जर्मनी के पास नए हाई-वे बनाने के लिए नहीं है पैसा
३० सितम्बर २०२५
23 सितंबर को बुंडेसटाग, यानी जर्मन संसद के निचले सदन में साल 2026 का बजट प्रस्ताव चर्चा के लिए पेश किया गया. वित्त मंत्री और उप-चांसलर, लार्स क्लिंगबाइल ने ड्राफ्ट पेश किया. इसपर तकरीबन दो महीने तक बहस चलेगी और नवंबर के अंत में वोटिंग की जाएगी.
इस बजट प्रस्ताव पर चर्चा आसान नहीं होगी. इसके अनुसार कई मंत्रालयों को कम फंड में काम करना होगा, क्योंकि टैक्स से होने वाली आमदनी सरकार के खर्चों को पूरा करने के लिए काफी नहीं है.
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बहस की शुरुआत करते हुए क्लिंगबाइल ने कहा कि आने वाला समय मुश्किल होगा. सीडीयू-सीएसयू और एसपीडी की गठबंधन सरकार को "कई साहसी और असहज फैसले लेने पड़ेंगे, जो कि काफी कठोर और चुनौतीपूर्ण होगा."
अब तक परिवहन मंत्रालय को बजट कटौती की कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि जर्जर हो चुकी सड़कों और पुलों की मरम्मत करना सरकार की प्राथमिकता थी. हाल ही में सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर और जलवायु संरक्षण के लिए 500 अरब यूरो के विशेष फंड की घोषणा की थी. अब तक क्लिंगबाइल का कहना था, "सालों से चली आ रही बचत नीति ने हमारे देश को काफी हद तक बर्बाद कर दिया है. अब हम चाहते हैं कि काम तुरंत शुरू कर दिया जाए."
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परिवहन मंत्री पैट्रिक श्नाइडर को उम्मीद थी कि इस विशेष फंड से उनके मंत्रालय को काफी मदद मिलेगी. सड़कें, रेलमार्ग और पुल जैसी परिवहन सुविधा, जिनकी हालत फिलहाल काफी खराब है, संघीय ढांचे का एक अहम हिस्सा है.
जर्जर स्थिति में जर्मनी का परिवहन ढांचा
परिवहन मंत्रालय के अनुसार पूरे परिवहन ढांचे के एक-चौथाई हिस्से को, यानी लगभग 25,000 किलोमीटर हाई-वे नेटवर्क को जल्द-से-जल्द मरम्मत की जरूरत है. पुलों के मामले में तो हालत और भी खराब है. लगभग 5,000 पुलों को तुरंत मरम्मत चाहिए. कुछ की हालत तो इतनी खराब है कि उनको फिर से बनाना पड़ सकता है.
राष्ट्रीय रेल कंपनी 'डॉयचे बान' का नेटवर्क तो इतना जर्जर हो चुका है कि हर दूसरी ट्रेन अपने गंतव्य स्थान पर देर से पहुंचती है.
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वित्त मंत्री क्लिंगबाइल ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में परिवहन मंत्रालय को विशेष फंड से लगभग 1,200 करोड़ यूरो का ही फंड आवंटित किया. हालांकि, साल 2026 में यह रकम बढ़कर 2,100 करोड़ यूरो से अधिक हो जाएगी. लेकिन परिवहन मंत्री श्नाइडर को बेशक यह उम्मीद नहीं रही होगी कि क्लिंगबाइल उनके मंत्रालय का बुनियादी बजट 1,000 करोड़ यूरो तक घटा देंगे.
क्लिंगबाइल ने इस बात से इनकार किया है कि वह बचत की गई राशि का इस्तेमाल बजट के अन्य घाटों की भरपाई में कर रहे हैं. इस स्पष्टीकरण के बावजूद विपक्ष ने उनकी तीखी आलोचना की है. विपक्ष ने सरकार के उस वादे की ओर ध्यान दिलाया है जिसमें कहा गया था कि विशेष फंड से लिए गए कर्ज का इस्तेमाल केवल नए निवेशों की फंडिंग में किया जाएगा.
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परिवहन मंत्री ने भी इस विषय पर अपनी खीझ जताई है. केवल इसलिए नहीं कि अब उन्हें कम फंड मिलेगा, बल्कि इसलिए भी कि अब उन्हें अतिरिक्त कटौतियों का भी सामना करना होगा. अब स्पेशल फंड से किसी भी नए निर्माण या विस्तार प्रोजेक्ट को पैसा नहीं दिया जा सकेगा. इसके अंतर्गत केवल ऐसे हाई-वे पुलों के पुनर्निर्माण की इजाजत होगी जिनकी मरम्मत संभव नहीं है.
