इस्राएल: होलोकॉस्ट में मारे गए 60 लाख यहूदियों की याद
२८ अप्रैल २०२२
दुनिया के अलग अलग हिस्सों से होलोकॉस्ट को झेलने वाले यहूदियों ने एकजुट होकर संदेश दिया है. होलोकॉस्ट को याद करने के दिन की अहमियत पर जोर देते हुए उन्होंने समुदाय के खिलाफ नफरत की उठती लहर के प्रति आगाह किया.
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इस्राएल में 28 अप्रैल का दिन होलोकॉस्ट की याद में समर्पित किया गया. मकसद था उन 60 लाख यहूदी महिला, पुरुष और बच्चों को याद करना जिनकी नाजियों और उनके सहयोगियों ने मिलकर हत्या की थी. इस्राएल के तेल अवीव में सुबह दो मिनट के लिए साइरन बजाए गए. उस समय सड़कों पर कारें थम गईं और लोग जहां थे वहीं ठहर गए और मरने वालों की याद किया.
इस्राएल के शीर्ष अधिकारियों के साथ होलोकॉस्ट मेमोरियल डे कार्यक्रम में शामिल होने जर्मन संसद की अध्यक्ष बेर्बेल बास पहुंचीं. कार्यक्रम याद वाशेम होलोकॉस्ट मेमोरियल में आयोजित हुआ. समारोह में जर्मन संसद की ओर से श्रद्धांजली दी गई. संसद के कार्यक्रम में होलोकॉस्ट के पीड़ितों के नाम पढ़े गए. इससे पहले वहां की संसद क्नेसेट में बेर्बेल बास ने इरमा नाथन की याद में मोमबत्ती जलाई. नाथन एक यहूदी महिला थीं जिन्हें 80 साल पहले जर्मन शहर डुइसबुर्ग के अपने गृहनगर को छोड़ना पड़ा था. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1942 में नाजी सेना ने उनकी हत्या कर दी थी. उनके पति और दो बच्चे भी नाजियों के हाथों मारे गए थे.
याद वाशेम में होलोकॉस्ट के स्मृति दिवस का कार्यक्रम एक दिन पहले ही शुरु हो गया था. उसमें इस्राएली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने होलोकॉस्ट को याद रखने के महत्व के बारे में बताया. इस मौके पर नफ्ताली ने कहा, "आज कल की बुरी से बुरी जंग भी होलोकॉस्ट के जैसी नहीं है. किसी की भी तुलना होलोकॉस्ट से नहीं की जा सकती." उन्होंने कहा, "नाजी चाहते थे कि सारे यहूदियों का शिकार कर डालें और हर एक को खत्म कर दें."
जर्मनी की सरकारी रेल सेवा डॉयचे बान के प्रमुख रिचर्ड लुत्स ने भी याद वाशेम में हुए समारोह में हिस्सा लिया और श्रद्धांजली दी. वह खुद फ्रेंड्स ऑफ याद वाशेम नामक संस्था के सदस्य हैं और उसकी तरफ से उन्होंने एक लाल और सफेद पुष्पांजलि अर्पित की. इस साल मेमोरियल कार्यक्रम की थीम थी "ट्रेन राइड्स टू रूइन: डिपोर्टेशन ऑफ ज्यूज ड्यूरिंग होलोकॉस्ट." उस दौरान यहूदियों को दूर दराज की जगहों तक ले जाने में रेलवे का खूब इस्तेमाल हुआ था.
समारोह में हिस्सा लेने के बाद लुत्स ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हमारी पूर्ववर्ती संस्था यूरोप के यहूदियों, सिन्ती और रोमा समुदाय के लोगों को ले आने ले जाने और उनकी हत्या से गहराई तक जुड़े थे. लाखों लोगों को ट्रेनों से ही उनकी आखिरी मंजिल तक ले जाया गया था."
इस्राएल के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 161,400 होलोकॉस्ट सर्वाइवर इस्राएल में रहते हैं. इनकी औसत उम्र इस समय 85.5 साल है. इनमें से 1000 से भी ज्यादा लोगों की उम्र आज 100 से भी ऊपर है. पूरी दुनिया में 2020 के अंत तक यहूदियों की तादाद 1.52 करोड़ थी. इनमें से सबसे ज्यादा करीब 70 लाख यहूदी केवल इस्राएल में ही रहते हैं.
