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ट्रंप पर बरसे ईरानी सर्वोच्च नेता, बताया उन्हें झूठा

अशोक कुमार एएफपी, रॉयटर्स
१७ मई २०२५

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का मध्य पूर्व दौरा पूरा होने के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खमेनेई ने कहा है कि अमेरिका को इस क्षेत्र से जाना ही होगा. उन्होंने ट्रंप पर झूठ बोलने का आरोप भी लगाया.

ट्रंप और ईरान के सर्वोच्च नेता
ट्रंप के मध्य पूर्व दौरे के बाद ईरानी सर्वोच्च नेता का बयान आया है

खमेनेई ने शनिवार को टीवी पर प्रसारित अपने संदेश में कहा, "क्षेत्र के देशों के दृढ़ संकल्प को देखते हुए अमेरिका को इस क्षेत्र से जाना पड़ेगा और वह जाएगा."

ईरानी नेता का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति का मध्य पूर्व दौरा खत्म होने के एक दिन बाद आया है. इस दौरे में ट्रंप सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात गए, जहां ना सिर्फ आपसी सहयोग को मजबूत बनाने पर व्यापक चर्चा हुई बल्कि खरबों डॉलर के समझौते भी हुए.

साथ ही ट्रंप ने अपनी इस यात्रा में ईरानी नेतृत्व की कड़ी आलोचना करते हुए ईरानी तेल के निर्यात को "जीरो" करने की धमकी भी दी. उन्होंने मंगलवार को सऊदी इंवेस्टमेंट फोरम में कहा, "ईरानी नेताओं का ध्यान अपने लोगों की संपदा को चुकाकर विदेशों में आतंकवाद और खून खराबे के लिए धन मुहैया कराने पर रहा है." संयुक्त अरब अमीरात से रवाना होने के एक दिन बाद ट्रंप ने अपने विशेष विमान एयर फोर्स वन पर पत्रकारों से कहा कि ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम से जुड़े अमेरिकी प्रस्ताव पर तेजी से कदम उठाना होगा, या "कुछ बहुत बुरा होने जा रहा है."

अमेरिकी मॉडल 'नाकाम'

ट्रंप के किसी खास बयान की तरफ इशारा किए बगैर खमेनेई ने कहा कि ट्रंप की कुछ टिप्पणियां "शर्मिंदगी का स्रोत" और "जबाव देने लायक भी नहीं हैं." उन्होंने कहा, "कुछ बातों का स्तर इतना नीचा है कि वे खुद उन्हें कहने वाले के लिए शर्मिंदगी का स्रोत हैं और अमेरिकी जनता को शर्मिंदा करती हैं."

उन्होंने ट्रंप की इस बात को झूठ करार दिया कि वह युद्ध में झुलस रहे गाजा में शांति कायम करना चाहते हैं. खमेनेई ने कहा, "ट्रंप ने दावा किया कि वह अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर शांति हासिल करना चाहते हैं. उन्होंने, अमेरिकी अधिकारियों ने और अमेरिकी प्रशासनों ने अपने शक्ति का इस्तेमाल गाजा में नरसंहार का समर्थन करने के लिए किया है, युद्ध शुरू करने के लिए किया है, जहां भी वे कर सकते थे और भाड़े के कातिलों का समर्थन करने के लिए किया है."

ट्रंप ने रियाद में सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति से भी मुलाकात की और सीरिया पर प्रतिबंध हटाने का ऐलान कियातस्वीर: IMAGO

खमेनेई ने आरोप लगाया कि अमेरिका खाड़ी देशों को अपने ऊपर निर्भर बनाए रखना चाहता है. उन्होंने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति ने इन अरब देशों के सामने एक मॉडल पेश किया है. एक मॉडल, जिसका मतलब खुद उनके अपने शब्दों में है कि अमेरिका के बिना ये देश 10 दिन भी नहीं टिक सकते."

ईरानी नेता ने इस मॉडल को नाकाम बताते हुए कहा, "अब भी, अपने सौदों, अपने व्यवहार और अपने प्रस्तावों के जरिए अमेरिकी इसी मॉडल को आगे बढ़ा रहे हैं और लागू कर रहे हैं, ऐसा मॉडल जो इन देशों को इस कदर निर्भर बनाता है कि वे अमेरिकी समर्थन के बिना अस्तित्व में नहीं रह सकते हैं."

ईरान का 'वैध अधिकार'

इससे पहले शनिवार को ही ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने कहा कि ट्रंप शांति की बात भी करते हैं और धमकी भी देते हैं. उन्होंने कहा, "हम किस बात पर यकीन करें? एक तरफ वह शांति की बात करते हैं और दूसरी तरफ व्यापक हिंसा के अत्याधुनिक हथियारों की धमकी भी देते हैं." ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता करता रहेगा, लेकिन वह किसी तरह की धमकी से नहीं डरता. पेजेशकियान ने कहा, "हम युद्ध नहीं चाहते हैं."

ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि ईरान के सामने उसके परमाणु कार्यक्रम से जुड़ा अमेरिका का एक प्रस्ताव है, जबकि ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उन्हें ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. उन्होंने कहा, "ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है जिसमें ईरान शांति पूर्ण उद्देश्यों के लिए बड़ी मेहनत से हासिल किए गए यूरेनियम को संवर्धित करने के अपने कार्यक्रम को छोड़ देगा."

ईरान के सरकारी टीवी की खबर के मुताबिक, ईरानी विदेश मंत्री ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के रुख में आने वाले लगातार बदलाव की वजह से परमाणु वार्ता में देरी हो रही है. वहीं ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान ने कहा कि ईरान "अपने वैध अधिकारों से पीछे नहीं हटेगा." उनके मुताबिक, "चूंकि हमने धौंस के आगे झुकने से मना कर दिया, तो वह कहते हैं कि हम क्षेत्र में अस्थिरता का कारण हैं."

अमेरिका और ईरान के बीच चौथे दौर की वार्ता पिछले शनिवार को ओमान में खत्म हुई. नई दौर की वार्ता कब होगी, अभी तय नहीं हुआ है.

 

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