1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
कानून और न्यायईरान

ईरान में 9 महीनों में 1,000 से ज्यादा को फांसी

शबनम फॉन हाइन
१२ अक्टूबर २०२५

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, इस साल के नौ महीनों में ही ईरान ने 1,000 से ज्यादा लोगों को फांसी दी है. बीते 15 साल में यह सबसे ज्यादा संख्या है.

फांसी देकर मौत की सजा देने की प्रतीकात्मक तस्वीर
तस्वीर: Sascha Steinach/IMAGO

जिन अपराधों के लिए ईरान की अदालतें मौत की सजा दे रही हैं, उनमें "दुश्मन सरकारों के साथ सहयोग" "राज्य सत्ता के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह" और "पृथ्वी पर भ्रष्टाचार" जैसे आरोप हैं.

जून में इस्राएल और ईरान के बीच 12 दिन तक चले सैन्य संघर्ष के बाद से ही, इस तरह के आरोपों वाले मुकदमों की भरमार है. इस्राएल के हमलों के बाद, ईरानी प्रशासन, शक के आधार पर उन लोगों की धरपकड़ कर रहा है, जिन्हें वो सरकारी संस्थाओं की नाकामी का जिम्मेदार मानता है.

इस्राएल के हमलों में ईरान के कई बड़े अधिकारी भी मारे गएतस्वीर: Nikan/Middle East Images/AFP/Getty Images

ईरान के भीतर तेज होता दमन

मानवाधिकार मामलों की अधिवक्ता और साखरोव पुरस्कार विजेता नसरीन सोतौदेह ने डीडब्ल्यू से कहा, "युद्ध और राजनीतिक संकट का मतलब है कि मानवाधिकार उल्लंघन पर कम ध्यान दिया जाएगा."

राजधानी तेहरान में रहने वाली सोतौदेह लंबे समय से जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों के लिए अभियान चलाती हैं. वह कहती हैं, "नेतृत्व अपनी नाकामी छुपाने के लिए अक्सर आंतरिक दमन का सहारा लेता है. हाल के दशकों में हमने कई बार ऐसा होते हुए देखा है, धक्का लगने के बाद, महिलाओं पर दबाव बढ़ता है, पोशाक संबंधी कानून को और कड़ाई से लागू किया जाता है."

नसरीन सोतौदेह मानती हैं कि ईरान से बड़ी संख्या में अफगान नागरिकों को बाहर निकालना भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा है.

कई परिवारों को नहीं पता कि जेल में बंद किए गए उनके प्रियजन अब जीवित है या नहींतस्वीर: Zuhal Demirci/AA/picture alliance

रेजगार बेगजादेह बाबामिरी का मामला

ईरान में कुर्द राजनीतिक कैदी रेजगार बेगजादेह बाबामिरी का मामला भी इन दमनकारी नीतियों की तरफ इशारा करता है. बाबामिरी 18 अप्रैल 2023 से जेल में हैं.

बाबामिरी की बेटी जिनो बेगाजादेह बाबामिरी ने डीडब्ल्यू से कहा, "मेरे पिता को इसलिए गिरफ्तार किया गया कि उन्होंने 2022 के देशव्यापी प्रदर्शनों के दौरान बुकान शहर में घायलों तक दवाएं पहुंचाई." उन प्रदर्शनों की मुख्य मांग महिलाओं की आजादी थी.

रेजगार बेगजादेह बाबामिरी को 15 साल लंबी जेल की सजा सुनाई गई. उन पर "राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने की मंशा से एक सभा में शामिल होने" के आरोप लगाए गए.

जून 2025 में ईरान-इस्राएल संघर्ष के बाद बाबामिरी पर इस्राएल के लिए जासूसी करने की धाराएं भी लगाई गईं और फिर उन्हें मौत की सजा सुनाई गई. निर्वासन में नॉर्वे में रह रहीं उनकी बेटी जिनो बेगाजादेह बाबामिरी कहती हैं, "मेरे पिता 2022 के प्रदर्शनों में एक एक्टिविस्ट थे. वे हमेशा प्रदर्शनों के साथ थे और उन्होंने यह बात खुलकर कही भी."

महसा अमीनी आंदोलन के तीन प्रर्दशनकारियों को फांसी

जिनो बेगजादेह समेत कुछ ईरानी महिलाओं को भी ये नहीं पता कि मौत की सजा सुनाने के बाद अब उनके पिता जिंदा हैं भी या नहीं. जिनो बेगजादेह बाबामिरी, अब डॉटर्स ऑफ जस्टिस संगठन की सह संस्थापिका भी हैं. वह कहती हैं, "हमारा उद्देश्य सिर्फ राजनीतिक कैदियों या फिर उन लोगों के लिए ही नहीं है जिन्हें हम बेकसूर समझते हैं; लक्ष्य है मौत की सजा को ही पूरी तरह से खत्म करना."

हिजाब न पहनने की वजह से ईरान की धार्मिक पुलिस ने महसा अमीनी को गिरफ्तार किया, सितंबर 2022 में हिरासत में महसा की मौत हो गई.तस्वीर: Danyal Babayani/DW

मौत की सजा के बढ़ते मामले

ईरानी प्रशासन "राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौते" को आधार बनाकर मौत की सजा देने में तेजी दिखा रहा है. जून में ईरान के मुख्य न्यायधीश, गोलाम-होसैन मोहसैन ने खुलेआम कहा कि जो लोग भी इस्राएल जैसे, "शत्रु देशों के साथ सहयोग या काम कर रहे हैं" उन पर बिना किसी देरी के मुकदमा चलना चाहिए और उन्हें मौत की सजा दी जानी चाहिए.

ईरान की संसद ने भी मौत की सजा से जुड़े कुछ प्रावधानों का दायरा बढ़ा दिया है. भविष्य में बिना किसी ठोस सबूत के अगर किसी पर "शत्रु देश या संगठन के साथ सहयोग करने" के आरोप लगे तो उसे भी, मौत की सजा सुनाई जा सकती है. साथ ही उस व्यक्ति की सारी संपत्तियां भी जब्त की जा सकती हैं. "दुश्मन के साथ सहयोग करना" किसे माना जाएगा, यह तय करना भी सुरक्षा एजेंसियों पर निर्भर होगा.

सोतौदेह कहती हैं, "न्याय की गारंटी तो सिर्फ आजाद न्यायपालिका ही कर सकती है, लेकिन हमारी न्यायपालिका तो किसी भी तरह से स्वतंत्र नहीं है."

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें