यूरोप के तीन देशों की यात्रा पर जा रहे हैं नरेंद्र मोदी
२० अप्रैल २०२२
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल अपने पहले विदेश दौरे के लिए तैयार हैं. मई में वह तीन यूरोपीय देशों की यात्रा कर सकते हैं.
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मई के पहले हफ्ते में यूरोप की यात्रा पर जाएंगे. अपने तीन दिवसीय दौरे में वह जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा करेंगे. इस साल भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला विदेश दौरा होगा जिसमें वह डेनमार्क में दूसरे भारत-नॉर्डिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस सम्मेलन में सभी पांच नॉर्डिक देशों – स्वीडन, डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड और आइसलैंड के नेता शामिल होंगे.
भारत-नॉर्डिक सम्मेलन
भारत-नॉर्डिक सम्मेलन की शुरुआत 2018 में हुई थी. पहला सम्मेलन उस साल अप्रैल में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुआ था. यह अपने आप में एक अनूठा सम्मेलन था जहां उत्तरी यूरोप के पांच देशों को एक मंच पर लाकर भारत के साथ उनके रिश्तों को मजबूत करने का प्रयास हुआ. हालांकि उससे पहले अमेरिका भी ऐसा ही सम्मेलन कर चुका था, जब मई 2016 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नॉर्डिक देशों के साथ बैठक की थी.
2022 में इन देशों पर आफत टूटी
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद दुनिया भर में ऐसा लग रहा है कि राजनीतिक उथल-पुथल का सिलसिला शुरू हो गया है. कई देशों में अस्थिरता का माहौल बन गया है.
तस्वीर: Cristian Ștefănescu/DW
यूक्रेन पर हमला
रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमला कर दिया था और उसके बाद से ही वह यूक्रेनी शहरों को निशाना बना रहा है. पहले यह कहा जा रहा था कि कीव कुछ दिनों में रूस के कब्जे में आ जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. युद्ध में सैकड़ों बेगुनाह लोग मारे गए हैं.
तस्वीर: Vadim Ghirda/AP/picture alliance
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट
पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के भंग किए जाने को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है. संसद को भंग किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. इमरान खान का आरोप है कि विदेशी शक्ति देश को कमजोर करने में लगी हुई है.
तस्वीर: GHULAM RASOOL/AFP
श्रीलंका में हाहाकार
श्रीलंका की जनता पिछले कई हफ्तों से जरूरी चीजों के ऊंचे दाम को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है. देश में दवा, खाद्य और ईंधन की भारी कमी हो गई है. सरकार के मंत्रिमंडल ने 3 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया था. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने 5 अप्रैल को देशव्यापी आपातकाल को हटा लिया. यह आपातकाल एक अप्रैल से लागू किया गया था. श्रीलंका इस समय अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
तस्वीर: Dinuka Liyanawatte/REUTERS
कुवैत में सियासी संकट
कुवैत की सरकार ने अपने गठन के कुछ ही महीनों बाद 5 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया, सरकार के इस्तीफे के बाद नई अनिश्चितता पैदा हो गई. सरकार को आने वाले दिनों में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना था. सरकार के इस्तीफे के बाद देश में आर्थिक और सामाजिक सुधार अधर में लटक गए हैं.
तस्वीर: Xinhua/picture alliance
म्यांमार में लोकतंत्र अभी दूर
भारत के पड़ोसी देश में पिछले साल चुनी हुई सरकार को बेदखल कर सेना ने सत्ता अपने हाथों में ले लिया था. देश की नेता आंग सान सू ची को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था. सैन्य जुंटा ने लोकतंत्र की स्थापना के लिए अबतक कोई कदम नहीं उठाए हैं.
तस्वीर: Thuya Zaw/ZUMA Wire/picture alliance
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कोविड महामारी के चलते पहले सम्मेलन के बाद यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई क्योंकि सम्मेलन स्थगित होते रहे. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क, स्वीडन और फिनलैंड के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठकें की थीं.
