वेस्ट बैंक में रहने वाले फलस्तीनी इस्राएल के चेक नाकों पर बेरोकटोक जा सकेंगे. इस्राएल उन्हें पहचान पत्र जारी करेगा. 1967 से वेस्ट बैंक पर इस्राएल का कब्जा है.
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इस्राएल ने कहा है कि वेस्ट बैंक में रहने वाले 4,000 फलस्तीनियों को पहचान पत्र जारी किए जाएंगे जिसके बाद वे चेक नाकों से बेरोक टोक आ जा सकेंगे. आधिकारिक पंजीकरण का यह अभियान बरसों से बंद पड़ा था.
इस्राएल की सरकार का यह कदम उन 2,800 लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होगा जो गजा पट्टी के पूर्व नागरिक हैं. सरकार ने उन्हें कानूनी दर्जा देने का फैसला किया है. ये लोग 2007 में गजा पट्टी से भागकर तब वेस्ट बैंक आ गए थे जब हमास के साथ आंतरिक संघर्ष चल रहा था.
क्यों चाहिए पहचान पत्र?
फलस्तीनी जनता का पंजीकरण होने पर वेस्ट बैंक के नागरिकों को इलाके में बने इस्राएली सेना के नाकों से आने जाने में सुविधा हो जाएगी. इस्राएल ने छह दिन चले युद्ध में इस इलाके पर कब्जा कर लिया था और तब से यहां रहने वाले लोगों के साथ इस्राएली सेना की झड़पें होती रहती हैं.
तस्वीरेंः चम्मच से खोदी सुरंग
चम्मच से खोद डाली जेल की सुरंग, फलस्तीन में आंदोलन का नया प्रतीक
6 सितंबर को इस्राएल की अधिकतम सुरक्षा वाली जेल से छह फलस्तीनी कैदी सुरंग खोदकर फरार हो गए थे. कैदियों ने सुरंग खोदने के लिए कथित तौर पर चम्मच का इस्तेमाल किया. सारे फरार पकड़े गए.
तस्वीर: Ilia Yefimovich/dpa/picture alliance
चम्मच से खोदी संकरी सुरंग
उत्तरी इस्राएल की उच्च सुरक्षा वाली गिल्बोआ जेल से छह कैदी सुरंग खोदकर फरार हो गए थे. उन्होंने इस घटना को अंजाम देने के लिए बड़ी योजना बनाई और 6 सितंबर के तड़के मौके का फायदा उठाकर सुरंग के जरिए फरार हो गए.
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कई महीनों से खोद रहे थे सुरंग
फरार कैदियों में से एक याकूब कादरी की वकील ने फलस्तीनी टीवी चैनल को बताया कि कैदी 6 सितंबर को फरार नहीं होने वाले थे. लेकिन उन्हें लगा कि उनकी गतिविधियां संदिग्ध हो गई हैं और हो सकता है जेल अधिकारियों को शक होने लगा था. एक और कैदी के वकील ने कहा कि सुरंग खुदाई का काम पिछले साल दिसंबर से चल रहा था.
तस्वीर: Ilia Yefimovich/dpa/picture alliance
सुरंग खोदने वाले हीरो बने
फरार हुए कैदी यहूदी देश के खिलाफ जानलेवा हमले के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे और उन्हें गिल्बोआ की अधिकतम सुरक्षा वाली जेल में रखा गया था. जेल से फरार होने वाले कैदी फलस्तीनियों के बीच हीरो बन गए हैं. ऐसी रिपोर्टें सामने आईं कि उन्होंने सुरंग खोदने के लिए चम्मच का इस्तेमाल किया.
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आखिरकार पकड़े गए
खुली हवा में कैदी ज्यादा दिनों तक सांस नहीं ले पाए. इस्राएली सेना और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. सबसे पहले चार कैदियों को गिरफ्तार किया गया और फिर 19 सितंबर को बाकी के दो फरार कैदी पकड़े गए. उनकी मदद करने वाले भी दो लोग हिरासत में लिए गए.
