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ईरान: जासूसी के आरोप में फ्रांसीसी नागरिक को जेल

२६ जनवरी २०२२

ईरान की अदालत ने फ्रांस के नागरिक बेंजामिन ब्रीएर को जासूसी के आरोप में आठ साल की जेल की सजा सुनाई है. उनके वकील ने मुकदमे को राजनीति से प्रेरित बताया है.

तस्वीर: Adrienne Surprenant/AP/picture alliance

फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक एक ईरानी अदालत ने मंगलवार को बेंजामिन ब्रीएर को जासूसी का दोषी पाए जाने के बाद आठ साल जेल की सजा सुनाई. हालांकि, बेंजामिन के वकीलों का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण थी और आरोप राजनीति से प्रेरित थे.

ब्रीएर के खिलाफ क्या आरोप लगे?

36 साल के बेंजामिन साल 2020 से ईरान में कैद हैं. उन्हें तुर्कमेनिस्तान-ईरान सीमा के पास रेगिस्तान में एक हेलीकैम उड़ाने के बाद गिरफ्तार किया गया था- यह एक रिमोट नियंत्रित मिनी हेलीकॉप्टर होता है, जिसका इस्तेमाल हवाई या मोशन पिक्चर हासिल करने के लिए किया जाता है.

ब्रीएर को सजा का फैसला उस समय पर आया है जब ईरान और अमेरिका के बीच 2015 न्यूक्लियर डील पर सहमति के लिए कई देश कोशिशों में जुटे हुए हैं. 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस समझौते से अलग कर लिया. उन्होंने ईरान पर फिर से आर्थिक प्रतिबंध भी लगा दिए. जवाब में ईरान ने भी परमाणु समझौते की कई शर्तें तोड़ीं. इसके बाद से ही इस डील की सार्थकता पर संशय बना हुआ है.

ब्रीएर के वकील फिलिप वैलेंट ने मुकदमे को एक "दिखावा" बताया और इसकी आलोचना की. उन्होंने कहा, "यह सजा विशुद्ध रूप से राजनीतिक कार्रवाई का परिणाम है और इस सजा का कोई आधार नहीं है." वैलेंट ने कहा, "निष्पक्ष न्यायाधीश के समक्ष उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं दिया गया." उन्होंने कहा कि ब्रीएर को मशहद में बंद कमरे की क्रांतिकारी अदालतों में पेश किया गया था और उन्हें सजा के बारे में पूरी तरह से सूचित नहीं किया गया था.

ब्रीएर के एक ईरानी वकील सईद देनघन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि उनके मुवक्किल सजा से "हैरान" थे और 20 दिनों के भीतर इसके खिलाफ अपील करेंगे. ब्रीएर के परिवार का कहना है कि वह निर्दोष हैं और राजनीति के लिए उनकी बलि दी जा रही है. ब्रीएर क्रिसमस से ही भूख हड़ताल पर हैं.

अन्य पश्चिमी लोग भी ईरानी हिरासत में हैं

ब्रीएर ईरान द्वारा हिरासत में लिए गए एक दर्जन से अधिक पश्चिमी लोगों में से एक हैं. मानवाधिकार कार्यकर्ता ऐसे व्यक्तियों को बंधक कहते हैं और दावा करते हैं कि इन पश्चिमी नागरिकों को ईरान के शक्तिशाली रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के इशारे पर हिरासत में लिया जा रहा है ताकि तेहरान पश्चिम से रियायतें प्राप्त कर सके.

इस बीच फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ब्रीएर की सजा "अस्वीकार्य" है और वास्तव में इसका कोई आधार नहीं है. फ्रांस अतीत में तेहरान को चेतावनी दे चुका है कि वह जिस तरह से ईरान में पकड़े गए फ्रांसीसी नागरिकों के मामलों से निपट रहा है उससे रिश्तों में खटास आ सकती है.

एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)

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