भारत नॉर्डिक देशों के साथ अपने रिश्तों को नए तरीके से परिभाषित करने की कोशिश कर रहा है. ये देश स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों के अगुआ माने जाते हैं जिसमें भारत की खासी दिलचस्पी है. इसके अलावा एक दूसरे के साथ व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए भी भारत-नॉर्डिक सम्मेलन ने मजबूती दिखाई है.
परंपराओं में बदलाव
‘द डिप्लोमैट' पत्रिका में एक लेख में ‘येल जर्नल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स' की प्रबंध संपादक शरन्या राजीव ने 2018 में पहले नॉर्डिक सम्मेलन के वक्त एक लेख में लिखा था कि इस सम्मेलन की सबसे बड़ी उपलब्धि उस परंपरा से मुक्ति है कि नॉर्डिक देशों के साथ भारत द्विपक्षीय स्तर पर ही बातचीत करता रहा है.
राजीव ने लिखा, "यह एक नया प्रतीकात्मक तौर तरीका है जिसके जरिए दोनों पक्ष अपने संबंधों को नया स्वरूप दे रहे हैं. नॉर्डिक देश अन्य पक्षों के साथ एक ईकाई के रूप में संवाद कर रहे हैं जिससे उनकी मोल-भाव करने की सामूहिक क्षमता मजबूत होती है."
जर्मनी का वीजा मिलने पर घूम सकते हैं स्विट्जरलैंड, फ्रांस सहित ये 26 देश
यूरोप के 26 देशों के बीच मुक्त आवाजाही के लिए समझौता है. इसका नाम शेंगेन वीजा समझौता है. इसके तहत यदि किसी व्यक्ति को जर्मनी या किसी अन्य शेंगेन देश का वीजा मिलता है तो वह 26 देशों में घूम सकता है.
ऑस्ट्रिया यूरोप का एक खूबसूरत देश है. कहीं पहाड़ों पर बर्फ की चादर बिछे दिखते हैं तो कहीं पहाड़ी ढलानों पर बनी सड़कों का दिलकश नजारा. ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना का शॉनब्रुन पैलेस आकर्षण का मुख्य केंद्र है. अपने अतीत को संजोए वियना में आधुनिकता की भी झलक दिखती है. यहां कई सारे खूबसूरत महल, चौराहे और पार्क हैं. ग्रॉसगॉकनर अल्पाइन सड़क से गुजरना रोमांचक होता है.
तस्वीर: Imago/viennaslide
बेल्जियम
बेल्जियम भी घूमने के लिहाज से एक खूबसूरत जगह है. यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में मनर्के पीस, रॉयल पैलेस ऑफ ब्रसेल्स, ऑटोमियम शामिल है. यहां की पुरानी इमारतों, उल्लेखनीय चर्चों और प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने लायक है. इस देश का एक समृद्ध इतिहास और संस्कृति है. यदि आप नाइट लाइफ, बार और मजेदार रेस्तरां देखना चाहते हैं तो एक बार यहां आना चाहिए.
तस्वीर: Getty Images/M. Renders
चेक रिपब्लिक
चेक रिपब्लिक यूरोप का वह खूबसूरत देश है जो शीतयुद्ध खत्म होने के बाद यूरोप की मुख्यधारा में शामिल हो रहा है. इसकी राजधानी प्राग यूरोप आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. चार्ल्स ब्रिज, एस्ट्रोनॉमिकल क्लॉक, प्राग कैसल, प्राग जू, पेट्रिन लुकआउट टावर, डांसिंग हाउस, म्यूजियम ऑफ कम्युनिज्म, म्यूजियम कंपा जैसे कई दर्शनीय स्थल हैं. यहां की ऐतिहासिक इमारतें आपको मंत्रमुग्ध कर देगी.
तस्वीर: DW/L. von Richthofen
डेनमार्क
डेनमार्क में खूबसूरत तटीय प्रायद्वीप भी हैं और अद्भुत वास्तुकला वाली इमारतें भी. रिबे देश का सबसे पुराना शहर है. यहां मध्ययुगीन इतिहास की झलक आज भी दिखती है. कोबल्ड सड़कों, विचित्र घरों और आकर्षक बंदरगाह पर्यटकों का मन मोह लेती है. इसके साथ ही कोपेनहैगन, हॉर्नबेक सहित कई अन्य शहर हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर लुभाते हैं. कहीं लकड़ी के घरों के बीच घुमावदार सड़कें हैं तो कहीं सुंदर रेतीले समुद्र तट.
