ईरान की एक अदालत ने समलैंगिकता को बढ़ावा देने के आरोप में दो समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं को मौत की सजा सुनाई है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि सजा को अमल में लाने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दबाव बनाना चाहिए.
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हेंगॉ कुर्द अधिकार संगठन ने कहा कि 31 साल की जहरा सदिगी हमीदानी और 24 साल की इल्हाम चुबदार को उत्तर पश्चिमी शहर उर्मिया की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. दोनों महिलाओं को "पृथ्वी पर भ्रष्टाचार फैलाने" का दोषी ठहराया गया था. यह देश के शरिया कानूनों को तोड़ने वाले लोगों पर अक्सर लगाया जाने वाला आरोप है.
दोनों महिलाओं को सजा की सूचना उर्मिया जेल की महिला शाखा में नजरबंदी के दौरान दी गई. एक संक्षिप्त बयान में ईरानी न्यायपालिका ने पुष्टि की है कि ऐसी सजा सुनाई गई है.
अधिकार संगठन हेंगॉ ने साथ ही कहा है कि महिलाओं पर ईसाई धर्म को बढ़ावा देने और ईरानी शासन का विरोध करने वाले मीडिया से संवाद करने का भी आरोप लगाया गया था.
उर्मिया की ही रहने वालीं 52 वर्षीय सोहेला अशरफी नाम की एक अन्य महिला को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है और वह सजा का इंतजार कर रही है.
समलैंगिकों के अधिकार छीन रहे हैं ये देश
युगांडा समलैंगिंकों को मौत की सजा देने का कानून बनाने जा रहा है. ब्रूनेई पहले ही ऐसा कर चुका है. दुनिया के 68 देशों में समलैंगिक संबंध अवैध हैं. लेकिन अब कई देश एलजीबीटी समुदाय को अधिकार देने के बाद उन्हें छीन रहे हैं.
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अमेरिका
अमेरिका ने इस साल से सेना में ट्रांसजेंडरों की भर्ती पर रोक को लागू करना शुरू कर दिया है. 2016 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रांसजेंडरों को सेना में काम करने की अनुमति दी थी. लेकिन 2017 में राष्ट्रपति पद संभालने वाले डॉनल्ड ट्रंप ने इसे बदलने की घोषणा की. ट्रंप ने इस फैसले की एक बड़ी वजह दवाओं पर आने वाले खर्च को बताया.
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रूस
रूस में पिछले साल पहली बार तथाकथित "गे प्रोपेगैंडा" कानून के तहत एक नाबालिग पर जुर्माना किया गया. इस कानून का इस्तेमाल वहां एलजीबीटी समुदाय को दबाने के लिए किया जाता है. 2013 में बने इस कानून के तहत नाबालिगों में समलैंगिकता को बढ़ावा देने की कोशिश या फिर ऐसा कोई भी आयोजन गैरकानूनी है. इसे तहत वहां गे परेड रोकी गईं और समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया.
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पोलैंड
पोलैंड की सत्ताधारी पार्टी के नेता यारोस्लाव काचिंस्की ने इस साल गे प्राइड मार्चों की आलोचना की और कहा कि इसे रोकने के लिए कानून लाया जाना चाहिए. कट्टरंपंथी लॉ एंड जस्टिस पार्टी ने एलजीबीटी समुदाय विरोधी अपने रुख को चुनाव का बड़ा मुद्दा बनाया है. आलोचकों का कहना है कि इस वजह से समलैंगिकों के खिलाफ हिंसा के मामलों में इजाफा देखने को मिला है.
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इंडोनेशिया
इंडोनेशिया में समलैंगिक पुरुषों के बीच शारीरिक संबंधों पर प्रतिबंध लगाने वाले एक कानून का मसौदा तैयार किया गया है, जिस पर पिछले महीने संसद में विरोध के चलते मतदान नहीं हो पाया. इसके तहत विवाहेत्तर शारीरिक संबंध भी गैरकानूनी होंगे. गर्भपात कराने पर भी चार साल की सजा होगी. सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी, बलात्कार या काले जादू के लिए जेल की सजा मिलने पर ही गर्भपात कराने की छूट होगी.
