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समाज

कोरोनाः नकदी संकट से जूझ रहे छोटे व्यवसाय

९ अप्रैल २०२०

कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था का पहिया थाम दिया है. छोटे व्यापारियों से लेकर कारोबारियों ने अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की है या फिर भुगतान को टाल रहे हैं.

Indien Corona-Pandemie Lockdown
तस्वीर: Reuters/A. Abidi

कर्मचारियों और श्रमिकों के वेतन में देरी और कटौती की बात व्यापार संघ की तरफ से की गई है. उद्योगपतियों और कर्मचारी संघ की तरफ से कहा गया कि लाखों छोटे व्यवसायियों ने या तो वेतन में कटौती की है या फिर भुगतान को आगे के लिए बढ़ा दिया है.अखिल भारतीय निर्माता संगठन (एआईएमओ) एक लाख छोटे निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली एक उद्योग संस्था है. उसके मुताबिक दो तिहाई सदस्यों को मंगलवार 7 अप्रैल को वेतन भुगतान करने में समस्या पेश आई. मंगलवार 7 अप्रैल के दिन ही कर्मचारियों को पिछले महीने का वेतन दिया गया था.

एआईएमओ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और चेन्नई में सौर ऊर्जा के पार्ट्स की मैनुफैक्चरिंग यूनिट चलाने वाले केई रघुनाथन कहते हैं, "हमारे पास वेतन भुगतान करने के लिए धन नहीं है.” वह कहते हैं, "हमारी पहली प्राथमिकता बिजली बिल, किराया, बैंक कर्ज का भुगतान और कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए योगदान करना है.” रघुनाथन बताते हैं कि उन्हें ग्राहकों से भुगतान में देरी का सामना करना पड़ रहा है. ग्राहकों में सरकार भी शामिल है.

केंद्र और राज्य सरकारों की सरकारी कंपनियों पर छोटे व्यवसायियों और कारोबारियों का 66 अरब डॉलर का बकाया है. यह बात सरकार ने पिछले महीने संसद में कही थी.

भारत में लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होना है, तालाबंदी के कारण लाखों प्रवासी मजदूर बिना किसी आय के फंसे हुए हैं. अधिकारियों ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस के मामले अगर नहीं रुके तो कुछ राज्य लॉकडाउन को बढ़ा भी सकते हैं. ओडिशा ने लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा भी दिया है, और लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने वाला पहला राज्य बन गया है.

देरी से वेतन में भुगतान के अलावा, देश के निर्यात पर भी महामारी का असर हुआ है. कंपनियों के 50 फीसदी से अधिक ऑर्डर रद्द हो गए हैं. भारतीय निर्यात संगठनों के संघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय के मुताबिक सबसे बुरी तरह से लाइफस्टाइल उत्पाद प्रभावित हुए हैं, जैसे कि कालीन, हस्तशिल्प और परिधान के ऑर्डर पर असर पड़ा है. ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर का अनुमान है कि 50 लाख कर्मचारियों को आंशिक या पूर्ण रूप से वेतन का नुकसान हुआ है.

दूसरी ओर मुंबई के निजी थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक फरवरी में देश की बेरोजगारी की दर 7.2% थी, इस हफ्ते यह 23.4% पर आ गई है.

एए/सीके (रॉयटर्स)

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