तस्वीर: picture-alliance/blickwinkel/allOver/TPH
एस्टोनिया
एस्टोनिया उत्तरी यूरोप के बाल्टिक क्षेत्र में स्थित एक देश है. टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तरक्की की वजह से इसे 'यूरोपीय सिलिकॉन वैली' भी कहा जाता है. यहां भी यूरोप के अन्य देशों की तरह पुरानी ऐतिहासिक इमारतें हैं. कई सारे झरने हैं जहां जाने पर ऐसा लगता है मानो प्रकृति की गोद में आ गए हैं. सबसे खास बात ये है कि यहां के 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग विदेशी भाषा जानते हैं.
तस्वीर: Reuters/I. Kalnins
फिनलैंड
फिनलैंड पर्यटकों के लिए बहुत ही सुरक्षित देश माना जाता है. देश की राजधानी हेलसिंकी सबसे बड़ा शहर है जिसे ब्लू सिटी भी कहा जाता है. यहां की आबोहवा का शीतल स्पर्श और प्रकृति की खूबसूरती देखते ही बनती है. यहां लगभग एक लाख 88 हजार झीलें और इतने ही द्वीप हैं. एटेनियम (फिनिश राष्ट्रीय कला संग्रहालय), कनसाली म्यूजिओ (फिनिश राष्ट्रीय संग्रहालय), फिन्लैंडिया हौल जैसी कई चीजें यहां देखने लायक है.
तस्वीर: picture-alliance/robertharding/L. Grier
फ्रांस
फ्रांस का नाम लेते ही राजधानी पेरिस स्थित एफिल टॉवर की तस्वीर दिखाई देने लगती है. यूं तो पेरिस में घूमने लायक काफी कुछ है लेकिन एफिल टॉवर के ऊपर से शहर की खूबसूरती देखना एक अद्भूत एहसास दिलाता है. यहां करीब 200 म्यूजियम हैं. यहां आने वाले प्रेमी जोड़े अपने प्रेम को सलामत रखने के लिए लव ब्रिज पर ताला लगाना नहीं भूलते. पेरिस के बीचों-बीच बहने वाली सीन नदी में स्टीमर से सफर करने का अलग ही रोमांच है.
तस्वीर: AFP/B. Guay
जर्मनी
जर्मनी में हर कदम पर एक नई कहानी है. टुकड़ों से राष्ट्र बना जर्मनी अपने इतिहाल से सबक लेते हुए तेजी से विकास कर रहा है. देश को दो हिस्सों में बांटने वाली बर्लिन की दीवार खत्म हो चुकी है लेकिन उसके कुछ हिस्से आज भी मौजूद हैं. ट्रियर शहर में चिंतक कार्ल मार्क्स म्यूजियम है. यह म्यूजियम उसी घर में बनाया गया है जहां कार्ल मार्क्स का जन्म हुआ था.
तस्वीर: picture-alliance
ग्रीस
अपने समृद्ध इतिहास, स्वादिष्ट व्यंजन, समुद्री तटों और कई द्वीपों वाला ग्रीस पर्यटकों का पसंदीदा जगह है. एथेंस के एक्रोपोलिस, प्राचीन ग्रीक लोगों द्वारा पवित्र माना जाने वाला एक रहस्यमय स्थल डेल्फी का अभयारण्य, रोड्स के मध्ययुगीन शहर, क्नोसॉस का महल जैसे कई चीजें यहां देखने लायक है. यहां काफी सारी प्राचीन गुफाएं भी हैं.पार्टी करने वालों और नाइटलाइफ के लिए यह काफी प्रसिद्ध है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Gouliamaki
हंगरी
हंगरी दुनिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है. यहां विश्व की सबसे बड़ी गर्म जल की गुफा प्रणाली स्थित है और गर्म जल की सबसे बड़ी झीलों में से एक हेविज झील यहीं है. इसके अलावा मध्य यूरोप की सबसे बड़ी झील बलातोन, यूरोप के सबसे बड़े प्राकृतिक घास के मैदान होर्टोबैगी भी हंगरी में ही हैं.
