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भारत में सबको अपने धर्म-पालन की आजादीः मुख्तार अब्बास नकवी

१८ अप्रैल २०२२

भारत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि देश में सांप्रदायिक असहिष्णुता बढ़ने की कोई समस्या नहीं है और हर व्यक्ति को अपने धर्म के पालन की पूरी आजादी है.

हनुमान जयंती के मौके पर विवाद
हनुमान जयंती के मौके पर विवादतस्वीर: Amarjeet Kumar Singh/AA/picture alliance

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा देश में धर्मांधता और नफरत बढ़ने को लेकर लेख लिखने के एक दिन बाद बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश में सब ठीकठाक है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि यहां सबको पूरी आजादी है.

भारत में हाल के दिनों में सांप्रदायिक हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं. हाल ही में रामनवमी के मौके पर देश के कई हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसके बाद कई जगह गिरफ्तारियां भी हुई हैं. उससे पहले भी विभिन्न मौकों पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की वारदात को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता चिंता जताते रहे हैं.

कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने भी भारत में बढ़ती असहिष्णुता और भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा उस पर कोई कार्रवाई ना करने को लेकर बयान दिए गए हैं. यहां तक कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने भी पिछले हफ्ते भारतीय विदेश और रक्षा मंत्रियों की मौजूदगी में कहा था कि अमेरिका भारत में बढ़ते मानवाधिकार उल्लंघनों पर नजर बनाए हुए है.

'बदनाम करने की कोशिश'

लेकिन भारत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी का मानना है कि कुछ लोग देश की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "कुछ हाशिये के लोग जो देश की शांति और तरक्की को पचा नहीं पा रहे हैं, वे भारत की समावेशी संस्कृति और प्रतिबद्धता का नाम खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.”

भारत में अल्पसंख्यकों के पहनावे से लेकर मांस खाने आदि तक जैसे मुद्दों पर हिंसक घटनाएं हुई हैं. हाल ही में नवरात्र के दौरान दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रवासों में मांस परोसने को लेकर हिंसा हुई थी और बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी ने मांस परोसने का विरोध किया था.

नकवी कहते हैं, "लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, यह बताना सरकार का काम नहीं है. हर नागरिक को अपनी मर्जी का खान-पान चुनने की आजादी है.” इसी तरह हिजाब को लेकर कर्नाटक और फिर देश के अन्य हिस्सों में हुए विवाद पर नकवी कहते हैं, "भारत में हिजाब पर कोई बैन नहीं है. बाजार और अन्य जगहों पर कोई भी हिजाब पहन सकता है. लेकिन हर कॉलेज और संस्थान का अपना ड्रेस कोड होता है और उसे तो हमें मानना ही पड़ेगा. अगर आपको पसंद नहीं तो आप दूसरा संस्थान चुन सकते हैं.”

सोनिया गांधी का लेख

एक दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक लेख में लिखा था कि भारत नफरत और धर्मांधता में जकड़ा जा रहा है और इसे तुरंत नहीं रोका गया तो समाज को इतना नुकसान हो जाएगा, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकेगी. अपने लेख में सोनिया गांधी ने लिखा, “आज हमारे देश को नफरत, धर्मांधता, असहिष्णुता और झूठ की सूनामी ने अपने आगोश में ले लिया है. अव्वल तो समाज को इसका नुकसान हो चुका है, और अगर नहीं हुआ है तो इसे यदि फौरन नहीं रोका गया तो इतना नुकसान हो जाएगा कि ठीक करना नामुमकिन हो जाएगा. हम ऐसा नहीं होने दे सकते.”

हाल ही में भारत मेंएक हिंदू संत का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वो एक मस्जिद के सामने खड़ी भीड़ के बीच मुस्लिम समुदाय के लोगों को धमकी दे रहे हैं कि यदि वे नहीं सुधरे तो उनकी महिलाओं के साथ बलात्कार किया जाएगा. इससे पहले हरिद्वार में हुई एकधर्म संसद में कई हिंदू नेताओं ने हथियार उठानेऔर एक संप्रदाय विशेष के खिलाफ उनका इस्तेमाल करने जैसी बातें कही थीं. इन नेताओं में यूपी और केंद्र में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोग भी शामिल हैं.

सोनिया गांधी अपने लेख में लिखती हैं, “इससे पहले कि यह भड़कती हुई आग, यह सूनामी हमारे पुरखों ने बलिदान देकर जो कुछ बनाया है, उसे नष्ट कर दे, हमें इसे काबू करना होगा.”

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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