ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की विमान दुर्घटना में मौत
२० मई २०२४
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री समेत नौ लोगों की एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई है. कुछ घंटे की तलाश के बाद राहत और बचाव दल को इन लोगों के शव बरामद हुए.
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63 वर्षीय रईसी के साथ इस हादसे में ईरान के विदेश मंत्री और कई अन्य अधिकारी भी मारे गए हैं. रविवार को उत्तर पश्चिमी ईरान के पहाड़ी इलाके में रईसी का हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण हादसे का शिकार हो गया था.
सरकारी मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर एक पहाड़ी इलाके में लापता हो गया. इसके बाद खोज अभियान शुरू किया गया. इसमें ड्रोनों और खोजी कुत्तों की मदद भी ली जा रही है. लेकिन रिपोर्टों के मुताबिक इस काम में अंधेरे और बारिश की वजह से बाधाएं आ रही हैं.
रविवार को यह हादसा पश्चिमोत्तर ईरान में उस वक्त हुआ, जब रईसी अपने पड़ोसी देश अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव से मिलकर लौट रहे थे. दोनों ने मिलकर एक बांध का उद्घाटन किया था.
दूर-दराज इलाके में हुआ हादसा
जिस इलाके में यह हादसा हुआ है, वहां सड़क नहीं है. बारिश की वजह से कीचड़ भी हो गई है. ऐसे में, वहां सिर्फ पैदल पहुंचा जा सकता था. इसलिए राहत और बचाव दल को वहां पहुंचने में कई घंटे लग गए.
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ईरान के राष्ट्रपति की त्रासद मौत
19 मई, 2024 को हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो गई. उसके बाद देश में मातम छा गया. देखिए, तस्वीरें –
तस्वीर: Jesus Vargas/dpa/picture alliance
तबरीज जा रहे थे
हादसा तब हुआ जब रईसी कुछ अधिकारियों और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुलैन के साथ उत्तरी शहर तबरीज जा रहे थे. वह अजरबैजान से लगती सीमा पर एक बांध के उद्घाटन से लौट रहे थे.
तस्वीर: Iranian Red Crescent Society/Anadolu/picture alliance
नहीं पहुंच पाए बचावकर्मी
रईसी के काफिले में तीन हेलीकॉप्टर थे. दो तो मंजिल पर पहुंच गए लेकिन जिसमें राष्ट्रपति सवार थे उससे संपर्क टूट गया. वह जिस इलाके में हादसे का शिकार हुआ, वहां तक पहुंचना बेहद मुश्किल है, इसलिए वहां तक पहुंचने में राहतकर्मियों को कई घंटे लग गए.
रईसी की मौत की खबर आने के बाद देश में मातम छा गया. लोग उनके लापता हो जाने के बाद से ही दुआएं मांग रहे थे.
तस्वीर: Vahid Salemi/AP/dpa/picture alliance
कई देशों के शोक संदेश
रईसी की मौत पर भारत समेत कई देशों के नेताओं ने शोक जाहिर किया. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शोक संदेश भेजने वाले सबसे पहले नेताओं में से थे. पाकिस्तान, वेनेजुएला और यूएई के नेताओं ने भी संवेदनाएं जाहिर कीं.
इब्राहम रईसी 2021 में देश के राष्ट्रपति बने थे. उन्हें देश के सर्वोच्च नेता अयातोल्ला अली खमेनेई का करीबी माना जाता था. अब 50 दिन के भीतर नया राष्ट्रपति चुना जाना है, तब तक उपराष्ट्रपति मोहम्मद मुखबर कामकाज संभालेंगे.
तस्वीर: Jesus Vargas/dpa/picture alliance
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इब्राहिम रईसी को ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अल खमेनेई के उत्तराधिकारियों में गिना जाता था. ऐसे आरोप भी लगाए जाते हैं कि 1988 में हजारों लोगों की हत्याओं में रईसी ने भी मदद की थी. राष्ट्रपति बनने के बाद रईसी ने देश की परमाणु संवर्द्धन नीति को बढ़ाया और हाल ही में इस्राएल पर हमले जैसा बड़ा कदम भी उठाया था.
रईसी की मौत ऐसे वक्त में हुई है जबकि देश ना सिर्फ अन्य सरकारों के साथ उलझा हुआ है बल्कि अंदरूनी हालात भी नाजुक हैं.
वो शहर जहां कदम कदम पर बारूद है
इराक के बसरा शहर को दुनिया का सबसे ज्यादा बारूदी सुरंगों वाला शहर कहा जाता है. कुछ सुरंगें तो दशकों पुरानी हैं. इन्हें साफ करने का अभियान आज भी जारी है.