शीशे जैसी दिखने वाली बर्फीली गुफाएं, हिम नदियां, दहकते ज्वालामुखी और खूब ऊंचाई से गिरते झरने. यह जगह है आइसलैंड में, जिसे इसके चारों ओर से घेरे लावा स्तंभ और भी खूबसूरत बना देते हैं. बॉलीवुड की फिल्म 'दिलवाले' का बेहद चर्चित गाना गेरुआ आइसलैंड में शूट किया गया है. प्राकृतिक अजूबों को देखने जाने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है.
तस्वीर: Imago Images/Design Pics
इटली
इटली का नाम लेते ही दो तस्वीरें जेहन में आती है. एक पिज्जा की और दूसरी पीसा की झुकी मीनार की. इटली में नोली नाम का एक बीच पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है. पानी के नीचे यहां ग्रीन हाउस तैयार कर दिए गए हैं जहां जमीन पर उगने वाले पौधों को उगाया जा रहा है. अब इटली आएं और वेनिस न जाएं तो सफर अधूरा रह जाएगा. हर साल यहां करोड़ों लोग आते हैं. नाव से पूरे शहर में घूमना एक अलग ही अनुभव देता है.
तस्वीर: picture alliance/Arco Images
लातविया
बाल्टिक सागर के पूर्वी तट पर स्थित देश लातविया में पर्यटक प्रकृति का आनंद ले सकते हैं. यह देश अपनी कई झीलों और नदियों के साथ-साथ प्राचीन स्मारकों, विकसित बुनियादी ढांचे के लिए प्रसिद्ध है. रीगा कैसल लातविया के राष्ट्रपति का निवास है. इसे कई बार नष्ट किया गया और बनाया गया. इसके अलावा रीगा का हाउस ऑफ ब्लैकहेड्स, डोम कैथेड्रल, पाउडर टॉवर, सिगुलदा का तुरैदा कैसल पर्यटकों को आकर्षित करता है.
तस्वीर: Reuters/I. Kalnins
लिष्टेनस्टाइन
लिष्टेनस्टाइन स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया के बीच बसा यूरोप के सबसे खूबसूरत अल्पाइन देशों में से एक है. गुटेनबर्ग कैसल, लिष्टेनस्टाइन नेशनल म्यूजियम, नेंडेलन और एसचेन के शहर, ट्राईसबर्ग के पाक डिलाइट्स और हिस्टोरिकल एस्चेंबर्ग ट्रेल की पैदल यात्रा के साथ काफी कुछ यहां देखने को है.
तस्वीर: Liechtenstein Marketing
लिथुआनिया
शांत, सर्द और रोचक सैरगाहों से संपन्न लिथुआनिया प्रकृति के खूबसूरत नजारों, ऐतिहासिक धरोहरों व रोमांच की दुनिया है. सड़कों के किनारे सेब, चेरी, नाशपाती इत्यादि फलों के पेड़ और शांत वातावरण पर्यटकों को काफी लुभाते हैं. यहां एक ओर सोवियत संघ के दौर की नक्काशी देखने को मिलती है तो दूसरी ओर मकानों की दीवारों पर लगी जलपरियों की मूर्तियां स्वागत करती है.
तस्वीर: imago images/imagebroker
लक्जमबर्ग
लक्जमबर्ग में अलग-अलग संस्कृतियों के प्राचीन इतिहास झलक दिखती है. यहां के पुराने शहर के किले यूनेस्को धरोहर स्थल हैं और दुनिया भर से लोग यहां आते हैं. न्यूमुन्स्टर मठ, नोट्रेडैम कैथेड्रैल, ग्रैंड डूकल पैलेस, ग्रैंड रानी शेर्लोट ब्रिज यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं.
तस्वीर: DW/E. Woodnorth
माल्टा
माल्टा में सिर्फ रेत और समुद्र के अलावा और भी बहुत कुछ देखने के लिए है. यहां हजारों सालों के समृद्ध इतिहास के साथ कई ऐतिहासिक इमारतें हैं. यह देश अपनी संस्कृति, संगीत, साहित्य, कला और वास्तुकला, भोजन, प्रथाओं, परंपराओं और त्योहारों के लिए जाना जाता है. जगंतिया मंदिर, निओलिथिक मंदिर, वीनस ऑफ माल्टा और पेंडरगार्डन, द वाल्लेट वाटरफ्रंट और टीन्ये पॉइंट पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है.
