इंडोनेशिया में हिजाब पहनकर हैवी मेटल संगीत बजाने वाली लड़कियों ने कम उम्र में ही अपने प्रशंसक तो बहुत बनाए लेकिन अपने माता-पिता पर जीत हासिल करने में उन्हें एक कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ा.
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वॉयस ऑफ बेसप्रोट (तेज आवाज) के पीछे की छोटी तिकड़ी ने साल 2014 में युवा किशोरियों के रूप में वीओबी बनाने के बाद दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल राष्ट्र के संगीत समारोहों में अपने कौशल को निखारने के लिए सालों बिताए. तीनों लड़कियों ने पश्चिम जावा प्रांत के रूढ़िवादी शहर में बड़े होते हुए लंबा सफर तय किया है. उन्होंने अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए परिवार और पड़ोसियों के तानों को नजरअंदाज किया.
19 साल की बासिस्ट विदी रहमावती कहती हैं, "मेटल संगीत के कारण, मेरे पास अपने मन की बात कहने का साहस और दूसरों से अलग होने का आत्मविश्वास है." वे कहती हैं, "जब मैं मंच पर होती हूं, तो मैं उन नियमों की चिंता किए बिना खुद को व्यक्त कर सकती हूं जिसकी लोग मुझसे उम्मीद करते हैं."
अगर तीनों उन नियमों का पालन कर लेती तो उनकी शादी हाई स्कूल के बाद ही हो गई होती. ऐनक पहनी 20 साल की फिरदा मर्सिया कुर्निया कहती हैं, "मेरे माता-पिता ने मुझसे कहा था कि पढ़ना बेकार है, संगीत बजाना तो दूर की बात है. उन्होंने कहा कि एक बार मेरी शादी हो जाती है तो मेरे पति मुझे किताबें पढ़ने के लिए नहीं बल्कि घर पर रहकर खाना बनाने और सफाई करने के लिए कहेंगे."
तीनों के जिद्दी संकल्प ने आखिरकार उनके संशयी माता-पिता पर जीत हासिल करने में मदद की और वे अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए पिछले साल राजधानी जकार्ता चली आईं. कुर्निया कहती हैं, "संगीत हमारे लिए खुशी हासिल करने और अन्य लोगों के साथ साझा करने का जरिया है. अगर दर्शकों को हमारे संगीत से कुछ संदेश मिलता है तो हम आभारी हैं."
संगीत और महिला शक्ति
तीनों इन दिनों महिलाओं और पर्यावरण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए गीत लिखती हैं. संगीत विशेषज्ञ युका डियान नरेंद्र कहते हैं रूढ़िवादी सामाजिक मूल्यों की इन लड़कियों द्वारा आलोचनाएं सीमा के पार गूंजती हैं और उन्हें एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय दर्शक मिल सकता है. वे कहते हैं, "बैंड इंडोनेशिया की मुख्यधारा की मुस्लिम लड़कियों का प्रतिबिंब है."
महामारी के कारण बैंड ने कई ऑनलाइन संगीत कार्यक्रम आयोजित किया है. कोरोना के कारण अधिकांश सीमा पार की यात्राएं बंद हैं, जिसमें इंग्लैंड में वॉव यूके फेस्टिवल और ग्लोबल जस्ट रिकवरी गैदरिंग शामिल हैं. उन्हें उम्मीद है कि उनकी तेज धुनों से उन्हें एक दिन शीर्ष अमेरिकी संगीत समारोह कोचेला में जगह मिलेगी. इस बीच, इन लड़कियां का कहना है कि वे अपने गृहनगर की महिलाओं से प्रेरणा लेती रहेंगी, जहां कई महिलाएं कमर तोड़ काम करती हैं.
ड्रम बजाने वाली इज सिति असियाह कहती हैं, "वहां की महिलाओं के साथ दूसरे दर्जे के नागरिकों की तरह व्यवहार किया जाता है. लेकिन हमारे गांव में बहुत मजबूत महिलाएं भी हैं."