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कौन थे फरार कैदी
सभी छह भगोड़े फलस्तीनी आतंकवादी समूहों के सदस्य थे जिन्हें इस्राएल की अदालतों ने इस्राएल के खिलाफ हमले की साजिश रचने या अंजाम देने के लिए दोषी ठहराया था. इनमें सशस्त्र फलस्तीनी इस्लामी आंदोलन समूह के दो सदस्य, पिछले सप्ताह जिन अन्य चार लोगों को पकड़ा गया उनमें भगाने का कथित मास्टरमाइंड महमूद अब्दुल्ला अरदा और फतह आंदोलन के सशस्त्र विंग का नेतृत्व करने वाले जकारिया जुबैदी शामिल थे.
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घटना से उठे सवाल
कड़ी सुरक्षा वाली जेल से कैदियों का फरार होना बड़ा मुद्दा बना. सुरक्षा को लेकर सवाल उठे और इस्राएली जेल सेवा को शर्मिंदा होना पड़ा लेकिन फलस्तीनियों को प्रसन्न होने का मौका दिया.
तस्वीर: Ilia Yefimovich/dpa/picture alliance
चम्मच बना प्रतीक
एक कलाकार ने गजा शहर में दीवार पर चित्र बनाए. इस पेंटिंग के जरिए फलस्तीनी प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में पारंपरिक झंडे और बैनर के साथ एक चम्मच ने भी जगह ले ली है.
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मीडिया में छाई रही फरारी की खबरें
इस्राएल की जेल से कैदियों का इस तरह से फरार हो जाना एक नाट्कीय घटना थी, पिछले दो सप्ताह तक यह खबर मीडिया में छाई रही और इस्राएल की जेल सेवा की भारी आलोचना हुई.
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पकड़ने के लिए चला अभियान
इस्राएल की सेना और पुलिस ने फरार कैदियों को पकड़ने के लिए नाकेबंदी की, ड्रोन का इस्तेमाल किया और सीमाएं सील कीं. आखिरकार 19 सितंबर को उसने फरार छह कैदियों में से बचे दो कैदियों को भी पकड़ लिया. इस्राएली प्रधानमंत्री ने सुरक्षाकर्मियों को बधाई देते हुए ट्विटर पर लिखा,ऑपरेशन प्रभावशाली, जटिल और तेज था.
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इस्राएल की सरकार ने इन सैन्य नाकों को सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है. लेकिन फलस्तीनी और मानवाधिकार कार्यकर्ता इन नाकों से असहमत हैं और कहते रहे हैं कि इस कारण लोगों की जिंदगी मुश्किल हो गई है.
इस्राएली सेना की नागरिक मामले देखने वाली शाखा COGAT ने कहा है कि पहचान पत्र देने से गजा पट्टी के 2,800 पूर्व बाशिंदों के अलावा 1,200 उन लोगों को भी लाभ पहुंचेगा जो पंजीकृत नहीं हैं. इनमें वेस्ट बैंक के लोगों के रिश्तेदार आदि शामिल हैं.
इस्राएल ने शांति समझौते के तहत पहचान पत्र देने की यह योजना बनाई थी. इन पहचान पत्रों को हर साल नवीनीकृत किया जाना था. लेकिन साल 2,000 में यह योजना तब ठंडे बस्ते में चली गई जब कथित दूसरे इंतिफादा के तहत लोगों ने संघर्ष किया.
2008-09 में इस्राएल ने 32 हजार लोगों को परिवारों के पुनर्मिलन योजना के तहत परमिट दिए थे लेकिन कुछेक मामलों को छोड़कर ज्यादातर के लिए यह योजना लागू नहीं हो पाई.
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क्या बोले नेता?
पहचान पत्र देने की योजना फिर से शुरू करने को लेकर देश के रक्षा मंत्री बेनी गांत्स ने ट्विटर पर लिखा कि यह एक मानवतावादी कदम है. उन्होंने सात हफ्ते पहले ही वेस्ट बैंक के शहर रामल्लाह में फलस्तीनी नैशनल अथॉरिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की थी.
