गाजा के 10 लाख से ज्यादा लोगों को घर छोड़ने की चेतावनी
१३ अक्टूबर २०२३इस्राएली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस ने बताया कि सेना ने गाजा सिटी के निवासियों को संदेश भेज कर अपनी सुरक्षा के लिए वहां से चले जाने को कहा है. इस्राएली सेना की ओर से गाजा में पर्चे गिराए जा रहे हैं, जिनमें लोगों को वहां से जाने के लिए कहा गया है.
गाजा पट्टी में रहने वाले लोग कौन हैं?
सोशल मीडिया साइट एक्स पर प्रसारित ब्रीफिंग में सेना के प्रवक्ता ने यह संदेश पढ़ा. इसमें यह भी कहा गया, "आतंकवादी संगठन हमास ने स्टेट ऑफ इस्राएल के खिलाफ युद्ध छेड़ा है और गाजा सिटी वह इलाका है, जहां सैन्य अभियान चल रहा है. यहां से निकलना आपकी सुरक्षा के लिए है. अगली घोषणा में जब आने की अनुमति दी जाएगी, तब आप यहां लौट सकते हैं."
इसके साथ ही यह ब्योरा भी दिया गया है कि गाजा के लोग इस्राएल से लगते सुरक्षा बाड़ की तरफ ना जाएं, गाजा पट्टी में दक्षिण की ओर जाएं. गाजा सिटी के निवासियों को वहां से जाने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है.
सेना की जमीनी कार्रवाई का अंदेशा
कॉर्निकस ने कहा कि यह दिशा निर्देश "एक मानवीय कदम है, जो आईडीएफ युद्ध में आम नागरिकों के नुकसान को कम करने के लिए उठा रहा है." पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस्राएल की तरफ से गाजा पट्टी पर जमीनी हमले की आशंका है.
हमास ने 7 अक्टूबर को इस्राएली इलाके पर बड़ा हमला किया था. सीमावर्ती इलाकों में हुए इस इमले में अब तक 1,200 लोगों की जान गई है और 3,300 से ज्यादा लोग घायल हैं. इस्राएल ने अब तक हवाई हमलों से ही इसका जवाब दिया है, लेकिन अब जमीनी कार्रवाई की आशंका तेज हो गई है. इस्राएल के हमलों में 1,530 फलीस्तीनी लोगों की जान गई है, जबकि 6,600 लोग घायल हुए हैं.
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11 लाख लोगों का विस्थापन
इस्राएली सेना का कहना है कि हमास के आतंकवादी गाजा में घरों के नीचे सुरंगों में छिपे हुए हैं, जबकि इन घरों में गाजा के निर्दोष आम लोग रहते हैं. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टेफाने दुजारिक ने अमेरिकी समाचार साइट आक्रियोस से कहा, "गाजा में संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों और डिपार्टमेंट ऑफ सेफ्टी एंड सिक्योरिटी विभाग के टीम लीडरों को इस्राएली सेना के अधिकारियों ने सूचना दी है कि वाडी गाजा के उत्तर में मौजूद गाजा की सारी आबादी को अगले 24 घंटे के भीतर दक्षिणी गाजा की ओर चले जाना चाहिए."
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इस चेतावनी का मतलब है कि करीब 11 लाख लोगों को यहां से जाने की बात कही जा रही है. इसके दायरे में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय, स्कूल, हेल्थ सेंटर और क्लिनिक भी आएंगे. संयुक्त राष्ट्र ने ऐसा करना असंभवन मानते हुए चेतावनी वापस लेने की मांग की है.
फलीस्तीनी नेता महमूद अब्बास ने इस्राएली सेना की उस चेतावनी को खारिज कर दिया, जिसमें गाजा पट्टी के लोगों को समयसीमा के भीतर घर छोड़कर चले जाने को कहा गया है. अब्बास ने चेतावनी दी है कि यह "दूसरा नकबा" होगा. नकबा, यानी प्रलय से मतलब 1948 के अरब इस्राएलयुद्ध की उस घटना से है, जब 760,000 फलीस्तीनियों को उनके घरों से बाहर निकाल दिया गया था. इसके साथ ही इस्राएल की स्थापना हुई थी. अब्बास फलीस्तीनी अथॉरिटी के नेता हैं, जिसका केंद्र पश्चिमी तट के रामल्लाह में है. फलीस्तीन का प्रशासन फिलहाल फलीस्तीनी अथॉरिटी और हमास के बीच बंटा हुआ है. गाजापट्टी में प्रशासन संभालने वाले हमास ने भी लोगों से अपने घरों में रहने को कहा है.
एनआर/एसएम (डीपीए, एपी)