आरपी/एनआर (डीपीए)
क्या है इस्राएल
मुस्लिम देश इस्राएल को मध्यपूर्व में विवादों का केंद्र कहते हैं. एक तरफ उसके आलोचक हैं तो दूसरी तरफ उसके मित्र. लेकिन इस रस्साकसी से इतर बहुत कम लोग जानते हैं कि इस्राएल आखिर कैसा है.
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राष्ट्र भाषा
आधुनिक हिब्रू के अलावा अरबी इस्राएल की मुख्य भाषा है. ये दोनों 1948 में बने इस्राएल की आधिकारिक भाषाएं हैं. आधुनिक हिब्रू 19वीं सदी के अंत में बनी. पुरातन हिब्रू से निकली आधुनिक हिब्रू भाषा अंग्रेजी, स्लाविक, अरबी और जर्मन से भी प्रभावित है.
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छोटा सा देश
1949 के आर्मिस्टिक समझौते के मुताबिक संप्रभु इस्राएल का क्षेत्रफल सिर्फ 20,770 वर्ग किलोमीटर है. इस समझौते पर मिस्र, लेबनान, जॉर्डन और सीरिया ने दस्तखत किए थे. लेकिन फिलहाल पूर्वी येरुशलम से लेकर पश्चिमी तट तक इस्राएल के नियंत्रण में 27,799 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है. इस्राएल के उत्तर से दक्षिण की दूरी 470 किमी है. देश का सबसे चौड़ा भूभाग 135 किलोमीटर का है.
अनिवार्य सैन्य सेवा
इस्राएल दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहां नागरिकों और स्थायी रूप से रहने वाली महिला व पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है. 18 साल की उम्र के हर इस्राएली को योग्य होने पर तीन साल सैन्य सेवा करनी पड़ती है. महिलाओं को दो साल सेना में रहना पड़ता है.
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फलीस्तीन के समर्थक
नेतुरेई कार्टा का मतलब है कि "सिटी गार्ड्स." यह 1939 में बना एक यहूदी संगठन है. यह इस्राएल की स्थापना का विरोध करता है. इस संगठन का कहना है कि एक "यहूदी मसीहा" के धरती पर आने तक यहूदियों को अपना देश नहीं बनाना चाहिए. इस संगठन को फलीस्तीनियों का समर्थक माना जाता है.
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राष्ट्रपति पद ठुकराया
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइनस्टाइन भले ही पूजा नहीं करते थे, लेकिन जर्मनी में यहूदियों के जनसंहार के दौरान उनका यहूदी धर्म की तरफ झुकाव हो गया. उन्होंने यहूदी आंदोलन के लिए धन जुटाने के लिए ही अमेरिका की पहली यात्रा की. बुढ़ापे में उन्हें इस्राएल का राष्ट्रपति बनने का न्योता दिया गया, आइनस्टाइन ने इसे ठुकरा दिया.
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ईश्वर को चिट्ठियां
हर साल येरुशलम के डाक घर को 1,000 से ज्यादा ऐसे खत मिलते हैं, जो भगवान को लिखे जाते हैं. ये चिट्ठियां कई भाषाओं में लिखी होती हैं और विदेशों से भी आती हैं. ज्यादातर खत रूसी और जर्मन में होते हैं.
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येरुशलम की पीड़ा
इतिहास के मुताबिक येरुशलम शहर दो बार पूरी तरह खाक हुआ, 23 बार उस पर कब्जा हुआ, 52 बार हमले हुए और 44 बार शहर पर किसी और का शासन हुआ. गिहोन झरने के पास शहर का सबसे पुराना इलाका है, कहा जाता है कि इसे 4500-3500 ईसा पूर्व बनाया गया. इसे मुसलमानों, ईसाइयों और यहूदियों का पवित्र शहर कहा जाता है.
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पैसेंजर फ्लाइट का रिकॉर्ड
24 मई 1991 को इस्राएली एयरलाइन कंपनी एल अल का बोइंग 747 विमान 1,088 यात्रियों को लेकर इस्राएल पहुंचा. किसी जहाज में यह यात्रियों की रिकॉर्ड संख्या है. इथियोपिया के ऑपरेशन सोलोमन के तहत यहूदियों को अदिस अबाबा से सुरक्षित निकालकर इस्राएल लाया गया.
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खास है मुद्रा
इस्राएली मुद्रा शेकेल दुनिया की उन चुनिंदा मुद्राओं में से है जिनमें दृष्टिहीनों के लिए खास अक्षर हैं. दृष्टिहीनों की मदद करने वाली मुद्राएं कनाडा, मेक्सिको, भारत और रूस में भी हैं.