ट्वटिर पर उन्होंने कहा कि यह कदम उनकी "देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और फलस्तीनियों की जिंदगी बेहतर बनाने की कोशिशों का हिस्सा है.”
देखिए, युद्ध के बाद का गजा
अब कैसा है गजा
इस्राएल और हमास के बीच हालिया संघर्ष को खत्म हुए तीन हफ्ते हो चुके हैं. अब बंदूकें शांत हैं पर जिंदगी शांत नहीं है. तस्वीरों में देखिए, युद्ध के बाद कैसा हो गजा.
तस्वीर: Mohammed Salem/REUTERS
बस मलबा बचा है
गजा में 11 दिन तक बरसे बमों ने घरों के नाम पर बस मलबा छोड़ा है. लोग उसमें भी बसर कर रहे हैं.
तस्वीर: Mohammed Salem/REUTERS
269 लोगों की मौत
21 मई को हमास और इस्राएल के बीच युद्ध विराम हुआ था. लेकिन तब तक गजा में 256 और इस्राएल में 13 लोगों की जानें जा चुकी थीं.
तस्वीर: Mohammed Salem/REUTERS
कितने आम नागरिक थे?
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गजा में मरने वालों में कम से कम 128 आम नागरिक थे. इस्राएल ने कहा है कि उसने 200 उग्रवादी मारे. हमास के मुताबिक उसके 80 लड़ाके मारे गए.
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4,300 रॉकेट
संघर्ष के दौरान हमास ने इस्राएल पर गजा से 4,300 से ज्यादा रॉकेट दागे थे. उनमें से 680 तो गजा में ही गिर गए.
तस्वीर: Mohammed Salem/REUTERS
कितने घर गिरे
फलस्तीन के भवन निर्माण मंत्रालय के मुताबिक कुल 258 इमारतों को नुकसान पहुंचा है जिनमें 1042 घर, दुकानें या दफ्तर थे.
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और जो गिरे नहीं
756 घरों को भारी नुकसान पहुंचा है जबकि 14,356 को हल्का नुकसान हुआ है.
तस्वीर: Mohammed Salem/REUTERS
स्कूल, अस्पताल
संघर्ष के दौरान गजा के 54 स्कूल, छह अस्पताल और 11 स्वास्थ्य केंद्रों को नुकसान हुआ है.
तस्वीर: Mohammed Salem/REUTERS
करोड़ों डॉलर का खर्च
फलस्तीन का कहना है कि पुनर्निर्माण में दसियों लाख डॉलर का खर्च आएगा. अमेरिका ने बर्बाद हुए गजा को फिर से बनाने के लिए मदद देने का वादा किया है.
तस्वीर: Mohammed Salem/REUTERS
अमेरिकी मदद
युद्ध विराम के बाद मध्य पूर्व के दौरे पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने 55 लाख डॉलर यानी लगभग 40 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था.
तस्वीर: Mohammed Salem/REUTERS
महीनों लगेंगे
इस पुनर्निर्माण में महीनों का वक्त लगेगा. तब तक गजा के लोग इस मलबे के ढेर पर जिंदगी जीते रहेंगे.
तस्वीर: Mohammed Salem/REUTERS
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फलस्तीनी अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारी हुसैन अल-शेख ने भी इस कदम पर ट्वीट किया. उन्होंने कहा, "आज चार हजार लोगों के नामों का ऐलान किया जाएगा, जिन्होंने नागरिकता का अधिकार हासिल किया है. उन्हें फलस्तीनी पहचान के साथ-साथ अपने निवास स्थान का पता भी मिलेगा.”
वेस्ट बैंक में चार लाख 75 हजार इस्राएली यहूदी रहते हैं, जिनकी रिहायश को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध माना जाता है. इस्राएल के प्रधानमंत्री ने फलस्तीनी अथॉरिटी के साथ औपचारिक शांति वार्ता की संभावना से इनकार कर दिया है.