एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि भारत में शॉपिंग मॉल बुरे दौर से गुजर रहे हैं. पिछले दो साल में बहुत से छोटे शॉपिंग माल बंद हो गए.
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मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में छोटे शॉपिंग मॉल तेजी से बंद हो रहे हैं क्योंकि ग्राहक अब या तो ऑनलाइन खरीददारी कर रहे हैं या फिर बड़े मॉल जाना पसंद करते हैं.
रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म नाइट एंड फ्रैंकलिन ने यह रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया कि मॉल के अंदर दुकानों के खाली होने की संख्या तेजी से बढ़ रही है. जब किसी मॉल में 40 फीसदी से ज्यादा दुकानें खाली हो जाती हैं तो उसे ‘घोस्ट मॉल' यानी नाकाम करार कर दिया जाता है.
रिपोर्ट बताती है कि 2023 में भारत में ग्रॉस लीजेबल एरिया यानी किराये के लिए तैयार दुकानों की संख्या 238 फीसदी बढ़ी है लेकिन 2022 में घोस्ट मॉल 57 से बढ़कर 64 हो गए.
ऑनलाइन शॉपिंग में महिलाओं से आगे हैं पुरुष
आईआईएम-अहमदाबाद के एक शोध के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग के मामले में पुरुष महिलाओं से आगे हैं.
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36 फीसदी ज्यादा खर्च
आईआईएम-अहमदाबाद के शोध के मुताबिक पुरुषों ने ऑनलाइन शॉपिंग पर औसतन 2,484 रुपये खर्च किए, जो महिलाओं द्वारा खर्च किए गए 1,830 रुपयों की तुलना में 36 फीसदी अधिक है.
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क्या खरीदते हैं पुरुष
सर्वे से पता चला कि 47 प्रतिशत पुरुषों ने फैशन के लिए खरीदारी की, इसके बाद 37 प्रतिशत ने यूटीलिटीज के लिए और 23 प्रतिशत ने इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए खरीदारी की.
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क्या खरीदती हैं महिलाएं
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 58 प्रतिशत महिलाओं ने फैशन के लिए खरीदारी की, उसके बाद 28 प्रतिशत ने इस्तेमाल में आने वाले सामान की शॉपिंग और 16 प्रतिशत महिलाओं ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की शॉपिंग की.
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समय कम खर्च करते हैं मर्द
पुरुषों द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग में बिताया जाने वाला समय महिलाओं के मुकाबले कम है. जहां पुरुषों ने ऑनलाइन शॉपिंग पर 34.4 मिनट खर्च किए, वहीं महिलाओं ने 35 मिनट खर्च किए.
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कोविड के बाद बढ़ी ऑनलाइन शॉपिंग
शोध रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 महामारी ने 2020 से ऑनलाइन शॉपिंग की लोकप्रियता को काफी बढ़ा दिया है. शोधकर्ताओं ने कहा कि ऑनलाइन खरीदारी के लिए 'पैसा वसूल' की भावना सबसे बड़े कारकों में से एक है. इसके बाद खरीदारी की प्रक्रिया में आसानी है.
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35 हजार लोग सर्वे में शामिल
आईआईएम-अहमदाबाद ने अपने शोध के लिए 25 राज्यों के 35 हजार लोगों को सर्वे में शामिल किया. यह नतीजे आईआईएम अहमदाबाद की 'डिजिटल रिटेल चैनल्स एंड कंज्यूमर्स: द इंडियन पर्सपेक्टिव' शीर्षक वाली एक रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए थे.
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह ग्राहकों में मांग की कमी का संकेत है जो बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का कारण बन सकती है. इसका असर छोटे व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं पर सबसे ज्यादा पड़ सकता है.
भारत के जीडीपी में निजी उपभोग की हिस्सेदारी 60 फीसदी है. लेकिन इसमें ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है. 2023 की आखिरी तिमाही में अर्थव्यवस्था 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी लेकिन निजी उपभोग में सिर्फ 3.5 फीसदी की वृद्धि हुई.
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132 मॉल बंद होने के कगार पर
29 शहरों के सर्वे पर आधारित नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट ‘थिंक इंडिया थिंक रीटेल 2024' शीर्षक से जारी की गई है. फर्म के निदेशक गुलाम जिया ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, "बहुत सारे छोटे शॉपिंग मॉल बंद होने के कगार पर हैं.”
