमें कई लोग घायल हो गए. गुजरात में हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई. दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रामनवमी पर मांसाहारी भोजन खिलाए जाने को लेकर छात्र परिषद्व और एबीवीपी के बीच हिंसक झड़प हो गई जिसमें 16 छात्र घायल हो गए.
तस्वीर: PRABHAKAR/DW
अयोध्या, 2022
अयोध्या पुलिस ने बताया कि 11 लोगों ने मिल कर शहर में सांप्रदायिक तनाव बनाने के लिए शहर की कई मस्जिदों में आपत्तिजनक पोस्टर, सूअर का मांस और कुरान के फटे हुए पन्ने डाल दिए थे. पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार भी किया था.
तस्वीर: Narinder Nanu/AFP/Getty Images
दिल्ली, 2022
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अप्रैल 2022 में ही हनुमान जयंती पर निकाली गई एक यात्रा के दौरान हुई झड़प ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया. हिंसा में पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए.
तस्वीर: Amarjeet Kumar Singh/AA/picture alliance
पैगम्बर पर टिप्पणी विवाद, 2022
मई 2022 में भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद पर आयोजित एक टीवी डिबेट में हिस्सा लेते हुए पैगंबर मोहम्मद पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. टिप्पणी को लेकर कई हफ्तों तक देश के कई राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा हुई. कई मुस्लिम देशों ने भी शर्मा की टिप्पणी की निंदा की.
तस्वीर: Ajay Aggarwal/Hindustan Times/imago
राजस्थान, 2022
मई, 2022 में राजस्थान के जोधपुर में ईद के ठीक पहले अलग अलग झंडे लगाने को लेकर दो समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई. पथराव के बीच कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए जिसके बाद इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं.
तस्वीर: ANI/REUTERS
महाराष्ट्र, 2023
फिल्म 'द केरला स्टोरी' पर छिड़े विवाद की वजह से देश में कई स्थानों पर हिंसा हुई. महाराष्ट्र के अकोला में विवाद ने दंगे का रूप ले लिया जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई घायल हो गए.
तस्वीर: Payel Samanta/DW
मणिपुर, 2023
मार्च 2023 में मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने पर विचार करने के लिए कहा था, जिसके बाद से राज्य में तनाव पैदा हो गया. अप्रैल में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गए. जुलाई तक हिंसा में 100 से भी ज्यादा लोग मारे गए और हजारों विस्थापित हो गए.
तस्वीर: ADNAN ABIDI/REUTERS
हरियाणा, 2023
हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को एक धार्मिक यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी, जो धीरे धीर सोहना, पलवल, गुरुग्राम समेत कई इलाकों तक फैल गई. कम से कम छह लोग मारे भी गए, कई दुकानों और एक मस्जिद को जला दिया गया और कई मस्जिदों पर हमले किये गए.