इस्राएल के धार्मिक उत्सव में भगदड़, दर्जनों लोगों की मौत
३० अप्रैल २०२१
इस्राएल में एक धार्मिक समारोह में मची भगदड़ में दर्जनों लोगों के मारे जाने का समाचार है.
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घटना शुक्रवार को माउंट मेरोन पर हुई जब दसियों हजार लोग एक धार्मिक उत्सव के लिए पहुंचे थे. प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतनयाहू ने इसे भारी हादसा बताया है. यह धार्मिक उत्सव दूसरी सदी के संत रबाई शिमोन बास योशाई के गैलीली मकबरे पर मनाया जा रहा था. उत्सव में हिस्सा लेने के लिए दसियों हजार अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स यहूदी पहुंचे थे. सालाना लैग बोमर उत्सव रातभर चलता है और लोगों नाचने गाने के साथ प्रार्थनाएं करते हैं.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने हालांकि कोविड-19 को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे लेकिन भारी भीड़ पहाड़ी पर पहुंच गई. चश्मदीदों ने बताया कि एक संकरे रास्ते पर भीड़ के कारण लोग एक दूसरे के साथ भिंचने लगे और उनका दम घुंटने लगा. जब तक चेतावनी जारी कर लोगों को इधर-उधर होने के लिए कहा जाता, तब तक हादसा गंभीर रूप ले चुका था.
यित्जैक नामक एक श्रद्धालु ने चैनल 12 को बताया, "हमें लगा कि किसी संदिग्ध पैकेज को लेकर बम होने की चेतावनी दी जा रही है. कोई सोच भी नहीं सकता था कि यहां ऐसा हो सकता है. खुशी गमी में बदल गई है. असली रोशनी गहरा अंधेरा बन गई है."
ऐम्ब्युलेंस सेवा के मैगन डेविड ऐडम ने बताया कि कम से कम 103 लोग घायल हुए हैं. दर्जनों की जान गई है. चैनल 12 ने मरने वालों की सख्या 40 बताई है. चश्मदीदों का कहना है कि मरने वालों में कई बच्चे भी हैं. माउंट मेरोन मकबरे को यहूदियों के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है और सालाना हजारों लोग यहां की यात्रा करते हैं.
कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद इस्राएल में लैग बोमर उत्सव लोगों का सबसे बड़ा जमावड़ा माना जा रहा था. हालांकि उत्सव में पिछले साल कड़ी पाबंदियां थीं लेकिन इस साल इनमें काफी ढील दी गई थी. इस्राएल अपनी आधी से ज्यादा आबादी का टीकाकरण कर चुका है.
वीके/एए (रॉयटर्स)
क्या है इस्राएल
मुस्लिम देश इस्राएल को मध्यपूर्व में विवादों का केंद्र कहते हैं. एक तरफ उसके आलोचक हैं तो दूसरी तरफ उसके मित्र. लेकिन इस रस्साकसी से इतर बहुत कम लोग जानते हैं कि इस्राएल आखिर कैसा है.
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राष्ट्र भाषा
आधुनिक हिब्रू के अलावा अरबी इस्राएल की मुख्य भाषा है. ये दोनों 1948 में बने इस्राएल की आधिकारिक भाषाएं हैं. आधुनिक हिब्रू 19वीं सदी के अंत में बनी. पुरातन हिब्रू से निकली आधुनिक हिब्रू भाषा अंग्रेजी, स्लाविक, अरबी और जर्मन से भी प्रभावित है.
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छोटा सा देश
1949 के आर्मिस्टिक समझौते के मुताबिक संप्रभु इस्राएल का क्षेत्रफल सिर्फ 20,770 वर्ग किलोमीटर है. इस समझौते पर मिस्र, लेबनान, जॉर्डन और सीरिया ने दस्तखत किए थे. लेकिन फिलहाल पूर्वी येरुशलम से लेकर पश्चिमी तट तक इस्राएल के नियंत्रण में 27,799 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है. इस्राएल के उत्तर से दक्षिण की दूरी 470 किमी है. देश का सबसे चौड़ा भूभाग 135 किलोमीटर का है.
अनिवार्य सैन्य सेवा
इस्राएल दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहां नागरिकों और स्थायी रूप से रहने वाली महिला व पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है. 18 साल की उम्र के हर इस्राएली को योग्य होने पर तीन साल सैन्य सेवा करनी पड़ती है. महिलाओं को दो साल सेना में रहना पड़ता है.
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फलीस्तीन के समर्थक
नेतुरेई कार्टा का मतलब है कि "सिटी गार्ड्स." यह 1939 में बना एक यहूदी संगठन है. यह इस्राएल की स्थापना का विरोध करता है. इस संगठन का कहना है कि एक "यहूदी मसीहा" के धरती पर आने तक यहूदियों को अपना देश नहीं बनाना चाहिए. इस संगठन को फलीस्तीनियों का समर्थक माना जाता है.
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राष्ट्रपति पद ठुकराया
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइनस्टाइन भले ही पूजा नहीं करते थे, लेकिन जर्मनी में यहूदियों के जनसंहार के दौरान उनका यहूदी धर्म की तरफ झुकाव हो गया. उन्होंने यहूदी आंदोलन के लिए धन जुटाने के लिए ही अमेरिका की पहली यात्रा की. बुढ़ापे में उन्हें इस्राएल का राष्ट्रपति बनने का न्योता दिया गया, आइनस्टाइन ने इसे ठुकरा दिया.
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ईश्वर को चिट्ठियां
हर साल येरुशलम के डाक घर को 1,000 से ज्यादा ऐसे खत मिलते हैं, जो भगवान को लिखे जाते हैं. ये चिट्ठियां कई भाषाओं में लिखी होती हैं और विदेशों से भी आती हैं. ज्यादातर खत रूसी और जर्मन में होते हैं.
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येरुशलम की पीड़ा
इतिहास के मुताबिक येरुशलम शहर दो बार पूरी तरह खाक हुआ, 23 बार उस पर कब्जा हुआ, 52 बार हमले हुए और 44 बार शहर पर किसी और का शासन हुआ. गिहोन झरने के पास शहर का सबसे पुराना इलाका है, कहा जाता है कि इसे 4500-3500 ईसा पूर्व बनाया गया. इसे मुसलमानों, ईसाइयों और यहूदियों का पवित्र शहर कहा जाता है.
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पैसेंजर फ्लाइट का रिकॉर्ड
24 मई 1991 को इस्राएली एयरलाइन कंपनी एल अल का बोइंग 747 विमान 1,088 यात्रियों को लेकर इस्राएल पहुंचा. किसी जहाज में यह यात्रियों की रिकॉर्ड संख्या है. इथियोपिया के ऑपरेशन सोलोमन के तहत यहूदियों को अदिस अबाबा से सुरक्षित निकालकर इस्राएल लाया गया.
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खास है मुद्रा
इस्राएली मुद्रा शेकेल दुनिया की उन चुनिंदा मुद्राओं में से है जिनमें दृष्टिहीनों के लिए खास अक्षर हैं. दृष्टिहीनों की मदद करने वाली मुद्राएं कनाडा, मेक्सिको, भारत और रूस में भी हैं.