एक लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल वाले 132 शॉपिंग मॉल नाकाम होने के कगार पर हैं. 2022 में इनमें खाली पड़ी दुकानों की संख्या 33.5 फीसदी थी जो 2023 में बढ़कर 36.2 फीसदी हो गई.
रिपोर्ट में बताया गया है कि कमर्शल रीटेल प्रॉपर्टी का विस्तार बहुत ज्यादा हुआ है लेकिन उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. 2023 में 133 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल की दुकानें खाली पड़ी थीं जिस कारण डिवेलपर्स को 67 अरब रुपये का नुकसान हुआ.
इन सात देशों में भारतीय इस्तेमाल कर सकते हैं यूपीआई
ऐसे समय में जब भारत हर महीने यूपीआई से अरबों रुपयों का लेनदेन कर रहा है, डिजिटल क्रांति की लोकप्रियता विदेश में भी दिन-ब-दिन बढ़ रही है. जानते हैं, किन-किन देशों में यूपीआई से लेनदेन संभव है.
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विदेश में यूपीआई
12 फरवरी को भारत ने श्रीलंका और मॉरीशस में अपनी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सर्विस की शुरूआत की. श्रीलंका जाने वाले भारतीय डिजिटल भुगतान कर पाएंगे, इसके लिए उन्हें यूपीआई ऐप का इस्तेमाल करते हुए क्यूआर कोड को स्कैन कर पेमेंट करना होगा.
तस्वीर: Imago-Images/AFLO
मॉरीशस में भी डिजिटल भुगतान
मॉरीशस यूपीआई भुगतान सक्षम करने वाला एक और देश बन गया है. इस देश में लोग स्थानीय भुगतान के लिए यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं. यही नहीं मॉरीशस के बैंक रुपे कार्ड भी जारी कर पाएंगे.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/N. Kachroo
नेपाल में यूपीआई
यूपीआई का इस्तेमाल नेपाल में भी संभव है और नेपाल जाने वाले भारतीय यूपीआई ऐप के जरिए भुगतान कर सकते हैं. इसके अलावा वे यूपीआई आईडी के साथ भारत में पैसे भी भेज सकते हैं.
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यूपीआई से पेमेंट कर देखिए आइफिल टावर
फ्रांस के मशहूर आइफिल टावर को देखने के लिए आप जा रहे हैं तो वहां भी भुगतान आप यूपीआई के जरिए कर सकते हैं. आइफिल टावर फ्रांस में यूपीआई भुगतान की पेशकश करने वाला पहला मर्चेंट है. और यह सर्विस जल्द ही फ्रांस और यूरोप में पर्यटन और रिटेल मर्चेंट क्षेत्र के अन्य व्यापारियों तक विस्तारित की जाएगी.
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संयुक्त अरब अमीरात
एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) ने अगस्त 2021 में यूएई में यूपीआई की मंजूरी की पेशकश करने के लिए यूएई के प्रमुख वित्तीय संस्थानों में से एक, मशरेक के साथ साझेदारी की थी. यहां भी आप यूपीआई से डिजिटल भुगतान कर सकते हैं.
तस्वीर: Thomas Mukoya/REUTERS
भूटान
भूटान 2021 में यूपीआई अपनाने वाला पहला देश था. एशिया में सिंगापुर में भी यूपीआई से पेमेंट संभव है.
तस्वीर: Valerio Rosati/Zoonar/picture alliance
दक्षिणपूर्व एशिया के देश
एनआईपीएल ने मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, वियतनाम, सिंगापुर, कंबोडिया, दक्षिण कोरिया, जापान, ताइवान और हांग कांग समेत 10 देशों में क्यूआर-आधारित यूपीआई भुगतान को सक्षम करने के लिए लिक्विड ग्रुप के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
तस्वीर: Vincent Thian/AP Photo
क्या है यूपीआई
यूपीआई भारत की मोबाइल-आधारित तेज भुगतान प्रणाली है, जो ग्राहकों को वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का इस्तेमाल करके चौबीसों घंटे तुरंत भुगतान करने की अनुमति देती है. भारत में रिटेल डिजिटल पेमेंट्स के लिए इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है.
तस्वीर: Payel Samanta/DW
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जिया कहते हैं कि छोटे शॉपिंग मॉल इसलिए नाकाम हो रहे हैं क्योंकि वे बड़े शॉपिंग सेंटरों जैसी सुविधाएं नहीं दे पा रहे हैं. इस कारण उनके मालिक गिरावट झेल रहे हैं.