एए/सीके (एएफपी)
मेक्सिको की आंद्रेआ मेजा बनीं 69वीं मिस यूनिवर्स
मेक्सिको की आंद्रेआ मेजा ने मिस यूनिवर्स का 69वां खिताब अपने नाम किया है. मेजा ने मिस ब्राजील को शिकस्त देकर यह ताज जीता है. भारत की ए़डलीन कास्टेलीनो ने चौथा स्थान हासिल किया है.
तस्वीर: Rodrigo Varela/Getty Images
मिस यूनिवर्स 2021
मेक्सिको की आंद्रेआ मेजा ने सुंदरता प्रतियोगिता मिस यूनिवर्स का खिताब अपने नाम कर लिया है. उन्होंने मिस यूनिवर्स का 69वां खिताब अपने नाम किया है. 26 साल की मेजा पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और वे एक सर्टिफाइड मेक-अप आर्टिस्ट और मॉडल हैं.
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यूलिआ गामा
ब्राजील की यूलिआ गामा मिस यूनिवर्स 2021 की उपविजेता चुनी गईं. पेरू की सुंदरी तीसरे स्थान पर रही. पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण यह प्रतियोगिता पहली बार रद्द कर दी गई थी. अमेरिका के फ्लोरिडा में रंगारंग कार्यक्रम की मेजबानी अमेरिकी अभिनेता मारियो लोपेज और टीवी पर्सनालिटी ओलिविया कल्पो ने की. इस प्रतियोगिता में दुनिया भर की 70 से अधिक सुंदरियां शामिल हुईं थीं.
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चौथे स्थान पर एडलीन कास्टेलीनो
भारत का प्रतिनिधित्व कर रही 22 साल की एडलीन कास्टेलीनो ने मिस यूनिवर्स 2021 में चौथे पर स्थान पर जगह हासिल की. प्रतियोगिता के दौरान कास्टेलीनो से महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन लगाने के बारे में पूछा गया. उन्होंने जवाब दिया, "आपको अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य दोनों के बीच सामंजस्य बनाना चाहिए."
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म्यांमार की सुंदरी ने मंच का इस्तेमाल ऐसे किया
मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में म्यांमार की सुंदरी इस मंच का इस्तेमाल दुनिया को अपने देश में हो रहे अत्याचार के खिलाफ ध्यान आकर्षित करने के लिए किया. म्यांमार की प्रतिभागी थुजार विंट ल्विन ने दुनिया से तख्तापलट और सेना के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की.
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"हमारे लोग मर रहे हैं"
थुजार विंट ल्विन ने इस मंच का बखूबी इस्तेमाल किया. उन्होंने अपने देश के हालात के बारे में बताते हुए कहा, "हमारे लोग मर रहे हैं और हर रोज सेना द्वारा गोली से मारे जा रहे हैं. इसलिए मैं अपील करूंगी लोग म्यांमार के बारे में बात करें." शीर्ष 21 में शामिल ल्विन अपने देश में विरोध प्रदर्शनों में भी हिस्सा ले चुकी हैं.
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"स्टॉप एशियन हेट"
मिस सिंगापुर बर्नडेट बेले ओंग टॉप 21 में शामिल नहीं हो पाईं, लेकिन उन्होंने अपनी पोशाक का इस्तेमाल राजनीतिक संदेश देने के लिए किया. उनकी पोशाक इस तरह से डिजाइन की गई थी कि उस पर देश का झंडा था और "स्टॉप एशियन हेट" लिखा था. अमेरिका में खास कर एशियाई मूल के लोग असुरक्षा की भावना से गुजर रहे हैं और इसी साल मार्च में एक मसाज पार्लर पर हमला हुआ था.
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महिला सशक्तिकरण
हाल के सालों में मिस यूनिवर्स जैसी प्रतियोगिता की छवि बदली है. अब प्रतिभागी अति गंभीर मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों पर खुलकर अपनी राय रखती हैं.