इस्राएल में नई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पेगासस का इस्तेमाल कई लोगों की अवैध जासूसी के लिए किया गया था. प्रधानमंत्री ने इन रिपोर्टों को अस्वीकार्य बताया है और इन पर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है.
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इस्राएल के बिजनेस अखबार कैलकलिस्ट ने अपनी रिपोर्टों में दावा किया है कि पेगासस का इस्तेमाल विपक्ष के कई नेताओं, कई ऐक्टिविस्टों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों और अन्य के फोनों को हैक करने के लिए किया गया था. विपक्ष के इन नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू के बेटे एवनर और उनके सलाहकार भी शामिल थे.
कैलकलिस्ट ने इसके पहले एक रिपोर्ट में दावा किया कि पुलिस ने पेगासस का इस्तेमाल एक नेतन्याहू-विरोधी आंदोलन के नेताओं के खिलाफ किया गया था. लेकिन ताजा रिपोर्टों के बाद बेनेट ने कहा कि वो प्रण लेते हैं कि उनकी सरकार "इसे बिना प्रतिक्रिया के जाने नहीं देगी."
उन्होंने कहा, "इन रिपोर्टों ने एक बहुत गंभीर स्थिति बयान की है जो लोकतंत्र में अस्वीकार्य है. इन साइबर औजारों को आतंकवाद और अपराध से लड़ने के लिए ईजाद किया गया था, न कि नागरिकों के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए. हम एक पारदर्शी, गहरी और तेज जांच सुनिश्चित करवाएंगे."
कैलकलिस्ट की रिपोर्टों में दावा किया गया है कि दर्जनों ऐसे लोगों को निशाना बनाया जिन पर किसी आपराधिक गतिविधि का संदेह भी नहीं था और पुलिस को उनके खिलाफ जासूसी करने की अदालती अनुमति भी नहीं मिली थी.
इनमें वित्त, न्याय और संचार मंत्रालयों के वरिष्ठ नेता, सुपरमार्केट दुकानों के मालिक रामी लेवी, कई महापौर, पुलिस के दुर्व्यवहार के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले कई इथियोपियाई-इस्राएली लोग और नेतन्याहू के दो पूर्व सलाहकार शामिल हैं.
एयाल कोहेन विकलांगों के लिए काम करने वाले एक ऐक्टिविस्ट हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया कि पुलिस ने उनकी भी जासूसी की थी. उन्होंने सरकारी टीवी चैनल को बताया, "मुझे लगता है वो हमारे अधिकारों को अपने पैरों तले रौंद रहे हैं. अब लोकतंत्र ही नहीं बचा."
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नीति के तहत
इस्राएल डेमोक्रेसी इंस्टिट्यूट में तकनीक और कानून की विशेषज्ञ तेहीला श्वार्ट्ज आल्टशूलर कहती हैं कि निशाना बनाए गए लोगों की सूची इतनी लंबी होने का मतलब है कि आम लोगों की पुलिस द्वारा जासूसी "कोई गलती नहीं थी, बल्कि एक नीति थी, काम करने का एक तरीका था."
ये रिपोर्ट नेतन्याहू के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मुकदमे पर असल डाल रही हैं. आरोप ये भी हैं कि पुलिस ने उनके मुकदमे में एक महत्वपूर्ण गवाह की जासूसी की थी. रिपोर्टों में दावा किया गया है कि नेतन्याहू, जो अब विपक्ष के नेता हैं, ने पेगासस को दूसरे देशों के साथ संबंध गहरे करने के लिए एक कूटनीतिक उपकरण की तरह इस्तेमाल किया था.
अब उन्होंने खुद पूरे मामले में एक स्वतंत्र जांच की मांग की है. इस्राएल की पुलिस के पूर्व प्रमुख रोनी अलशेख ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है. कथित जासूसी के अधिकांश समय के दौरान वो ही इसकी निगरानी कर रहे थे.
सीके/एए (एएफपी, एपी)
क्या है इस्राएल
मुस्लिम देश इस्राएल को मध्यपूर्व में विवादों का केंद्र कहते हैं. एक तरफ उसके आलोचक हैं तो दूसरी तरफ उसके मित्र. लेकिन इस रस्साकसी से इतर बहुत कम लोग जानते हैं कि इस्राएल आखिर कैसा है.
