सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है. मूल फैसले के खिलाफ गांधी की अपील गुजरात की एक सेशंस अदालत में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट में उनकी अपील बस रोक लगाने तक ही सीमित थी.
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सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक इस मामले में अंतिम फैसला आ जाने तक लगाई है. रोक लगने से बतौर सांसद गांधी को अयोग्य घोषित किये जाने पर भी रोक लग जाएगी. तीन जजों की पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा सुनाने के पीछे स्पष्ट कारण नहीं दिए हैं.
पीठ ने कहा कि आईपीसी की धारा 499 के तहत इस मामले में दो सालों की अधिकतम सजा का प्रावधान है जो निचली अदालत के जज ने सुनाया है. अदालत ने यह भी कहा कि अवमानना के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ही गांधी को दी गई डांट के अलावा निचली अदालत के जज ने और कोई कारण नहीं दिया है.
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राहुल गांधी को सांसद चुनने वालों के अधिकार
पीठ ने स्पष्ट किया कि अधिकतम सजा देने की वजह से ही गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने की नौबत आई और अगर एक दिन कम की भी सजा दी गई होती तो ऐसा ना होता. पीठ ने कहा कि ऐसे में ट्रायल जज को अधिकतम सजा देने का कारण तो कम से कम बताना ही चाहिए था.
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पीठ ने आगे कहा कि सिर्फ गांधी ही नहीं बल्कि उनके पूरे निर्वाचन क्षेत्र के अधिकारों पर असर पड़ा है और ट्रायल जज के कोई कारण ना देने के साथ इस वजह को भी देखते हुए, उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाती है.
चूंकि अंतिम फैसला अभी नहीं आया है, पीठ ने इस मामले पर आगे और कोई टिप्पणी नहीं की. हां, पीठ ने गांधी से इतना जरूर कहा कि उनके बयान सुरुचिपूर्ण नहीं थे और सार्वजनिक जीवन जी रहे उनके जैसे व्यक्ति को एक सार्वजनिक भाषण देते समय और सावधान रहना चाहिए था.
मूल मामला 2019 में कर्नाटक के कोलार में गांधी द्वारा एक चुनावी सभा के दौरान "सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है" कहने का था. गुजरात में बीजेपी के पूर्व विधायक पुर्नेश मोदी ने इस बयान को लेकर गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर दिया था.
दोनों पक्षों की दलीलें
23 मार्च को सूरत की एक स्थानीय अदालत ने मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को दोषी पाया था और उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. उसके बाद गांधी की लोक सभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में कहा कि इस मामले में खुद शिकायतकर्ता बीजेपी नेता पुर्नेश मोदी का मूल उपनाम 'मोदी' नहीं है, बल्कि उन्होंने अपना उपनाम 'मोढ़ वनिक' से बदल कर 'मोदी' रखा है.
उन्होंने यह भी कहा कि शिकायत पक्ष के मुताबिक 'मोदी' समुदाय के 13 करोड़ सदस्य हैं लेकिन गांधी की टिप्पणी के खिलाफ शिकायत सिर्फ कुछ बीजेपी नेताओं ने ही की. उन्होंने कहा कि मोदी उपनाम रखने वाले कुछ लोग मानहानि के कानून के तहत मुकदमा करने के योग्य माने गए समूह नहीं हैं.
सिंघवी ने शिकायतकर्ता द्वारा लाये गए सबूत पर भी सवाल उठाए और कहा कि उन्होंने भाषण खुद सुना भी नहीं था बल्कि उसके बारे में व्हाट्सऐप पर पढ़ा था. इस पर शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि भाषण की वीडियो रिकॉर्डिंग अदालत को दी जा चुकी है.
ईडी की जद में विपक्षी नेता
भारत में प्रवर्तन निदेशालय पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक भ्रष्टाचार के कई मामलों में कार्रवाई कर रही है. ज्यादातर मामले विपक्षी नेता और राजनीतिक दल से जुड़े हैं.
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सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ कर चुकी है. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में कर रही है.
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राहुल गांधी
सोनिया गांधी से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से ईडी कई घंटे की पूछताछ कर चुकी है. राहुल से भी नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ हुई है.
आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ईडी जांच कर रही है. पी चिदंबरम को ईडी ने 2019 में आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार किया था.
तस्वीर: UNI
कार्ति चिदंबरम
पी चिदंबरम के बेटे और सांसद कार्ति चिदंबरम पर कथित वीजा रैकेट मामले की जांच सीबीआई कर रही है. आरोप है कि 2011 में जब पी चिदंबरम केंद्र में गृह मंत्री थे तब पंजाब में काम कर रही एक चीनी कंपनी के लोगों को वीजा दिलाने के लिए कार्ति चिदंबरम ने कथित तौर पर रिश्वत ली थी.
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अभिषेक बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी अपनी पत्नी रुजीरा बनर्जी के साथ कथित कोयला तस्करी मामले में ईडी की जांच के घेरे में हैं. इस मामले में अभिषेक बनर्जी से ईडी दो बार पूछताछ कर चुकी है.
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संजय राउत
शिवसेना के सांसद संजय राउत के खिलाफ ईडी पात्रा चॉल घोटाले की जांच कर रही है. ईडी की छापेमारी के दौरान उनके घर से साढ़े ग्यारह लाख रुपये बरामद हुए थे. पूछताछ के बाद 31 जुलाई को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. राउत का आरोप है कि ईडी केंद्र के निर्देशों पर काम कर रही है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Maqbool
सत्येंद्र जैन
आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी गिरफ्तार कर चुकी है. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.
तस्वीर: Hindustan Times/imago images
पार्थ चटर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी पार्थ चटर्जी पर कथित स्कूल भर्ती घोटाले का आरोप है. उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी मिल चुकी है. ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को न केवल मंत्री पद से हटा दिया है बल्कि पार्टी से बाहर का भी रास्ता दिखा दिया है.
तस्वीर: Prabhakar Mani Tewari/DW
फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है. उन पर जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे. 2019 में अब्दुल्ला का बयान ईडी ने दर्ज किया था.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Khan
नवाब मलिक
एनसीपी नेता नवाब मलिक को ईडी ने इसी साल फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी उनकी एक जमीन सौदे की जांच कर रही थी, जो संदिग्ध तौर पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़ी थी.