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ईरान: दो समलैंगिक कार्यकर्ताओं को मौत की सजा

६ सितम्बर २०२२

ईरान की एक अदालत ने समलैंगिकता को बढ़ावा देने के आरोप में दो समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं को मौत की सजा सुनाई है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि सजा को अमल में लाने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दबाव बनाना चाहिए.

 समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता जहरा सदिगी हमीदानी
समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता जहरा सदिगी हमीदानीतस्वीर: iranhrs.org

हेंगॉ कुर्द अधिकार संगठन ने कहा कि 31 साल की जहरा सदिगी हमीदानी और 24 साल की इल्हाम चुबदार को उत्तर पश्चिमी शहर उर्मिया की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. दोनों महिलाओं को "पृथ्वी पर भ्रष्टाचार फैलाने" का दोषी ठहराया गया था. यह देश के शरिया कानूनों को तोड़ने वाले लोगों पर अक्सर लगाया जाने वाला आरोप है.

दोनों महिलाओं को सजा की सूचना उर्मिया जेल की महिला शाखा में नजरबंदी के दौरान दी गई. एक संक्षिप्त बयान में ईरानी न्यायपालिका ने पुष्टि की है कि ऐसी सजा सुनाई गई है.

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अधिकार संगठन हेंगॉ ने साथ ही कहा है कि महिलाओं पर ईसाई धर्म को बढ़ावा देने और ईरानी शासन का विरोध करने वाले मीडिया से संवाद करने का भी आरोप लगाया गया था.

उर्मिया की ही रहने वालीं 52 वर्षीय सोहेला अशरफी नाम की एक अन्य महिला को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है और वह सजा का इंतजार कर रही है.

ईरान में प्रमुख एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ता हैं हमीदानी 

सदिगी हमीदानी की किस्मत को लेकर महीनों से चिंता बनी हुई थी. हमीदानी को सारा के नाम से भी जाना जाता है. वह ईरान में एक प्रमुख एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ता हैं.

हमीदानी को पिछले साल अक्टूबर में ईरानी सुरक्षा बलों ने इराकी कुर्दिस्तान से ईरान लौटने के बाद पड़ोसी तुर्की में भागने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया था. बाद में हमीदानी को लगभग दो महीने तक एकांत कारावास में रखा गया था.

जर्मनी स्थित ईरानी एलजीबीटीक्यू अधिकार समूह '6रैंग' की संयोजक शादी अमीन ने भी मौत की सजा की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि समूह पिछले  गुरुवार से सजा के बारे में अवगत था लेकिन अब परिवारों से इजाजत मिलने के बाद वह इस सजा के बारे में खुलासा कर रहा है.

अमीन ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "हम अब जर्मनी और अन्य विदेशी सरकारों से दो महिलाओं की रिहाई के लिए ईरान पर दबाव बनाने की मांग करते हैं." उन्होंने आगे कहा, "यह पहली बार है कि ईरान में किसी महिला को उसके यौन झुकाव के लिए मौत की सजा सुनाई गई हो."

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समलैंगिक अधिकारों का बचाव करने का आरोप लगा

इसी साल जनवरी में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा था कि हमीदानी पर आरोप सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से समलैंगिक अधिकारों का बचाव करने और मई 2021 में प्रसारित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री में दिखाई देने के कारण लगे हैं. डॉक्यूमेंट्री उत्तरी इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में एलजीबीटीक्यू लोगों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में है.

हमीदानी ने क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद इराकी कुर्दिस्तान छोड़ने का फैसला किया था. ऐसा लगता है कि तुर्की जाने की कोशिश करने से पहले वह फिर से ईरान में घुस आई थीं.

हेंगॉ ने कहा कि हमीदानी को हिरासत के दौरान एक वकील के अधिकार से वंचित कर दिया गया था और एजेंटों ने उसे फांसी की धमकी दी थी. आरोप है कि ईरानी अधिकारियों ने उनका अपमान किया और उन्हें चेतावनी दी थी कि वह अपने दो बच्चों की कस्टडी खो सकती हैं.

अधिकार कार्यकर्ता अक्सर एलजीबीटीक्यू लोगों के साथ ईरान के व्यवहार की निंदा करते आए हैं. ईरान में समलैंगिक यौन संबंधों की सजा मौत है. वहां समलैंगिकता पर प्रतिबंध है और देश की दंड संहिता में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समलैंगिक यौन व्यवहार स्पष्ट रूप से अपराधी बनाता है.

एए/वीके (एएफपी)

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