बड़े शहरों में ज्यादा विफलता
बड़े शॉपिंग मॉल, यानी ऐसे बाजार जिनका क्षेत्रफल पांच लाख वर्ग फुट से ज्यादा है, ज्यादा परेशानी में नहीं दिखाई देते. वहां खाली दुकानों की संख्या पांच फीसदी पर ही बनी हुई है. मध्यम आकार वाले शॉपिंग मॉल में यह दर 15.5 फीसदी है.
2023 में भारत में 12.5 करोड़ वर्गफुट में फैले मॉल ‘घोस्ट मॉल' की श्रेणी में थे. इनमें से 75 फीसदी आठ सबसे बड़े शहरों में थे. दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु समेत देश के आठ सबसे बड़े शहरों में 2023 में कुल शॉपिंग मॉल घटकर 263 रह गए. हालांकि इन शहरों में आठ नए सेंटर खुले लेकिन 16 बंद हो गए. बंद होने वाले मॉल सबसे ज्यादा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में थे, 53 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैली दुकानें बंद हुईं जो 2022 के मुकाबले 58 फीसदी ज्यादा था.
कौन से देश हैं सबसे बड़े एक्सपोर्टर और इंपोर्टर
दुनिया में कुछ ही देश हैं जिनका एक्सपोर्ट कीमत के लिहाज से कुल इंपोर्ट से ज्यादा है. यूक्रेन युद्ध के बाद सूची में काफी उथल पुथल हुई है.
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चीन सबसे बड़ा निर्यातक
चीन दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है. उसका नेट ट्रेड 401 अरब डॉलर से ज्यादा का है. नेट ट्रेड कुल एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का अंतर होता है.
तस्वीर: Wang Chun/CFOTO/picture alliance
रूस दूसरे नंबर पर
दूसरा नंबर रूस का है, जिसका कुल नेट ट्रेड 233 अरब डॉलर का है. यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस पर लगीं पाबंदियों के बावजूद उसके कुल निर्यात में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है.
तस्वीर: Georgy Povetkin/TASS/imago images
नॉर्वे सबसे बड़ा यूरोपीय देश
2022 में नेट ट्रेड सरप्लस के मामले में नॉर्वे तीसरे नंबर पर रहा. उसने अपने कुल आयात से ज्यादा 175.4 अरब डॉलर ज्यादा का निर्यात किया.
तस्वीर: Lisi Niesner/REUTERS
जर्मनी ने भी कमाये अरबों
जर्मनी इस मामले में चौथा सबसे बड़ा देश है. 2022 में उसका नेट ट्रेड 172.7 अरब डॉलर का रहा. मशीनरी और कारों के निर्यात में जर्मनी सबसे ऊपर बना हुआ है.
तस्वीर: Angelika Warmuth/REUTERS
निवेश ना करने पर आलोचना
जापान 91 अरब डॉलर के नेट ट्रेड के साथ सूची में पांचवें नंबर पर है. इतने अधिक नेट सरप्लस के कारण इन देशों की आलोचना भी होती है. उन पर निवेश करने के बजाय धन जमा करने का आरोप लगता है.
तस्वीर: Taidgh Barron/Zuma/picture alliance
अमेरिका सबसे बड़ा आयातक
अमेरिका आज भी दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है. 2022 में उसने जितना निर्यात किया उससे 943.8 अरब डॉलर ज्यादा का आयात किया. वह चीन से बहुत आयात करता है, इस कारण उस पर चीन का बड़ा कर्ज भी हो गया है.
तस्वीर: Lokman Vural Elibol/AA/picture alliance
भारत तीसरे नंबर पर
2022 में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश रहा. अमेरिका और उसके बीच में सिर्फ युनाइटेड किंग्डम है. भारत का नेट ट्रेड माइनस 80.4 अरब डॉलर का रहा, जबकि यूके का माइनस 121.4 अरब डॉलर का.
तस्वीर: Jack Guez/AFP
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मुंबई में 21 लाख वर्गफुट और बेंगलुरु में 20 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में मॉल बंद हुए. लेकिन 2022 के मुकाबले इन शहरों में बंद हुए मॉल की यह दर क्रमशः 86 फीसदी और 46 फीसदी थी. हैदराबाद में 19 फीसदी कम क्षेत्रफल में दुकानें बंद हुईं. यानी वहां दुकानें बंद होने की संख्या घटी है.