1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

क्या जर्मनी की एएफडी पार्टी रूस के लिए जासूसी कर रही है?

हंस फाइफर
२९ अक्टूबर २०२५

जर्मनी के नेता, धुर-दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. उनका आरोप है कि एएफडी अपनी संसदीय ताकतों का इस्तेमाल कर जर्मनी के अहम ढांचों की खुफिया जानकारी जमा कर रही है, इन्हें रूस के साथ साझा करने के लिए.

जर्मनी के थुरिंजिया राज्य में धुर-दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी के नेता ब्योर्न ह्योके
ब्योर्न ह्योके, थुरिंजिया राज्य में एएफडी के नेता है. वह कई बार रूस की तारीफ कर चुके हैंतस्वीर: Martin Schutt/dpa/picture alliance

थुरिजिंया राज्य के गृह मंत्री ने जर्मनी की पार्टी, ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) पर जासूसी के आरोप लगाए हैं. सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी) के नेता, गेओर्ग मायर ने हांडल्सब्लाट अखबार को एक इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने चिंता जताई कि एएफडी अपनी संसदीय शक्तियों का दुरुपयोग कर जर्मनी के परिवहन ढांचे, जल आपूर्ति, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा आपूर्ति से जुड़ी जानकारियां जमा कर रही है.

मायर ने कहा, "एएफडी की पूछताछ देखकर लगता है जैसे वह क्रेमलिन (रूस सरकार) द्वारा दी गई किसी कार्यसूची पर काम कर रही हो."

गेओर्ग मायर, जर्मनी के थुरिंजिया राज्य के गृह मंत्री हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि एएफडी, रूस के लिए जासूसी करने के लिए अपनी संसदीय ताकतों का इस्तेमाल कर रही हैतस्वीर: Bodo Schackow/dpa/picture alliance

मायर ने रेखांकित किया कि पिछले 12 महीनों में ही एएफडी की थुरिंजिया शाखा ने राज्य विधानसभा में ऐसी 47 इन्क्वॉयरी डाली हैं, और यह पूछताछ "लगातार गहरी और विस्तृत" होती गई है.

स्थानीय निकाय चुनावों में धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी को मिलेगी सफलता?

मायर ने कहा, "एएफडी की खास दिलचस्पी आईटी और पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में है. मसलन, ड्रोन का पता लगाने और उनसे बचाव संबंधी तकनीक. इसके अलावा नागरिक सुरक्षा में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण, स्वास्थ्य सेवा और जर्मन सेना की गतिविधियों से जुड़ी जानकारियों पर भी जानकारी मांगी गई.

जर्मनी में "क्लाइने अनफ्रागन" यानी "संक्षिप्त पूछताछ" एक आधिकारिक संसदीय प्रक्रिया है. इसके जरिए पार्टियां, केंद्र और राज्य सरकारों से ऐसी जानकारियां हासिल कर सकती हैं, जो आमतौर पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं होती हैं.

जर्मनी की खुफिया एजेंसी ने एएफडी पार्टी को बताया 'कट्टरपंथी'

प्रमुख रूप से इसका इस्तेमाल विपक्षी दल करते हैं, क्योंकि सरकार के मंत्रालयों या विभागों तक उनकी सीधी पहुंच नहीं होती है. सरकार को इन पूछताछों का लिखित जवाब देना होता है.

ब्योर्न ह्योके, थुरिंजिया में एएफडी के राज्य और संसदीय समूह के नेता हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें एक दक्षिणपंथी कट्टरपंथी के रूप में वर्गीकृत किया है. अतीत में, ह्योके को नाजी दौर के एक प्रतिबंधित नारे का इस्तेमाल करने के लिए दोषी भी ठहराया जा चुका है.

एएफडी- पुतिन के रूस की तारीफ

ब्योर्न ह्योके ने अतीत में कई बार राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रूस की प्रशंसा की है. जनवरी 2023 में,रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद, ह्योके ने एएफडी के ही एक नेता माक्सिमिलियन क्राह के साथ यूट्यूब पर बातचीत की. इसमें उन्होंने कहा, "आज भले ही मुख्यधारा की मीडिया यह सुनना चाहे या ना सुनना चाहे, लेकिन रूस का मतलब सिर्फ नकारात्मक बातें नहीं हैं. यह एक ऐसा देश भी है, जिससे कई लोगों को उम्मीद है कि वह दुनिया को आधिपत्य वाले प्रभाव से मुक्त, स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्रों का चैंपियन बन सकता है."

ब्योर्न ह्योके (तस्वीर में दाहिनी तरफ) और एलीस वाइडेल (सेंटर लेफ्ट) धुर-दक्षिणपंथी दल एएफडी के प्रमुख चेहरे हैंतस्वीर: Sören Stache/dpa/picture alliance

ह्योके ने प्रदेश के गृह मंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है. अपने फेसबुक अकाउंट पर एक बयान जारी कर उन्होंने मायर पर आरोप लगाया कि उन्हें "कानून के शासन" से समस्या है.

