महसा अमीनी आंदोलन के तीन प्रर्दशनकारियों को फांसी
१९ मई २०२३19 मई 2023 की सुबह ईरान के प्रशासन ने माजिद काजेमी, सालेह मीरहाशेमी और सईद याघौबी को फांसी पर लटका दिया. तीनों पर मध्य ईरान के इसफान शहर में प्रदर्शन के दौरान बंदूक लहराकर, "मोहारेबेह" का दोष सिद्ध किया गया. मोहारेबेह का मतलब अल्लाह के खिलाफ युद्ध है. 2022 में इसफान में हुए इस प्रदर्शन के दौरान तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए. यह जानकारी ईरानी न्यायपालिक की मिजान वेबसाइट ने दी है.
काजेमी, मीरहाशेमी और याघौबी को नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया. दो महीने के भीतर अदालती कार्रवाई पूरी करते हुए जनवरी में तीनों को मौत की सजा सुनायी गयी. उन पर "राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा और अंदरूनी सुरक्षा के विरुद्ध अपराध करने वाले गैरकानूनी संगठनों" की सदस्यता की धाराएं भी लगायी गयीं.
ईरान: महसा अमीनी की मौत पर यूएन ने जांच की मांग की
मिजान वेबसाइट के मुताबिक, "इस केस में सबूत, दस्तावेज और स्पष्ट बयान खुद आरोपियों ने दिये." ये दिखाते हैं कि "इन तीन लोगों की फायरिंग में तीन सुरक्षाकर्मी शहीद हुए."
आंदोलन बनी महसा अमीनी
ईरान की राजधानी तेहरान में 13 सितंबर 2022 को एक कुर्द युवती महसा अमीनी को हिरासत में लिया गया. अपने परिवार के साथ तेहरान घूमने आई महसा को हिजाब से सिर न ढंकने के आरोप में तेहरान की नैतिक पुलिस ने हिरासत में लिया था. इसके बाद 22 साल की अमीनी को हिरासत केंद्र में रखा गया, जहां 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि महसा की मौत पुलिस की पिटाई से हुई.
कौन दे रहा है ईरान में स्कूली लड़कियों को जहर
ईरान सरकार का कहना है कि महसा की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई. लेकिन प्रशासन इस बात का जवाब नहीं दे सका कि महसा के कान से खून क्यों बह रहा था. महसा की मौत के बाद पूरे ईरान में सरकार और नैतिक पुलिस के खिलाफ बड़े प्रदर्शन होने लगे. प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में महिलाओं और युवाओं ने हिस्सा लिया. कई ईरानी महिलाओं ने सरेआम अपने बाल काटकर अपना विरोध जताया. कई मशहूर हस्तियां भी नैतिक पुलिस का विरोध करने लगीं.
प्रदर्शनों के बीच ईरान सरकार ने एक बार नैतिक पुलिस को खत्म करने का संकेत दिया. लेकिन फिर ऐसा नहीं किया गया. कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया सरकार ने तेहरान में नैतिक पुलिस के प्रमुख को निलंबित किया है, लेकिन सरकार ने इन रिपोर्टों का खंडन किया.
ईरान: विरोध प्रदर्शनों के बीच नैतिकता पुलिस भंग
ईरान सरकार यह नहीं बता सकी है कि वह स्वतंत्र पैनल से महसा की मौत की जांच क्यों नहीं करा सकी.
ईरान सरकार का आरोप है कि महसा की मौत के बाद "विदेशी ताकतों के उकसावे" पर देश भर में प्रदर्शन हुए.
हर हफ्ते फांसी की सजा
अपने ही नागरिकों को मौत की सजा देने के मामले में ईरान, चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. ईरान ह्यूमन राइट्स और टूगेदर अंगेस्ट द डेथ पेनल्टी संगठनों के मुताबिक2022 में ईरान ने 582 लोगों को फांसी दी.
मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि इस साल भी ईरान अब तक 220 लोगों को मौत की सजा दे चुका है. यूएन के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क के मुताबिक, ईरान में हर हफ्ते 10 से ज्यादा लोगों को फांसी पर लटकाया जा रहा है. विदेशी मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि मृत्युदंड के मामलों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को ज्यादा टारगेट किया जा रहा है.
ओएसजे/एए (एएफपी, रॉयटर्स)