श्नाइडर के मुताबिक, उनका घटाया गया बजट पर्याप्त नहीं है. जर्मन अखबार 'एफएजेड' को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि 2026 से 2029 की अवधि के लिए लगभग 1,500 करोड़ यूरो की कमी है.
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उन्होंने कहा कि इस कमी का मतलब होगा कि 74 नए हाई-वे (ऑटोबान) बनाने और विस्तार करने की परियोजना को रोकना, या फिर आगे खिसकाना होगा. साथ ही, पहले से तय किए गए 99 संघीय राजमार्गों के निर्माण और विस्तार की योजना में भी देर होगी. इसमें मुख्यतौर पर ऐसे प्रोजेक्ट प्रभावित होंगे, जिनमें अधूरे हाई-वे या बाईपास को पूरा किया जाना है.
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बुंडेसटाग की बजट समिति ने परिवहन मंत्रालय से प्रभावित होने वाले सभी मार्गों की सूची मांगी थी. श्नाइडर ने यह सूची सौंप दी है. साथ ही इस सूची में उन सभी निर्वाचन क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जहां ये प्रोजेक्ट होने हैं. इससे अब बुंडेसटाग का हर सदस्य साफ देख पाएगा कि वित्तीय बजट में कमी का सीधा असर उनपर, उनके मतदाताओं और स्थानीय नागरिकों पर कैसे पड़ेगा.
वित्त मंत्री क्लिंगबाइल ने परिवहन मंत्री श्नाइडर को एक पत्र भेजा. इसमें उन्होंने कड़े शब्दों में याद दिलाया कि श्नाइडर ने पहले ही तय किए गए वित्तीय ढांचे को स्वीकार कर लिया था.
क्लिंगबाइल ने ध्यान दिलाया कि किसी भी अन्य क्षेत्र को परिवहन क्षेत्र जितना निवेश नहीं मिल रहा है. परिवहन निवेश के लिए वर्ष 2029 तक कुल 16,600 करोड़ यूरो का फंड तय किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि अब यह श्नाइडर की जिम्मेदारी है कि वे अपनी प्राथमिकताएं तय करें और फंड का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करें.
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उधर जिन इलाकों में निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं, वहां भारी नाराजगी है. राज्यों का कहना है कि केंद्र सरकार को पहले से तय किए गए निर्माण और विस्तार प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग जारी रखनी चाहिए थी.
इसके बाद एक संसदीय दल की बैठक में चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने वादा किया कि ज्यादा-से-ज्यादा नए निर्माण प्रोजेक्ट बनाने की हर संभव कोशिश की जाएगी.
बुंडेसटाग में बजट चर्चा की शुरुआत करते हुए श्नाइडर ने कहा कि इसके लिए सबसे जरूरी है, लचीलापन. शुरुआती ध्यान मरम्मत और रखरखाव पर देना होगा, लेकिन आगामी बजटों में नई सड़कों और रेल ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान देना होगा.
इस मुद्दे पर एसपीडी ने मिले-जुले संकेत दिए हैं. पार्टी के संसदीय सचिव डिर्क वीजे ने कहा कि "नए निर्माण से पहले रखरखाव" की योजना का यह मतलब नहीं कि सभी योजनाबद्ध प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि प्राथमिकताएं तय करना परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी है.
निजी निवेश को बढ़ावा देने की कोशिश
अनुमान है कि केवल नए हाई-वे और एक्सप्रेस-वे की बहस ही बजट चर्चा का एकमात्र विवाद नहीं होगा. सरकार अपना पैसा कैसे खर्च कर रही है, इस बात का लेखा-जोखा रखने वाली संस्था 'बुंडेसरेशनुंग्सहोफ' ने सरकार से और सख्त बचत नीतियां बनाने की मांग की है.
साल 2026 के बजट पर आई इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग हर तीसरा यूरो कर्ज से फाइनैंस पाता है. ऑडिटरों ने चेतावनी दी है कि यह कोई सेहतमंद वित्तीय प्रबंधन नहीं है और इससे कर्ज के जाल में फंसने का खतरा बढ़ सकता है.
इसी बीच चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने कहा, "सिर्फ सरकारी निवेश से जर्मनी में जरूरतें पूरी नहीं हो सकती हैं. ना ही यह उन वर्षों की भरपाई कर सकता है, जब हमने बुनियादी ढांचे में पर्याप्त निवेश नहीं किया." निजी निवेशक जर्मन इंफ्रास्ट्रक्चर में गहरी रुचि रखते हैं, "इसलिए सार्वजनिक क्षेत्र और निजी निवेशकों के बीच संयुक्त प्रोजेक्ट किए जा सकते हैं. हम परिवहन मंत्रालय के साथ मिलकर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट्स शुरू करने की योजना बना रहे हैं."