जर्मनी: विधानसभा चुनावों में धुर-दक्षिणपंथी एएफडी को मिलेगी सत्ता?

उन्होंने लिखा, "उनके पास अपने दावों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है. उन्हें इस बात से परेशानी है कि विपक्ष अपना संवैधानिक कर्तव्य निभा रहा है, यानी सरकार के कामकाज की निगरानी कर रहा है और जरूरत पड़ने पर उसकी आलोचना भी कर रहा है."

उन्होंने यह भी जोड़ा कि विभिन्न मुद्दों पर मंत्रालयों से सवाल पूछना, एएफडी को भविष्य में सरकार की जिम्मेदारी उठाने के लिए खुद को तैयार करने में भी मदद करता है.

ह्योके ने कहा कि एएफडी का संसदीय समूह गृह मंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने पर विचार कर रहा है. साथ ही, उन्होंने थुरिंजिया के मुख्यमंत्री मारियो फोग्ट से मायर को बर्खास्त करने की भी मांग की है.

वर्तमान में एएफडी, थुरिंजिया की सबसे मजबूत राजनीतिक ताकत है. हालांकि, धुर-दक्षिणपंथ के साथ साबित हो चुके संबंधों के कारण बाकी सभी दलों ने उसके साथ गठबंधन करने से इंकार कर दिया है. पिछले साल से इस राज्य में क्रिश्चियन डेमोक्रेट (सीडीयू), सोशल डेमोक्रेट (एसपीडी) और जारा वागनक्नेष्ट की पार्टी 'जारा वागनक्नेष्ट अलायंस' (बीएसडब्ल्यू) की गठबंधन सरकार चल रही है.

ब्योर्न ह्योके जर्मनी को बेचैन क्यों करते हैं

04:54

This browser does not support the video element.

बुंडेसटाग: सरकार के रहस्यों के लीक होने का डर

मायर को अब बुंडेसटाग, यानी जर्मन संसद के निचले सदन से भी समर्थन मिल रहा है. मार्क हेनरिशमन, बुंडेसटाग की खुफिया निगरानी समिति के अध्यक्ष और सीडीयू पार्टी के सदस्य हैं. उन्होंने आरएनडी न्यूज नेटवर्क को बताया, "मुझे पूरा यकीन है कि पुतिन, एएफडी को एक आज्ञाकारी उपकरण की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. भले ही पार्टी नेतृत्व इसपर विरोध जताए, लेकिन उनके पास इस तरह के विश्वासघात को रोकने की ताकत नहीं है."

एसपीडी ने दी एएफडी पर बैन लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी

हेनरिशमन ने ध्यान दिलाया कि इन्हीं चिंताओं के कारण एएफडी के सांसदों को बुंडेसटाग की संसदीय निगरानी समिति में शामिल नहीं किया गया है. यह समिति गुप्त बैठकें करती है और संघीय खुफिया एजेंसियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए भी जिम्मेदार है.

एएफडी पर पहले भी कई बार रूस से करीबी संबंध रखने के आरोप लग चुके हैं. पार्टी के कई बुंडेसटाग सदस्यों ने अतीत में पुतिन के नजदीकी हलकों से करीबी संपर्क बनाए हैं. एएफडी के सांसद, यान नेल्टे पहले रूसी प्रोपोगेंडा अखबार "इजवेस्तिया" के लिए लिखते थे.

इसी तरह, एएफडी संसदीय समूह के उपाध्यक्ष मार्कुस फ्रोनमायर 2018 के याल्टा अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सम्मेलन के आयोजक दल का हिस्सा थे. इसे रूसी सरकार और रूस की खुफिया एजेंसी 'एफएसबी' का समर्थन प्राप्त था. अक्टूबर 2025 में फ्रोनमायर ने मॉस्को जाकर राजनीतिक वार्ताओं में भाग लेने की इच्छा भी जताई थी. इसके अलावा, एएफडी के कई अन्य नेता भी यूक्रेन पर रूस के हमले को कमतर दिखाने वाले बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं.

इन्हीं कारणों से गृह मंत्री मायर चाहते हैं कि एएफडी पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव में "देशद्रोह" के पहलू को भी शामिल किया जाए. उन्होंने कहा, "एएफडी न केवल अपनी राष्ट्रवादी विचारधारा के कारण संविधान विरोधी है, बल्कि तानाशाही व्यवस्थाओं से अपने संबंध के कारण वह हमारे उदारवादी लोकतंत्र के लिए भी खतरा पैदा कर रही है."

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें