ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद से ही हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. ईरान के लोग सरकारी सख्ती की परवाह किए बिना सड़कों पर उतर रहे हैं. एक मानवाधिकार समूह ने कहा कि विरोध के दौरान 83 लोग मारे गए हैं.
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ईरान में महसा अमीनी की मौत पर विरोध प्रदर्शन जारी है, ईरानी अधिकारियों ने कथित तौर पर गुरुवार को विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करने पर पत्रकारों को चेतावनी दी है. ईरान की अर्ध-आधिकारिक न्यूज वेबसाइट, ईरानी स्टुडेंट न्यूज एजेंसी या आईएसएनए एजेंसी ने तेहरान के प्रांतीय गवर्नर के हवाले से कहा कि अधिकारी "मशहूर हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे" जो विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए हैं.
ईरान में ऐसे विरोध प्रदर्शन हाल के वर्षों में देखने को नहीं मिले हैं. इसे ईरानी सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती मानी जा रही है. उदाहरण के लिए ईरानी फुटबॉल टीम ने कुछ दिनों पहले विएना में एक दोस्ताना मैच के दौरान अपनी राष्ट्रीय टीम के लोगो को ढक लिया था.
अधिकार समूहों ने ईरान के शहरों में प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा बल के अत्यधिक इस्तेमाल की ओर इशारा किया है, जिसमें एक मानवाधिकार समूह ने गुरुवार तक कम से कम 83 लोगों की मौत की सूचना दी है.
पत्रकारों की भी गिरफ्तारी
नॉर्वे में स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स ने कहा कि विरोध के दौरान बच्चों समेत 83 लोगों की मौत हो गई. इससे पहले एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा था कि विरोध प्रदर्शनों को "सुरक्षा बलों द्वारा निर्मम हिंसा" के रूप में चिह्नित किया गया है, जबकि कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट ने गुरुवार को कहा कि देश में अधिक पत्रकारों को भी गिरफ्तार किया गया है.
कमेटी के मुताबिक गुरुवार तक कम से कम 28 पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
ईरानी राष्ट्रपति ने अशांति फैलाने के लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया
ईरान के सरकारी टीवी ने गुरुवार को कहा कि पुलिस ने बड़ी संख्या में "दंगाइयों" को गिरफ्तार किया है, हालांकि गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या नहीं बताई गई.
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा कि 1979 की क्रांति के बाद से देश में पश्चिमी शक्तियों द्वारा अशांति फैलाने का ताजा कदम है.
रईसी ने कहा, "दुश्मनों ने 43 वर्षों तक इस्लामी ईरान के खिलाफ अभिकलनात्मक त्रुटियां की हैं, यह कल्पना करते हुए कि ईरान एक कमजोर देश है जिस पर हावी हुआ जा सकता है."
ईरानी सरकारी टीवी ने गुरुवार को यह भी बताया कि 17 सितंबर से शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद से पुलिस कर्मियों समेत 41 लोग मारे गए हैं.
जला दिए हिजाब
सीरिया में सैकड़ों महिलाओं ने अपने हिजाब जला दिए. अपना गुस्सा जाहिर करतीं कुछ महिलाओं ने बाल भी काटे.
तस्वीर: Orhan Qereman/REUTERS
गुस्से में महिलाएं
उत्तरी सीरिया के कुर्द-नियंत्रित इलाके में महिलाओं ने कुछ इस तरह अपना गुस्सा जाहिर किया.
तस्वीर: Orhan Qereman/REUTERS
महसा अमीनी के लिए
ये महिलाएं ईरान में महसा अमीनी की मौत पर क्रोधित हैं. महसा अमीनी भी कुर्द थीं.
तस्वीर: Orhan Qereman/REUTERS
हक की बात
सीरिया में महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था कोंगरा स्टार की सदस्य अरवा अल-सालेह ने कहा कि वे ईरान में विरोध कर रहीं महिलाओं के समर्थन में सड़क पर उतरी हैं.
तस्वीर: Orhan Qereman/REUTERS
कैसे हुई अमीनी की मौत?
22 साल की महसा अमीनी की हाल ही में नैतिक-पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मौत हो गई थी. हालांकि ईरानी अधिकारियों का कहना है कि अमीनी के साथ कोई ज्यादती नहीं की गई थी.