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नाइजीरिया
नाइजीरिया ने 2014 में एक बिल पास किया, जिसमें समलैंगिक सेक्स के लिए 14 साल की सजा का प्रावधान किया गया. अधिकारियों ने 2017 में समलैंगिक गतिविधियों के मामले में 43 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए. इनमें से ज्यादातर को निगरानी में रखा गया और उनका "यौन पुर्नवास" किया गया.
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मलेशिया
मलेशिया में एलजीबीटी समुदाय के लोगों को प्रताड़ित करने के मामले बढ़ रहे हैं. पिछले साल तेरेंगगानु राज्य में दो महिलाओं को आपस में शारीरिक संबंध कायम करने के लिए सार्वजनिक तौर पर बेंतों से पीटा गया. प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद का कहना है कि उनका देश समलैंगिक शादियों और एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों को स्वीकार नहीं कर सकता.
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चाड
अफ्रीकी देश चाड ने 2017 में नई दंड संहिता पर अमल करना शुरू किया, जिसमें समलैंगिक संबंधों के लिए छोटी कैद की सजाओं और जुर्माने का प्रावधान किया गया. इससे पहले वहां स्पष्ट तौर पर समलैंगिक संबंध गैरकानूनी नहीं थे. हालांकि अप्राकृतिक कृत्यों की निंदा करने वाला एक कानून जरूर था.
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स्लोवाकिया
स्लोवाकिया ने 2014 में अपने संविधान में पारंपरिक शादी की परिभाषा को जगह दी. 2015 में वहां पर एक जनमत संग्रह हुआ जिससे समलैंगिक शादियों और उनके द्वारा बच्चे गोद लेने पर रोक को और मजबूती मिलने की उम्मीद थी. लेकिन जनमत संग्रह में बहुत कम लोगों ने हिस्सा लिया जिसके कारण उसे मंजूरी नहीं मिल सकी. (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन/एके)
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ईरान में प्रमुख एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ता हैं हमीदानी
सदिगी हमीदानी की किस्मत को लेकर महीनों से चिंता बनी हुई थी. हमीदानी को सारा के नाम से भी जाना जाता है. वह ईरान में एक प्रमुख एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ता हैं.
हमीदानी को पिछले साल अक्टूबर में ईरानी सुरक्षा बलों ने इराकी कुर्दिस्तान से ईरान लौटने के बाद पड़ोसी तुर्की में भागने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया था. बाद में हमीदानी को लगभग दो महीने तक एकांत कारावास में रखा गया था.
जर्मनी स्थित ईरानी एलजीबीटीक्यू अधिकार समूह '6रैंग' की संयोजक शादी अमीन ने भी मौत की सजा की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि समूह पिछले गुरुवार से सजा के बारे में अवगत था लेकिन अब परिवारों से इजाजत मिलने के बाद वह इस सजा के बारे में खुलासा कर रहा है.
अमीन ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "हम अब जर्मनी और अन्य विदेशी सरकारों से दो महिलाओं की रिहाई के लिए ईरान पर दबाव बनाने की मांग करते हैं." उन्होंने आगे कहा, "यह पहली बार है कि ईरान में किसी महिला को उसके यौन झुकाव के लिए मौत की सजा सुनाई गई हो."
इसी साल जनवरी में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा था कि हमीदानी पर आरोप सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से समलैंगिक अधिकारों का बचाव करने और मई 2021 में प्रसारित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री में दिखाई देने के कारण लगे हैं. डॉक्यूमेंट्री उत्तरी इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में एलजीबीटीक्यू लोगों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में है.
हमीदानी ने क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद इराकी कुर्दिस्तान छोड़ने का फैसला किया था. ऐसा लगता है कि तुर्की जाने की कोशिश करने से पहले वह फिर से ईरान में घुस आई थीं.
हेंगॉ ने कहा कि हमीदानी को हिरासत के दौरान एक वकील के अधिकार से वंचित कर दिया गया था और एजेंटों ने उसे फांसी की धमकी दी थी. आरोप है कि ईरानी अधिकारियों ने उनका अपमान किया और उन्हें चेतावनी दी थी कि वह अपने दो बच्चों की कस्टडी खो सकती हैं.
अधिकार कार्यकर्ता अक्सर एलजीबीटीक्यू लोगों के साथ ईरान के व्यवहार की निंदा करते आए हैं. ईरान में समलैंगिक यौन संबंधों की सजा मौत है. वहां समलैंगिकता पर प्रतिबंध है और देश की दंड संहिता में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समलैंगिक यौन व्यवहार स्पष्ट रूप से अपराधी बनाता है.
