सिक्किम हाई कोर्ट मेंस्ट्रुअल लीव लाने वाला पहला हाई कोर्ट बन गया है. यह कदम बाकी अदालतों के लिए उदाहरण बन सकता है लेकिन यह दिखाता है कि महिलाओं के स्वास्थ्य के मामले में अभी भारतीय संस्थानों को काफी लंबा सफर तय करना है.
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सिक्किम हाई कोर्ट रजिस्ट्री ने यह अधिसूचना 27 मई को जारी की. इसके मुताबिक रजिस्ट्री की सभी महिला कर्मचारी हर महीने दो से तीन दिनों का पीरियड अवकाश ले सकेंगी. यह अवकाश कर्मचारियों के छुट्टियों के खाते से नहीं कटेंगी बल्कि उसके ऊपर से होंगी. इसे हासिल करने के लिए अदालत के मेडिकल अधिकारी की अनुशंसा अनिवार्य होगी.
सिक्किम हाई कोर्ट देश का सबसे छोटा हाई कोर्ट है. अदालत की वेबसाइट के मुताबिक यहां सिर्फ तीन जज हैं, जिनमें एक महिला जज हैं. रजिस्ट्री में नौ अधिकारी काम करते हैं, जिनमें सिर्फ एक महिला हैं. इस समय देश में पीरियड अवकाश को लेकर कोई राष्ट्रीय नीति नहीं है. बल्कि इस विषय पर लोगों की राय विभाजित है.
नीति का अभाव
दिसंबर, 2023 में केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने पीरियड अवकाश का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि इससे महिलाओं के खिलाफ भेदभाव होगा. हालांकि उसी महीने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक "मेंस्ट्रुअल हाइजीन पॉलिसी" का मसौदा जारी किया था, जिसमें पीरियड अवकाश की भी बात की गई थी.
मसौदे में कहा गया था कि महिलाओं के लिए घर से काम करने का या छुट्टी लेने का विकल्प उपलब्ध करना चाहिए ताकि उनके साथ कोई भेदभाव ना हो. फरवरी, 2024 में सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका डाली गई थी जिसमें देश में छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए पीरियड अवकाश की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि यह एक नीतिगत मामला है, इसलिए बेहतर होगा कि केंद्र सरकार इस पर फैसला ले. इसी तरह 2020 में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को इस विषय पर फैसला लेने के लिए कहा था.
कई देशों में है व्यवस्था
कुछ राज्य सरकारें पीरियड अवकाश की नीति लागू कर चुकी हैं. 'बार एंड बेंच' वेबसाइट पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार सरकार 1992 में अपनी महिला कर्मचारियों के लिए हर महीने दो दिन के पीरियड अवकाश का प्रावधान ले आई थी.
किन देशों में मिलता है पीरियड अवकाश
कई महिलाओं को माहवारी के दौरान दर्द होता है, लेकिन सिर्फ चुनिंदा देशों में महिलाओं को ऐसी हालत में काम से छुट्टी मिलती है. इनमें से ज्यादातर देश एशिया में हैं.
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स्पेन
स्पेन की संसद में एक ऐतिहासिक कानून पर बहस चल रही है, जिसके तहत महिलाओं को माहवारी में होने वाले दर्द के दौरान आराम करने के लिए असीमित अवकाश मिल सकेगा. इसके लिए उन्हें बस एक डॉक्टर की अनुशंसा प्रस्तुत करनी होगी. हालांकि स्पेन में कई यूनियनों ने इसकी आलोचना की है. उनका मानना है कि इसकी वजह से कंपनियां नौकरी देने में पुरुषों को प्राथमिकता देने लगेंगी.
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इंडोनेशिया
इंडोनेशिया में 2003 में ही महिलाओं को हर महीने में दो दिन पीरियड अवकाश का अधिकार देने वाला कानून पारित कर दिया गया था. हालांकि इस कानून का पूरी तरह से पालन नहीं होता है. कई नौकरियों में हर महीने दो की जगह एक दिन की ही छुट्टी मिलती है, कई जगह वो भी नहीं मिलती.
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जापान
जापान में 1947 में ही एक कानून के तहत महिलाओं के माहवारी अवकाश मांगने पर उन्हें जितनी जरूरत हो उतनी छुट्टियां देना कंपनियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया था. कंपनियों के लिए इस अवकाश के दौरान महिलाओं को वेतन देना अनिवार्य नहीं है. हालांकि करीब 30 प्रतिशत जापानी कंपनियां पूरा या आंशिक वेतन देती हैं. इस कानून का लाभ उठाने वाली महिलाओं की संख्या बहुत कम है.
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दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया में महिलाएं हर महीने एक पीरियड अवकाश ले सकती हैं, लेकिन उसके लिए उन्हें वेतन नहीं मिलता है. कंपनी अगर छुट्टी देने से मना करे तो उस पर 3,844 डॉलर तक का जुर्माना लग सकता है. 2018 में हुए एक सर्वेक्षण में जापान से बेहतर स्थिति सामने आई थी. 19 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं ने इस अवकाश का लाभ उठाया था.
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ताइवान
ताइवान में महिलाएं साल में तीन दिन पीरियड अवकाश ले सकती हैं. एक महीने में एक ही दिन इस अवकाश का लाभ उठाया जा सकता है. रोग अवकाश की ही तरह पीरियड अवकाश में भी आधा वेतन मिलता है.
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जाम्बिया
जाम्बिया में 2015 में एक कानून लाया गया जिसके तहत महिलाएं माहवारी के दौरान बिना नोटिस और बिना डॉक्टर की अनुशंसा दिए एक दिन की छुट्टी ले सकती हैं. सभी कंपनियां इस कानून का पालन नहीं करती हैं, लेकिन ट्रेड यूनियनों के प्रोत्साहन की वजह से महिलाएं इस कानून का लाभ उठाने लगी हैं.
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कुछ अनोखी कंपनियां
कई देशों में कुछ कंपनियों ने बिना कानूनी अनिवार्यता के पीरियड अवकाश देना शुरू कर दिया है. जैसे ऑस्ट्रेलिया का पेंशन फंड 'फ्यूचर सुपर' साल में छह दिनों का, भारतीय फूड डिलीवरी स्टार्टअप जोमाटो 10 दिनों का और फ्रांसीसी फर्नीचर कंपनी लुई 12 दिनों का पीरियड अवकाश देती हैं. (एएफपी)
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जनवरी, 2023 में केरल सरकार ने भी पीरियड अवकाश देना शुरू किया था, लेकिन सिर्फ सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों की छात्राओं के लिए. इसी रिपोर्ट के मुताबिक जापान, स्पेन, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और जाम्बिया जैसे देशों में पीरियड अवकाश को लेकर केंद्रीय कानून मौजूद हैं.