इस शहर को भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है. दुनिया भर की बड़ी आईटी कंपनियों के यहां दफ्तर हैं. यहां सब सुविधाएं हैं, बस पीने के लिए साफ पानी नहीं है. क्या है इसकी वजह?
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Kiran
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India's tech hub paying the price in water?
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दुनिया के छठे सबसे समृद्ध मुल्क में बड़ी आबादी के पीने का साफ पानी नहीं मिलता. भारत विश्व के ऐसे प्यासे देशों में शामिल है, जहां पानी बेहद मंहगा है.
स्वच्छ पेयजल के लिए छटपटाते देश
दुनिया के छठे सबसे समृद्ध मुल्क में बड़ी आबादी के पीने का साफ पानी नहीं मिलता. भारत विश्व के ऐसे प्यासे देशों में शामिल है, जहां पानी बेहद मंहगा है.
तस्वीर: Reuters/M. Gupta
6. घाना
घाना के बड़े हिस्से में अब भी पानी की सप्लाई के लिए कोई पाइपलाइन सिस्टम नहीं है. वहां लोग अपनी आय का 25 फीसदी हिस्सा पीने के साफ पानी के लिए खर्च करते हैं.
तस्वीर: DW/G. Hilse
5. भारत
भारत में शुद्ध पेयजल 7.5 करोड़ लोगों की पहुंच से बाहर है. गंदे पानी से होने वाली बीमारियों के चलते हर साल भारत में 1,40,000 बच्चे मारे जाते हैं. प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से भारत में लोग 17 फीसदी पैसा पानी पर खर्च करते हैं.
तस्वीर: Reuters/M. Gupta
4. मेडागास्कर
50 लीटर साफ पानी खरीदने के लिए मेडागास्कर के लोगों को 45 फीसदी आय खर्च करनी पड़ती है. जो लोग इतना पैसा खर्च नहीं कर सकते वे नदियों से पानी भरकर लाते हैं.
तस्वीर: Getty Images/D. Kitwood
3. इथियोपिया
अफ्रीकी देश इथियोपिया में लोग अगर खुद पानी ढोयें तो उनकी 15 फीसदी आमदनी खर्च हो. लेकिन अगर वो किसी और से पानी खरीदें तो 150 फीसदी आय स्वाहा हो जाए.
तस्वीर: Reuters/T. Negeri
2. कंबोडिया
बीते 15 साल में कंबोडिया ने स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के मामले में काफी प्रगति की है. राजधानी नोमपेन्ह में अब हर वक्त पानी मिलता है. लेकिन ग्रामीण इलाकों में रहने वाली देश की 80 फीसदी जनता को साफ पानी नहीं है.
तस्वीर: Getty Images/O.Havana
1. पापुआ न्यू गिनी
हर दिन सप्लाई होने वाले 50 लीटर पानी के लिए प्रति व्यक्ति आय का 54 फीसदी हिस्सा खर्च करना पड़ता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक देश की 60 फीसदी आबादी की पहुंच में पीने का साफ पानी नहीं है.