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समाज

इंडोनेशिया में बाढ़ से कई मरे और करोड़ों लोग बेघर

२ जनवरी २०२०

1 जनवरी को अचानक आई इस आकस्मिक बाढ़ या फ्लैश फ्लड से राजधानी जकार्ता के करीब तीन करोड़ लोग बेघर होने की कगार पर हैं.

Indonesien: Starke Überschwemmungen in Jakarta
तस्वीर: Reuters/W. Kurniawan

इंडोनेशिया प्रशासन के मुताबिक बाढ़ प्रभावित इंडोनेशियाई राजधानी जकार्ता में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. प्रशासन ने बयान जारी कर कहा, "आकस्मिक बाढ़ की वजह से आठ लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग अब तक लापता हैं." इंडोनेशिया की आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता आगुस विबोवो ने बताया कि कई लोगों की मौत पानी में करंट लगने की वजह से हुई है.

बाढ़ से लोग हुए बेघर

करीब 62 हजार लोगों को अब तक जकार्ता में सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. जकार्ता के पश्चिमी क्षेत्र में बाढ़ से बचकर आए मुनारसिह ने कहा "बाढ़ बिना किसी चेतावनी के आई. जिससे पानी का स्तर इतनी जल्दी बढ़ने लगा कि हम अपनी कार भी नहीं बचा पाए."

तस्वीर: Reuters/M. Iqbal

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से आई तस्वीरों में लोग रबड़ ट्यूब के सहारे बाढ़ के पानी को पार करने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों के घरों में जल भराव की स्थिति पैदा हो गई है. पूर्वी जकार्ता के रहने वाले 52 साल के उमर दानी के मुताबिक जब पानी उनकी गर्दन तक पहुंच गया, तब उन्होंने अपने परिवार के साथ घर जल्दबाजी में खाली किया. वह कहते हैं, "हमे अपने साथ कुछ भी लाने का मौका नहीं मिला. अब हमें सड़क पर रहना होगा."

18 घंटे की भारी बारिश के बाद आई आकस्मिक बाढ़ ने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में जन जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया. राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ का पानी 8 फीट तक पहुंच गया है.

बाढ़, बारिश से भूस्खलन का खतरा

भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से शहर के बाहरी इलाकों में जानलेवा भूस्खलन भी देखने को मिल रहा है. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सरकार की तुरंत प्रतिक्रिया के बारे में ट्वीट किया. बाढ़ विरोधी उपायों के साथ सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बहाल करने का वादा भी इस ट्वीट के जरिए किया गया. विडोडो जानकारी देते हुए कहा कि घरेलू एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है. हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया गया है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/Ralia

मॉनसून की बारिश और नदियों के बढ़ते स्तर की वजह से करीब 169 मोहल्ले पानी में डूब गए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक करीब 1 लाख 20 हजार बचावकर्मी  लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकालने में मदद कर रहे हैं. बुधवार को यानी नए साल के दिन को करीब 37 सेंटीमीटर (14.5 इंच) बारिश हुई.

जकार्ता के गवर्नर अनीस बसवेदन ने ट्वीट कर लोगों को यह भरोसा दिलाया कि सरकार बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद करेगी. बसवेदन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रशासन तीन करोड़ लोगों के शहर को बाढ़ से रोकने के लिए दो प्रमुख नदियों पर बांध और बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को आगे बढ़ाएगा. अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने को कहा है क्योंकि 7 जनवरी तक मौसम का ऐसा ही प्रकोप जारी रहने की संभावना है.

इंडोनेशिया अक्सर भूकंप और बाढ़ का प्रकोप झेलता रहा है. नए साल के पहले दिन आई यह बाढ़ 2013 के बाद अब तक की सबसे जानलेवा बाढ़ साबित हुई है. सन 2013 की मानसून की बारिश में दर्जनों लोग मारे गए थे.

एसबी/आरपी (रॉयटर्स)

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