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समाजभारत

राफेल उड़ाने वाली भारत की पहली महिला फाइटर पायलट

६ मई २०२५

29 साल की लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह राफेल लड़ाकू विमान को उड़ाने वाली भारतीय वायु सेना की पहली फाइटर पायलट हैं. फाइटर पायलट बनने के बचपन के सपने को पूरा कर चुकीं सिंह अब एक नया ख्वाब देख रही हैं.

वायु सेना की वर्दी पहने एक विमान के आगे खड़ी कैमरे में देखतीं शिवांगी सिंह
शिवांगी सिंह को एक कड़ी चुनाव प्रक्रिया के बाद राफेल उड़ाने के लिए चुना गयातस्वीर: Arun Sankar/AFP

उत्साह से भरी एक छोटी से बच्ची जिसने करीब दो दशक पहले एक जहाज को छुआ था, वो आज भारत की तेजी से आधुनिक होती सेना का चेहरा बन ऊंची उड़ान भर रही है. शिवांगी सिंह आज राफेल फाइटर जेट उड़ाने वाली पहली महिला बन चुकी हैं.

बरसों पहले जब वह पहली बार नई दिल्ली के वायु सेना संग्रहालय गई थीं तब एक छोटी बच्ची थीं. आज फिर उसी संग्रहालय में खड़े उस समय को याद करते हुए सिंह ने बताया, "यहीं से मेरे रोमांच की शुरुआत हुई थी." उन्होंने कहा कि यहां जहाजों को देखकर उनका मुंह खुला रह गया था और "उन्होंने तुरंत ही फैसला कर लिया था कि वो एक पायलट बनेंगी."

मां से मिली प्रेरणा

भारतीय वायु सेना ने महिलाओं को भर्ती करना 1995 में ही शुरू कर दिया था लेकिन उन्हें फाइटर पायलट बनने की अनुमति 2015 में मिली. सिंह कहती हैं, "मेरी जैसी कई महिलाएं फाइटर पायलट बन चुकी हैं. यह ना सिर्फ आधुनिकीकरण (हमारे समाज का) दर्शाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि हम अब अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं."

शिवांगी सिंह अब अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती हैंतस्वीर: Arun Sankar/AFP

बनारस में जन्मी सिंह को इस क्षेत्र में आने के लिए पढ़ाई और खेल-कूद दोनों में अच्छा प्रदर्शन करना पड़ा. उनके पति भी एक फाइटर पायलट हैं. सिंह ने बताया, "मेरी मां प्रेरणा का एक बहुत बड़ा स्रोत थी क्योंकि वह सिर्फ यह नहीं चाहती थी कि मैं शिक्षित बनूं, वो चाहती थी कि मैं आत्मनिर्भर बनूं और उन्होंने सभी कोशिशों में मेरा साथ दिया."

2023 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारतीय वायु सेना में 1,600 से ज्यादा महिला अधिकारी हैं, जिनमें कई फाइटर पायलट हैं. सिंह बताती हैं कि वह जब पहली बार कॉकपिट में बैठी थी तो वो "नर्वस और चिंतित" थी. लेकिन जब वह पहली बार अकेले उड़ीं तो वो लम्हा उनके लिए "बहुत ही रोमांचक" था.

जब उन्होंने पहली बार एक मिग-21 फाइटर जहाज का नियंत्रण लिया उस समय उन्हें यह अहसास हुआ कि एक लड़ाकू जहाज को उड़ाने के लिए "नियंत्रण पाने में कितने कौशल की जरूरत होती है."

अब बुन रही हैं नया सपना

सिंह नए राफेल विमानों को उड़ाने वाले पहले पायलटों में हैं. एक कड़ी चुनाव प्रक्रिया के बाद, 2020 में उन्हें फ्रांसीसी प्रशिक्षकों के साथ सिम्युलेटर ट्रेनिंग के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया. उसके बाद उन्हें इस विमान को उड़ाने का मौका मिला.

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उन्होंने बताया, "इसकी रेस्पॉन्सिवनेस प्रभावशाली है...कॉकपिट बहुत ही आरामदायक है, आपको ऐसा लगता है कि इसे आप ही के लिए डिजाइन किया गया है." लेकिन सिंह के सपने इससे भी बड़े हैं.

भारत अंतरिक्ष में एक मानव मिशन की योजना बना रहा है और सिंह को उम्मीद है कि यह उनकी अगली चुनौती होगी. उनका कहना है, "मैंने एक ऐसे क्षेत्र में सफलता हासिल की जो लंबे समय से पुरुषों के लिए आरक्षित रहा है, और अगर मैं सफल हुई, तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में काम कर सकती हैं."

वो आगे कहती हैं, "मैं एक अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती हूं. तो उम्मीद करते हैं."

(एएफपी)

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