तस्वीर: Essam Al-Sudani/REUTERS
कदम कदम पर बारूद
बसरा के रेगिस्तान में जाना खतरनाक माना जाता है क्योंकि कब आपका पांव किसी बारूदी सुरंग पर पड़ जाए, कोई नहीं जानता. आज भी वहां अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी इन लैंड माइंस को खोजने और निष्क्रिय करने का काम कर रहे हैं.
तस्वीर: Essam Al-Sudani/REUTERS
सबसे ज्यादा लैंडमाइंस
पिछले साल ही इराक सरकार ने बसरा को दुनिया का सबसे ज्यादा लैंड माइंस वाला शहर घोषित किया था. सरकार के मुताबिक 1,200 वर्ग किलोमीटर के इलाके में लैंड माइंस फैली हुई हैं जो 1980-88 के ईरान-इराक युद्ध से लेकर 2008 में अमेरिका के हमले तक की विरासत हैं.
तस्वीर: Essam Al-Sudani/REUTERS
हजारों मौतें
इन लैंड माइंस के कारण इलाके में बीते सालों में 30 हजार से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं. अब तक आधा इलाका साफ किया जा चुका है लेकिन अब भी सैकड़ों वर्ग किलोमीटर इलाका इनसे भरा हुआ है.
तस्वीर: Essam Al-Sudani/REUTERS
संभल कर चलने की जरूरत
इन लैंड माइंस के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चलाए जाते हैं. कदम-कदम पर बिछे बारूद के कारण लोगों को बहुत संभलकर रहना होता है.
तस्वीर: Essam Al-Sudani/REUTERS
साफ करने वाले भी खतरे में
बारूद साफ करने का काम करने वाले कार्यकर्ता भी इन सुरंगों का शिकार हो जाते हैं. युनाइटेड नेशंस माइन एक्शन सर्विस (UNMAS) के कई कार्यकर्ता इन सुरंगों को साफ करते हुए मारे जा चुके हैं.
तस्वीर: Essam Al-Sudani/REUTERS
युद्धों की विरासत
इराक दुनिया का सबसे ज्यादा लैंड माइंस वाला देश है. पहले 1980-88 का इराक-ईरान युद्ध, उसके बाद 2003 और फिर 2008 के अमेरिकी हमलों ने देश को सबसे सक्रंमित देश बना दिया है.
तस्वीर: Essam Al-Sudani/REUTERS
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर अफसोस जाहिर किया है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर उन्होंने कहा कि ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी की त्रासद मौत से उन्हें बड़ा आघात लगा है.
मोदी ने लिखा, "भारत-ईरान संबंधों को मजबूत करने में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ईरान के लोगों के साथ हैं. इस दुख की घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है.”
कौन थे इब्राहिम रईसी?
रईसी खुद एक मौलवी थे और संयुक्त राष्ट्र में एक बार उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत कुरान को चूमकर की थी. तब लोगों ने कहा था कि उनका भाषण एक नेता का नहीं बल्कि इस्लामिक धर्मगुरु का भाषण था.
पहली बार संयुक्त अरब अमीरात में बीयर बनी है
रुढ़िवादी यूएई की राजधानी आबू धाबी में पहली बार एक ब्रुअरी में बीयर बन रही है. यहां अल्कोहल लंबे समय से पूरी तरह वर्जित रहा है.
तस्वीर: GIUSEPPE CACACE/AFP
आबू धाबी में बीयर की ब्रुअरी
सूखे रेतीले आबू धाबी के पब में चाड मैकगेही चमचमाते स्टील टैंकों को देख काफी जोश में हैं. 42 साल के अमेरिकी मैकगेही इस ब्रुअरी को शुरू करने वाले लोगों में एक हैं. इससे पहले वह आयातित बीयर यूएई में बेचते रहे हैं.
तस्वीर: GIUSEPPE CACACE/AFP
घरेलू जायके वाली बीयर
यूएई ने जब ब्रूइंग की इजाजत दे दी तो मेकगेही ने कुछ लोगों के साथ मिल कर क्राफ्ट को शुरू किया. यह ब्रुअरी 8-14 बीयर बना रही है. इनमें से कई तो बिल्कुल स्थानीय स्वाद के हिसाब से बनाई जा रही हैं. मसलन काराक टी जो यहां खाड़ी में काफी पसंद की जाने वाली चाय है.