एए/वीके (एएफपी)
किन देशों में इजाजत है समलैंगिक विवाह की
कोस्टा रिका में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिल जाने के बाद, अब दुनिया में कम से कम 29 देशों में समलैंगिक विवाह की अनुमति है. जानिए कौन कौन से हैं ये देश.
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समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता
कोस्टा रिका के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, वहां 26 मई को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिल गई. इसी के साथ कोस्टा रिका समलैंगिक विवाहों को कानूनी रूप से वैध मानने वाला दक्षिण अमेरिका का आठवां देश बन गया. अब दुनिया में कम से कम 29 देशों में समलैंगिक विवाह की अनुमति है. जानिए कौन कौन से हैं ये देश.
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अमेरिका
अमेरिका में 2004 तक सिर्फ एक राज्य में समलैंगिक विवाह मान्य था, लेकिन 2015 तक सभी 50 राज्यों में कानूनी वैधता मिल चुकी थी. सभी राज्यों में अलग अलग कानून हैं.
यूनाइटेड किंगडम के सभी हिस्सों में समलैंगिक विवाह मान्य हैं. इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में मान्यता 2014 में मिली थी और नॉर्दर्न आयरलैंड में जनवरी 2020 में. इसके अलावा 14 ब्रिटिश ओवरसीज टेरिटरीज में से नौ में समलैंगिक विवाह मान्य हैं.
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फ्रांस
फ्रांस में समलैंगिक विवाह मई 2013 से कानूनी रूप से मान्य हैं. ये वैधता मेट्रोपोलिटन फ्रांस और फ्रेंच ओवरसीज टेरिटरीज में भी लागू है. फ्रांस में एक सिविल यूनियन योजना नवंबर 1999 से लागू है, जिसके तहत समलैंगिक जोड़े रिश्ता कायम कर सकते हैं.
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जर्मनी
जर्मनी में समलैंगिक विवाहों को अक्टूबर 2017 में मान्यता मिली थी. वैसे देश में समलैंगिक जोड़ों को विवाह के अधिकार सीमित रूप से 2001 से ही प्राप्त थे.
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ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में समलैंगिक विवाह दिसंबर 2017 से वैध हैं. कानून पारित होने से पहले पूरे देश में डाक से एक सर्वेक्षण भी कराया गया था, जिसमें 61.6 प्रतिशत लोगों ने समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने का समर्थन किया था.
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ब्राजील
ब्राजील में समलैंगिक विवाह मई 2013 से कानूनी रूप से वैध हैं. समलैंगिक रिश्तों को मान्यता 2004 में ही मिल गई थी और विवाह के सीमित अधिकार 2011 में मिल गए थे.
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कनाडा
कनाडा के कुछ प्रांतों में समलैंगिक विवाहों को मान्यता 2003 से ही मिलनी शुरू हो गई थी और जुलाई 2005 में ये वैधता पूरे देश में लागू हो गई.
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नीदरलैंड्स
अप्रैल 2001 को नीदरलैंड्स समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का सबसे पहला देश बन गया था. वहां समलैंगिक जोड़ों के लिए रजिस्टरड पार्टनरशिप जनवरी 1998 से ही उपलब्ध थी.
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दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका अफ्रीका का एकमात्र देश है जहां समलैंगिक विवाह कानूनी रूप से मान्य हैं. यहां समलैंगिक विवाहों को मान्यता नवंबर 2006 में ही मिल गई थी.
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ताइवान
ताइवान में समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता मई 2019 में मिली थी. ताइवान यह मान्यता देने वाला एशिया का एकलौता देश है. हालांकि समलैंगिक जोड़ों को बच्चा गोद लेने जैसे कुछ अधिकार अभी भी नहीं मिले हैं.
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20 और देश
इसके अलावा समलैंगिक विवाहों को अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कोलंबिया, डेनमार्क, इक्वाडोर, फिनलैंड, आइसलैंड, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, माल्टा, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और उरुग्वे में भी कानूनी मान्यता प्राप्त है. इनके आलावा मेक्सिको और इस्राएल में सीमित रूप से इन्हें मान्यता दी जाती है.