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राष्ट्र भाषा
आधुनिक हिब्रू के अलावा अरबी इस्राएल की मुख्य भाषा है. ये दोनों 1948 में बने इस्राएल की आधिकारिक भाषाएं हैं. आधुनिक हिब्रू 19वीं सदी के अंत में बनी. पुरातन हिब्रू से निकली आधुनिक हिब्रू भाषा अंग्रेजी, स्लाविक, अरबी और जर्मन से भी प्रभावित है.
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छोटा सा देश
1949 के आर्मिस्टिक समझौते के मुताबिक संप्रभु इस्राएल का क्षेत्रफल सिर्फ 20,770 वर्ग किलोमीटर है. इस समझौते पर मिस्र, लेबनान, जॉर्डन और सीरिया ने दस्तखत किए थे. लेकिन फिलहाल पूर्वी येरुशलम से लेकर पश्चिमी तट तक इस्राएल के नियंत्रण में 27,799 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है. इस्राएल के उत्तर से दक्षिण की दूरी 470 किमी है. देश का सबसे चौड़ा भूभाग 135 किलोमीटर का है.
अनिवार्य सैन्य सेवा
इस्राएल दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहां नागरिकों और स्थायी रूप से रहने वाली महिला व पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है. 18 साल की उम्र के हर इस्राएली को योग्य होने पर तीन साल सैन्य सेवा करनी पड़ती है. महिलाओं को दो साल सेना में रहना पड़ता है.
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फलीस्तीन के समर्थक
नेतुरेई कार्टा का मतलब है कि "सिटी गार्ड्स." यह 1939 में बना एक यहूदी संगठन है. यह इस्राएल की स्थापना का विरोध करता है. इस संगठन का कहना है कि एक "यहूदी मसीहा" के धरती पर आने तक यहूदियों को अपना देश नहीं बनाना चाहिए. इस संगठन को फलीस्तीनियों का समर्थक माना जाता है.
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राष्ट्रपति पद ठुकराया
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइनस्टाइन भले ही पूजा नहीं करते थे, लेकिन जर्मनी में यहूदियों के जनसंहार के दौरान उनका यहूदी धर्म की तरफ झुकाव हो गया. उन्होंने यहूदी आंदोलन के लिए धन जुटाने के लिए ही अमेरिका की पहली यात्रा की. बुढ़ापे में उन्हें इस्राएल का राष्ट्रपति बनने का न्योता दिया गया, आइनस्टाइन ने इसे ठुकरा दिया.
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ईश्वर को चिट्ठियां
हर साल येरुशलम के डाक घर को 1,000 से ज्यादा ऐसे खत मिलते हैं, जो भगवान को लिखे जाते हैं. ये चिट्ठियां कई भाषाओं में लिखी होती हैं और विदेशों से भी आती हैं. ज्यादातर खत रूसी और जर्मन में होते हैं.
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येरुशलम की पीड़ा
इतिहास के मुताबिक येरुशलम शहर दो बार पूरी तरह खाक हुआ, 23 बार उस पर कब्जा हुआ, 52 बार हमले हुए और 44 बार शहर पर किसी और का शासन हुआ. गिहोन झरने के पास शहर का सबसे पुराना इलाका है, कहा जाता है कि इसे 4500-3500 ईसा पूर्व बनाया गया. इसे मुसलमानों, ईसाइयों और यहूदियों का पवित्र शहर कहा जाता है.
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पैसेंजर फ्लाइट का रिकॉर्ड
24 मई 1991 को इस्राएली एयरलाइन कंपनी एल अल का बोइंग 747 विमान 1,088 यात्रियों को लेकर इस्राएल पहुंचा. किसी जहाज में यह यात्रियों की रिकॉर्ड संख्या है. इथियोपिया के ऑपरेशन सोलोमन के तहत यहूदियों को अदिस अबाबा से सुरक्षित निकालकर इस्राएल लाया गया.
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खास है मुद्रा
इस्राएली मुद्रा शेकेल दुनिया की उन चुनिंदा मुद्राओं में से है जिनमें दृष्टिहीनों के लिए खास अक्षर हैं. दृष्टिहीनों की मदद करने वाली मुद्राएं कनाडा, मेक्सिको, भारत और रूस में भी हैं.