ज्युड डॉयचे त्साइटुंग अखबार और जर्मन सरकारी टीवी ने इस रिपोर्ट को आधार बनाकर कहा है कि ये तीनों खाड़ी देश इस्लाम की अति कट्टरपंथी शाखा को जर्मनी में जड़ें जमाने में मदद दे रहे हैं. इसके तहत कई धार्मिक संगठन न सिर्फ जर्मनी में अपने उपदेशक भेज रहे हैं बल्कि देश में मदरसे और मस्जिदें भी बनाई जा रही हैं.
हालांकि सऊदी सरकार का कहना है कि ये संगठन अपने आप में स्वतंत्रत हैं और सरकार का उनसे कोई लेना देना नहीं है. लेकिन जर्मनी की विदेशी और घरेलू खुफिया एजेंसियां इस नतीजे पर पहुंची हैं कि ये लोग अपने देशों में सरकारी पदों पर बैठे लोगों के बहुत करीब हैं. घरेलू खुफिया एजेंसी कुवैत स्थित एक एनजीओ रिवाइवल ऑफ इस्लामिक हेरिटेज सोसाइटी की मिसाल देती है. एजेंसी को इस संस्था के "मिशनरी काम" और जिहादी विचारधारा में कोई अंतर नजर नहीं आया.
देखिए जर्मनी में आतंक के साए
जर्मनी में पिछले डेढ़ साल के दौरान पुलिस कई आतंकवादी हमलों की साजिशों को नाकाम बनाने में कामयाब रही. इस्लामी आतंकवाद के निशाने पर आए जर्मनी में हुई चरमपंथी घटनाओं पर एक नजर.
तस्वीर: Reuters/M. Rehleजर्मन फुटबॉल क्लब बोरुसिया डॉर्टमुंड के खिलाड़ियों की बस के करीब तीन धमाके हुए. उस वक्त टीम 11 अप्रैल को चैंपियंस लीग का क्वार्टरफाइनल मुकाबला खेलने जा रही थी. इस घटना में एक खिलाड़ी घायल हुआ है. पुलिस अभी इसे आतंकी घटना नहीं मान रही है. जांच जारी है.
तस्वीर: Reuters/K. Pfaffenbachबर्लिन के एक क्रिसमस बाजार में जर्मनी का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ जिसमें 12 लोग मारे गए थे. हमले के पीछे एक ट्यूनीशियाई युवक था जिसकी शरण की अर्जी ठुकरा दी गई थी. बाद में वह मिलान में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया.
तस्वीर: Reuters/F. Benschपुलिस ने लाइपजिग में 22 साल के एक सीरियाई शरणार्थी को गिरफ्तार किया. केमनित्स में उसके अपार्टमेंट से विस्फोटक और बम बनाने की सामग्री मिली थी. वह बर्लिन एयरपोर्ट पर हमले की संदिग्ध योजना बना रहा था. दो दिन बाद उसने खुद को जेल में फांसी लगा ली.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Willnowजुलाई में इस्लामिक स्टेट ने शरणार्थियों द्वारा किए गए दो हमलों की जिम्मेदारी ली. बवेरियन शहर अंसबाख में एक वाइन बार में हुए धमाके में 15 लोग घायल हुए. हमलावर ने खुद को भी मार दिया.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/D. Karmann17 साल का एक शरणार्थी कुल्हाड़ी और चाकू लेकर एक ट्रेन में चढ़ गया और उसने हांगकांग के एक सैलानी परिवार के चार सदस्यों और एक अन्य व्यक्ति को घायल कर दिया. पुलिस की गोली से हमलावर मारा गया. पुलिस के मुताबिक हमलावर आईएस से प्रेरित था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Hildenbrandतीन जर्मन राज्यों नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया, ब्रांडेनबुर्ग और बाडेन वुर्टेमबर्ग में आईएस के तीन संदिग्ध सदस्य गिरफ्तार किए गए. अधिकारियों का कहना है कि इनमें से दो की योजना नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया की राजधानी डुसलडॉर्फ के व्यस्त इलाके में खुद को उड़ाने की थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Hitijपुलिस ने एसेन में एक सिख गुरुद्वारे पर हुए धमाके के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया. धमाका एक शादी के दौरान हुआ जिससे इमारत की खिड़कियां और दीवारों को नुकसान हुआ.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kuschजर्मन-मोरक्कन साफिया एस पर उत्तरी शहर हनोवर में एक पुलिस अधिकारी को चाकू घोंपने के आरोप तय किए गए. 16 वर्ष की इस लड़की पर आईएस से प्रेरित होने का संदेह है.
तस्वीर: Polizeiपुलिस ने बर्लिन में आतंकवादी हमले की योजना बनाने के संदिग्ध तीन अल्जीरियाई लोगों को गिरफ्तार किया जो आईएस से जुड़े थे. बर्लिन के अभियोजकों का कहना है कि उन्हें जर्मन राजधानी को निशाना बनाए जाने की "पुख्ता" योजना का पता चला था.
तस्वीर: Reuters/F. Benschपुलिस को एक बाइक रेस उस वक्त रद्द करानी पड़ी जब पता चला कि इसे आतंकवादी हमले के जरिए निशाना बनाया जा सकता है. इस सिलसिले में एक तुर्क मूल के जर्मन और उसकी 34 वर्षीय पत्नी को गिरफ्तार किया गया. पुलिस को उनके घर से विस्फोटक मिले.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Dedert हालांकि ज्युड डॉएचे त्साइटुंग ने खुफिया एजेंसी के हवाले से यह भी कहा है कि उनके पास ऐसा कोई सबूत नहीं है कि इस सोसाइटी ने हिंसक सलाफी ढांचों और उनके नेटवर्क का स्पष्ट समर्थन किया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जर्मन खुफिया अधिकारियों ने ऐसे इस्लामी कार्यकर्ताओं और उपदेशकों की सूची बनाई है जिन्हें यूरोप की सीमा रहित शेंगेन इलाके में दाखिल नहीं होने देना चाहिए.
जर्मनी की घरेलू खुफिया एजेंसी को आशंका है कि देश में इस्लामिक स्टेट के प्रति सहानुभूति रखने वाले बहुत से लोग हैं. कुछ महीने पहले जर्मन शहर लाइपजिग से इस्लामिक स्टेट के एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार भी किया गया. अभियोजन पक्ष के मुताबिक संदिग्ध धमाके करने की फिराक में था.
जर्मनी में इस्लाम की कट्टरपंथी सलाफी शाखा भी काफी सक्रिय बताई जाती है. खुद के धार्मिक तरीकों को "सच्चा धर्म" करार देने वाले सलाफी रुढ़िवादी तरीके से कुरान का अनुवाद कर बीते सालों में जर्मन शहरों में कुरान बांट चुके हैं. किताब के बाहर सिर्फ यही लिखा गया था कि, "इसे पढ़ें." तब भी उनकी काफी आलोचना हुई. सलाफिज्म इस्लाम की किताबों की बेहद कड़े ढंग से व्याख्या करता है. सलाफी शरिया कानून लागू करने की वकालत करते हैं.
एके/एमजे (डीपीए)
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