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आरबीआई ने बढ़ाई ब्याज दरें

चारु कार्तिकेय
४ मई २०२२

रिजर्व बैंक ने मई 2020 के बाद पहली बार ब्याज दरों को बड़े पैमाने पर बढ़ा दिया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि इन दरों को महंगाई को काबू में लाने के लिए बढ़ाया गया है.

आरबीआई
आरबीआईतस्वीर: Punit Paranjpe/Getty Images/AFP

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अचानक बुलाई एक प्रेस वार्ता में बताया कि बढ़ती महंगाई दर का मुकाबला करने के लिए बैंक की मुद्रा नीति समिति ने रेपो दर को तुरंत 40 बेसिस अंक बढ़ाने का फैसला किया है.

फैसला 21 मई से लागू होगा और रेपो दर अब 4.40 प्रतिशत हो जाएगी. रेपो दर वो दर होती है जिस पर दूसरे बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं ताकि उनके पास पर्याप्त नकदी रहे. इसे बढ़ाने से वो रिजर्व बैंक से कम नकदी उधार लेते हैं जिससे अर्थव्यवस्था में नकदी की आपूर्ति पर दबाव बनाया जाता है.

दो सालों में पहली बार

उम्मीद की जाती है कि ऐसा करने से महंगाई पर लगाम लगेगी. रेपो दर के साथ साथ आरबीआई ने कैश रिजर्व अनुपात (सीआरआर) को भी बढ़ाने का फैसला सुनाया. सीआरआर को 50 बेसिस अंक बढ़ा कर 4.50 प्रतिशत पर ला दिया गया है.

भारत में हर बैंक को अपनी कुल जमा पूंजी का एक हिस्सा रिजर्व बैंक के पास नकदी के रूप में रखना अनिवार्य होता है, जिसे सीआरआर कहते हैं. इसे बढ़ाने देने से बैंको के पास नकदी की उपलब्धता पर असर पड़ता है और अर्थव्यवस्था में नकदी की आपूर्ति कसी जाती है.

इन महत्वपूर्ण दरों को बदलने का इस तरह का फैसला आरबीआई ने लगभग दो साल बाद लिया है. पिछली बार मई 2020 में बैंक ने इन दरों में बड़ी कटौती की थी ताकि नकदी की आपूर्ति बढ़े, मांग बढ़े और अर्थव्यवस्था में तेजी आए.

बढ़ती महंगाई की चुनौती

लेकिन दो साल पहले की स्थिति के मुकाबले इस समय हालात बहुत बदल गए हैं. बढ़ती हुई महंगाई दर आरबीआई के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. ब्याज दरों में बदलाव की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि इस समय भूराजनीतिक तनावों और प्रतिबंधों की वजह से उलट पुलट, अभाव और दामों में बढ़ोतरी जारी है.

पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़े हैं और उसका असर खाने पीने की चीजों के दामों पर भी पड़ा हैतस्वीर: Satyajit Shaw/DW

उन्होंने कहा कि विश्व में भी महामारी के बाद से आए हालात में सुधार की गति धीमी पड़ गई है. उन्होंने विशेष रूप से भारत में बढ़ती महंगाई दर का जिक्र किया. मार्च में खुदरा महंगाई 7 प्रतिशत पर पहुंच गई थी और आरबीआई के लिए चिंता का विषय बन गई थी.

ब्याज दरों के बढ़ने की घोषणा का तुरंत शेयर बाजार पर असर पड़ा और सूचकांक काफी नीचे गिर गए. बीएसई सेंसेक्स 1,307 अंक नीचे गिर गया और निफ्टी 392 अंक नीचे गिर गया.

अब देखना होगा कि आरबीआई के ये कदम महंगाई दर को नीचे ला पाते हैं या नहीं. जानकारों का कहना है कि इससे आम लोगों के लिए बैंकों से कर्ज लेना महंगा हो जाएगा.

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