तस्वीर: DW/B. Riegert
नीदरलैंड्स
दुनिया भर में वसंत ऋतु में फूलों का विशालतम बागीचा नीदरलैंड्स में एम्सटर्डम के पास कोएकेनहोफ में है. यहां 1,000 से भी ज्यादा ट्यूलिप की किस्में मौजूद हैं. फूलों और प्रकृति से प्यार करने वालों के लिए नीदरलैंड्स मुख्य आकर्षण का केंद्र है. यहां एक गांव है गीथोर्न जहां न तो सड़कें हैं और न हीं पगडंडिया. यहां हर घर के बाहर नहर बहती है. यह पूरी तरह प्रदूषणरहित गांव है.
तस्वीर: imago/Hollandse Hoogte/R. Lagendijk
नॉर्वे
नॉर्वे में दुनिया का सबसे बड़ा अंडरवॉटर रेस्तरां है. हर साल हजारों लोग समुद्र में डूबे इस रेस्तरां को देखने पहुंचते हैं. मौसम के लिहाज से ठंडा रहने वाले नॉर्वे में लोग भी काफी शांत और खुश रहते हैं. आकर ब्रिज, नार्वेजियन फोक म्यूजियम और खूबसूरत मकान मन मोह लेते हैं.
तस्वीर: Reuters/H. McKay
पोलैंड
पोलैंड जाने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यहां पर्यटक स्कीइंग, नौकायन, पर्वतारोहण का आनंद उठा सकते हैं. साथ ही लोअर साइलेसिया में मध्यकालीन बाजार, पुराने महल और स्पा को देख सकते हैं. यहां कई सारे विश्व धरोहर, ऐतिहासिक स्मारक, पोलैंड के सात आश्चर्य, पोलिश पहाड़ों के क्राउन, मासुरियन लेक डिस्ट्रिक, बाल्टिक सागर तट, टाट्रा पर्वत है.
तस्वीर: Getty Images/B. Lennon
पुर्तगाल
पुर्तगाल में देखने के लिए काफी कुछ है लेकिन यहां का समुद्री तट पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है. ज्यादातर लोग राजधानी लिस्बन, अल्गार्व, मडेरा जाना पसंद करते हैं. कहीं प्राचीन किले दिखते हैं तो कहीं ग्लेशियर घाटी.
स्लोवाकिया में शानदार बीच तो नहीं हैं, लेकिन किफायती दामों पर कारपैथियन पहाड़ों और राजधानी ब्रातिस्लावा के ओल्ड डिस्ट्रिक्ट ने बहुत से लोगों को अपनी तरफ खींचा. यहां की इमारते देखने लायक है. 4000 से अधिक गुफाएं और खोह उनके पहाड़ों के नीचे हैं.
तस्वीर: Globsec/T. Halasz
स्लोवेनिया
पर्यटक स्लोवेनिया के एड्रियाटिक सागर तट पर साइकिल से मध्ययुगीन शहर कोपर, मछुआरों के गांवों और जैतून के बागों की सैर करते हैं. यह ऊंचे पर्वतों और तेज बहती नदियों का देश है. यहां 34 लैंडस्केप पार्क हैं. हाल के सालों में स्की रिजॉर्ट स्लोवेनिया में पर्यटन का प्रमुख चेहरा बनकर उभरा है. यहां खानों (जमीन के अंदर) में साइकिल चलाने का एक अलग ही रोमांच है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/D. Bandic
स्पेन
स्पेन का बार्सिलोना शहर लोब्रेगाट और बेसोस नदियों के मुहाने पर बसा है. इसके चारों ओर पहाड़ हैं. बॉलीवुड फिल्म 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' में स्पेन की खूबसूरती को दिखाया गया है. यहां लेट नाइट पार्टी, डिस्को, बुल फाइटिंग, आर्ट गैलरीज और वाइन पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है. सूरज की रोशनी, समंदर और बालू के साथ साथ सुरक्षा ने पर्यटकों को स्पेन की तरफ आकर्षित किया है.