तस्वीर: Orhan Qereman/REUTERS
दुनियाभर में विरोध
दुनियाभर की महिलाओं में अमीनी की मौत पर गुस्सा है. ईरान में भी इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं.
तस्वीर: WANA NEWS AGENCY via REUTERS
ईरान में भारी विरोध
अमीनी को नैतिक पुलिस ने इसलिए पकड़ा था क्योंकि उन्होंने हिजाब नहीं पहना था. अब विरोधस्वरूप ईरान और दुनिया के अन्य हिस्सों में महिलाएं हिजाब जलाकर विरोध जता रही हैं.
तस्वीर: Andre Penner/AP/picture alliance
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ईरान में विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?
कुछ दिनों पहले ईरान के सख्त हिजाब कानून का कथित रूप से उल्लंघन करने के आरोप में एक युवा कुर्द महिला महसा अमीनी को नैतिकता पुलिस ने गिरफ्तार किया था. महसा अमीनी की बाद में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने दावा किया कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी, लेकिन अमीनी के परिवार का कहना है कि उसे कभी भी दिल की कोई बीमारी नहीं थी और पुलिस द्वारा कथित दुर्व्यवहार के कारण उसकी मौत हो गई.
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी, एपी)
ईरान में बाजार बंद, सड़कों पर उतरे लोग
ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. उन्हें सिर ढकने का नियम न मानने के आरोप में ईरान की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कस्टडी में हुई पिटाई की वजह से 22 साल की अमीनी की मौत हो गई.
तस्वीर: Fatemeh Bahrami/AA/picture alliance
अखबारों पर महसा अमीनी की तस्वीर
ईरानी अखबारों के फ्रंट पेज पर महसा अमीनी की दर्दनाक मौत की खबर प्रमुखता से छापी गई.
तस्वीर: Fatemeh Bahrami/AA/picture alliance
अंतिम संस्कार में हजारों की भीड़
तेहरान के अस्पताल में मौत के बाद महसा अमीनी का शव अंतिम संस्कार के लिए उनके गृह क्षेत्र कुर्दिस्तान के सक्केज शहर लाया गया, जहां हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए.
तस्वीर: Mukriyannewsagency
कुर्दिस्तान के बाजारों में पसरा सन्नाटा
कुर्द नेताओं के आह्वान के बाद, कुर्दिस्तान में बाजार बंद कर लोग हड़ताल पर चले गए.
तस्वीर: NNSRoj
सड़कों के साथ-साथ ऑनलाइन विरोध जारी
लोग सड़क पर उतर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. कई महिलाओं ने कानूनों की अवहेलना की और सार्वजनिक रूप से हिजाब जलाकर या वीडियो बनाकर हैशटैग #NotoHijab के साथ उन्हें ऑनलाइन अपलोड कर विरोध जताया.
तस्वीर: NNSRoj
सड़कों पर भारी सुरक्षाबलों की मौजूदगी
विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए सक्केज शहर में सुरक्षाबलों की भारी मौजूदगी थी. लेकिन इसके बावजूद लोग सड़कों पर उतर आए.
तस्वीर: Kurdpa
विरोध प्रदर्शन के दौरान कई घायल
सक्केज में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस हमले में कई लोगों के घायल होने की खबरें हैं.
तस्वीर: Kurdpa
एमनेस्टी और ह्यूमन राइट्स वॉच ने की निंदा
सक्केज में महसा अमीनी की कब्र. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने महसा की मौत की आपराधिक जांच की मांग की है और देश में "अत्याचारी, अपमानजनक और भेदभावपूर्ण" कानूनों की निंदा की है. वहीं, ह्यूमन राइट्स वॉच ने इस घटना को "अपमानजनक" बताया और देश में कुख्यात हिजाब कानून को खत्म करने की मांग की है.
तस्वीर: Mukriyannewsagency
ईरान में होता रहा है हिजाब का विरोध
जुलाई में भी ईरान में कुछ महिलाएं बिना हिजाब के सड़कों पर उतरीं थी. दरअसल, ईरान में हिजाब को लेकर सख्त शरिया कानून है. 12 जुलाई वहां 'राष्ट्रीय हिजाब और शुद्धता दिवस' के रूप में मनाया जाता है.