तस्वीर: GIUSEPPE CACACE/AFP
पहली माइक्रोब्रुअरी का लाइसेंस
खाड़ी के मुस्लिम देश तेल के कारोबार से बाहर निकल कर दूसरे उपायों से अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में जुटे हैं. इसी कड़ी में अल्कोहल के लिए भी कुछ छूट दी गई है. पहली माइक्रोब्रुअरी के लिए लाइसेंस लेने वाले मैकगेही इसी का फायदा उठाने में जुटे हैं.
तस्वीर: GIUSEPPE CACACE/AFP
इलायची और केसर
आबू धाबी की बीयर में चाय के अलावा कई चीजों का इस्तेमाल हो रहा है. किसी बीयर में काली चाय, इलायची और केसर है तो किसी में शहद, खजूर और कॉफी. उनका कहना है कि स्थानीय बाजारों में जो कुछ मिलता है, उनसे क्राफ्ट की बीयर का जायका तैयार होता है.
तस्वीर: GIUSEPPE CACACE/AFP
यूएई में ब्रुअरी
2021 में अबूधाबी यूएई में लाइसेंसी पबों में ब्रूइंग की इजाजत देने वाला पहला अमीरात बना. मैकगेही ने 2019 में साइड हसल ब्रूइज एंड स्पिरिट्स की स्थापना की. तब यह यूएई का पहला घरेलू ब्रांड बना हालांकि इस दौरान बीयर बाहर से आयात कर के बेची जाती थी.
तस्वीर: GIUSEPPE CACACE/AFP
यूएई ने दिखाया लचीलापन
यूएई ने शराब से जुड़े कानूनों में लचीलापन दिखाया है. दुबई में पिछले साल शराब पर 30 फीसदी का टैक्स खत्म कर दिया गया और साथ ही गैर-मुस्लिमों को शराब बेचने वाली लाइसेंसी दुकानों की परमिट पर लगने वाला चार्ज भी हटा दिया गया.
तस्वीर: GIUSEPPE CACACE/AFP
आबूधाबी में बीयर
आबूधाबी की 1 करोड़ की आबादी में 90 फीसदी लोग विदेशी हैं. अल्कोहल बेचना और इस्तेमाल करना पहले वहां केवल होटलों के बार तक सीमित था, जहां विदेशी लोगों का ज्यादा आना जाना होता था.
तस्वीर: GIUSEPPE CACACE/AFP
ईरान का असर
ईरान में हुई 1979 की इस्लामिक क्रांति का मुस्लिम देशों पर बहुत असर हुआ. इसके बाद कई मुस्लिम देशों ने खुद को रुढ़िवादी और धार्मिक मूल्यों वाली परंपराओं में पूरी तरह लपेट लिया. 2000 के बाद 900 से ज्यादा मस्जिदों वाले यूएई ने अपनी उदार छवि बनानी शुरू की और शराब को यहां आने की इजाजत मिली.
तस्वीर: GIUSEPPE CACACE/AFP
अब भी बहुत हैं पाबंदियां
अल्कोहल की बिक्री पर ओमान, कतर और कुवैत में पूरी तरह से रोक है. यूएई के ही एक अमीरात शारजाह में आज भी शराब बेचने पर पूरी तरह पाबंदी है. कतर में फुटबॉल वर्ल्डकप के दौरान सीमित मात्रा में कुछ जगहों पर बीयर बेचने की छूट मिली थी.
तस्वीर: Patrick T. Fallon/AFP/Getty Images
सऊदी अरब में शराब की दुकान
अब संयुक्त अरब और अमीरात में उदारता और आर्थिक उन्नति की होड़ मची है. आबू धाबी से कुछ ही घंटों की दूरी पर सऊदी अरब है, जो इस्लाम की जन्मभूमि है. यहां हाल ही में एक शराब की दुकान को लाइसेंस मिला है. यहां केवल गैर-मुस्लिम विदेशी राजनयिकों को ही शराब मिल सकती है.
तस्वीर: FAYEZ NURELDINE/AFP
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कट्टरपंथी धड़े से आने वाले रईसी 2017 में हसन रूहानी से चुनाव हार गए थे जिन्हें उदारपंथी माना जाता था. 2021 में वह चुनाव लड़े और राष्ट्रपति बन गए. हालांकि कई विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति बनवाने के लिए खमेनेई ने उनके विरोधियों को सलीके से रास्ते से हटवाया था.
रईसी जब राष्ट्रपति बने तो परमाणु संधि को लेकर ईरान अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ उलझा हुआ था. उनके पूर्ववर्ती रूहानी ने यह समझौता किया था लेकिन तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने यह समझौता तोड़ दिया था.
उसके बाद से अमेरिका और ईरान के बीच लगातार तनाव जारी है जिसके कारण जो बाइडेन प्रशासन ने भी ईरान पर कई प्रतिबंध लगाए हैं.