तस्वीर: Imago Images/Design Pics/K. Levit
स्वीडन
स्वीडन का ऊमेओ शहर परंपरा और आधुनिकता का एक जीता जागता मिश्रण है. यहां पर्यटक स्लेज की सवारी भी करते हैं और सर्द मौसम में कुदरत का अद्भुत नजारा 'नदर्न लाइट्स' भी देखते हैं. अबिस्को नेशनल पार्क में ठंड के दिनों में पानी जम जाती है जिसे देखने के लिए पर्यटकों की काफी भीड़ जमा होती है. यहां पूरे परिवार के साथ लोग आ सकते हैं और मस्ती कर सकते हैं.
तस्वीर: DW/S. Sanderson
स्विट्जरलैंड
बॉलीवुड की फिल्मों में स्विटजरलैंड को इतना अधिक दिखाया गया है कि सभी भारतीय कम से कम एक बार यहां जरूर जाना चाहते हैं. इसकी वजह देश की खूबसूरती है. एक तरफ आल्प्स पर्वत श्रृंखला है तो दूसरी ओर हसीन वादियों में छुक-छुक करती ट्रेन का सफर. यहां 1300 से अधिक सुरंगें हैं. अगर किसी देश को अपने यहां की खूबसूरत वादी को नाम देना होता है तो वह उसे मिनी स्विट्जरलैंड कह देते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Bildfunk/C. Hartmann
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यह सम्मेलन डेनमार्क में होगा जहां भारतीय प्रधानमंत्री अपने दौरे का सबसे लंबा हिस्सा बिताएंगे. हाल के समय में भारत और डेनमार्क के संबंधों में पिछले कुछ समय में खासी गर्मजोशी देखी गई है. पिछले साल अक्टूबर में डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडेरिकसेन भारत के दौरे पर थे, जो कोविड महामारी के बाद किसी राष्ट्राध्यक्ष का पहला आधिकारिक दौरा था. इससे पहले सितंबर 2020 में दोनों देशों के बीच हुई वर्चुअल बैठक में एक ग्रीन स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप की शुरुआत हुई थी, जिसका मकसद अक्षय ऊर्जा तकनीकों की साझेदारी था.
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रूस पर क्या रूख रहेगा?
इस दौरे पर नरेंद्र मोदी फ्रांस और जर्मनी के साथ अहम रणनीतिक बातचीत करेंगे. हालांकि सभी पक्षों की नजर इस बात पर होगी कि रूस को लेकर भारत के रूख का क्या असर होता है क्योंकि जर्मनी और फ्रांस दोनों ही रूस पर बेहद सख्त हैं जबकि भारत ने अब तक यूक्रेन के मुद्दे पर रूस का विरोध नहीं किया है.
बर्लिन में नरेंद्र मोदी इंटर-गवर्नमेंटल कंसलटेशंस (आईजीसी) में हिस्सा लेंगे. इस दौरान उनकी जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स से मुलाकात भी होगी. अपनी पूर्ववर्ती अंगेला मैर्केल से पिछले साल पद संभालने के बाद शॉल्त्स की अब तक नरेंद्र मोदी से मुलाकात नहीं हुई है.
भारत और जर्मनी के बीच आईजीसी हर दो साल पर होती है. पिछली बार 2020 में यह बैठक हुई थी, जब तत्कालीन जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने दिल्ली की यात्रा की थी. इस साल यह छठा सम्मेलन होना है जो पिछली बार महामारी के कारण नहीं हो पाया था.
2019 में नरेंद्र मोदी ने अगस्त में फ्रांस की यात्रा की थी जब वह जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने गए थे. लेकिन इस बार वह फ्रांस के राष्ट्रपति चुनावों के फौरन बाद पेरिस में होंगे. दोनों देशों के बीच रक्षा और आतंकवाद निरोधी क्षेत्रों में संबंधों में पिछले सालों में खासतौर पर प्रगति हुई है. लेकिन यहां भी रूस को लेकर भारत के संबंधों की छाया बातचीत पर छाई रह सकती है.