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राजनीतिब्रिटेन

अक्षता मूर्ति पर विवाद के बाद इंफोसिस ने रूस से कामकाज समेटा

१४ अप्रैल २०२२

भारत की सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस रूस का अपना कामकाज बंद कर रही है. ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सूनक की पत्नी अक्षता मूर्ति के रूस संबंधों को लेकर उठे विवाद के बाद यह फैसला किया गया है.

ऋषि सूनक और अक्षता मूर्ति
ऋषि सूनक और अक्षता मूर्तितस्वीर: Ian West/empics/picture alliance

भारत की सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध के चलते वह रूस का अपना कामकाज बंद कर रही है. कंपनी के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी और ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सूनक की पत्नी अक्षता मूर्ति के रूस संबंधों को लेकर उठे विवाद के बाद यह फैसला किया गया है. दुनियाभर की कई कंपनियों ने यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में ही रूस से कामकाज समेट लिया था.

बुधवार को इंफोसिसने कहा कि वह वह धीरे-धीरे रूस से अपना कामकाज समेट रही है. ब्रिटिश वित्त मंत्री सूनक की पत्नी अक्षता मूर्ति के पिता ने इंफोसिस की स्थापना की थी. कंपनी में अक्षता मूर्ति की लगभग एक अरब डॉलर यानी करीब 76 अरब रुपयों की साझेदारी है.

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चूंकि इंफोसिस का रूस में भी कामकाज है इसलिए सूनक अपनी पत्नी द्वारा रूस से मुनाफा कमाए जाने को लेकर आलोचकों के निशाने पर हैं. उनका कहना है कि ब्रिटेन ने रूस पर आर्थिक और वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं और उससे संबंधों में कटौती कर ली है लेकिन देश के वित्त मंत्री अपनी पत्नी के जरिए रूस से मुनाफा पा रहे हैं.

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यूं तो सूनक लगातार इस विवाद पर अपना और अपनी पत्नी का बचाव कर रहे थे लेकिन आखिरकार इंफोसिस ने रूस से नाता तोड़ने का फैसला कर लिया. कंपनी के प्रबंध निदेशक सलील पारिख ने बुधवार को कहा, "क्षेत्र में जो कुछ चल रहा है, उसे देखते हुए हमारा रूसी केंद्र में जो कुछ भी काम है, उसे हम रूस से बाहर स्थित अन्य केंद्रों में ले जा रहे हैं. आज हमारे पास किसी रूसी ग्राहक का कोई काम नहीं है और हम आइंदा भी रूसी ग्राहकों के साथ काम नहीं करेंगे.”

पारिख ने कहा कि कंपनी यूक्रेन के हालात को लेकर बेहद चिंतित है और मानवीय मदद के लिए दस लाख डॉलर यानी लगभग 7.6 करोड़ रुपये की राहत राशि दान कर चुकी है. हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि नहीं की कि इस फैसले में अक्षता मूर्ति को लेकर उठे विवाद की कितनी भूमिका है. उन्होंने कहा, "किसी शेयरधारक विशेष के बारे में हम कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते.”

कौन हैं अक्षता मूर्ति?

लंदन में रहने वालीं अक्षता मूर्ति खुद भी एक उद्योगपति हैं. अक्सर मीडिया में उन्हें ‘महारानी से भी धनी' बताया जाता है. अपने पिता नारायण मूर्ति की 1981 में स्थापति कंपनी इंफोसिस में उनकी हिस्सेदारी मात्र 0.9 प्रतिशत की है लेकिन 42 वर्षीय मूर्ति को पिछले साल 1.16 करोड़ पाउंड यानी एक अरब रुपये से ज्यादा का लाभांश मिला था. लेकिन वह ब्रिटिश टैक्स पेयर नहीं हैं इसलिए उनकी आय पर कर ब्रिटेन में नहीं लिया जाता.

ऐसा 1956 में भारत और ब्रिटेन के बीच हुई कर संधि के चलते हैं, जिसमें भारतीयों को दोहरे कर से बचाने के लिए प्रावधान किए गए हैं. हालांकि कानूनी तौर पर अक्षता मूर्ति अपनी जगह एकदम सही हैं लेकिन ब्रिटेन में लोग इसलिए उनकी आलोचना कर रहे हैं कि उनके पति देश के वित्त मंत्री हैं और उनकी एक ऐसी कंपनी में हिस्सेदारी है, जो रूस से मुनाफा कमा रही है.

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हाल ही में बीबीसी ने लिखा कि मूर्ति अगर यूके की नागरिक होतीं तो लाभांश से आय पर 39.5 प्रतिशत कर देतीं. भारतीय नागरिक होने के नाते वह सिर्फ 20 प्रतिशत तक टैक्स देने की हकदार होंगी. बीबीसी का कहना है कि यूके की नागरिक ना होने के कारण मूर्ति हर साल 21 लाख पाउंड यानी करीब दो करोड़ रुपये की बचत कर रही हैं. विवाद को ठंडा करने के लिए मूर्ति ने हाल ही में कहा कि वह इस साल से अपनी अंतरराष्ट्रीय आय पर ब्रिटेन में ही कर देंगी.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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