इस्राएल में लोगों को वैक्सीन का चौथा टीका लगाने की तैयारी
२३ दिसम्बर २०२१
दुनिया के कई देश अब भी कोविड वैक्सीन की किल्लत से जूझ रहे हैं. इस बीच इस्राएल दुनिया का पहला देश बन सकता है, जहां लोगों को कोविड का चौथा टीका लगाया जाएगा.
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कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से निबटने के लिए इस्राएल अब कोविड वैक्सीन का चौथा डोज लगाने पर विचार कर रहा है. यहां स्वास्थ्यकर्मियों, 60 साल से ऊपर के लोगों या कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों को कोविड वैक्सीन का चौथा टीका लगाया जा सकता है. इसका एक मकसद देश में टीकाकरण बढ़ाना भी है.
इस्राएली स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया था, जिसने मंगलवार को अपनी सिफारिशें पेश कीं. पैनल ने सुझाव दिया कि जिन लोगों को कोविड वैक्सीन का तीसरा टीका लगवाए हुए चार महीने हो चुके हैं, उन्हें चौथा टीका लगाया जाए. हालांकि, इन सिफारिशों को लागू किया जाना अभी बाकी है.
पांचवीं लहर से निपटने के लिए
इस्राएल में ज्यादा से ज्यादा लोगों से टीका लगवाने की अपील करने वाले देश के प्रधानमंत्री नफ्थाली बेनेट ने पैनल के सुझावों का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह शानदार खबर है, जिससे दुनियाभर में तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट से निबटने में मदद मिलेगी.
महामारी में भी जमकर बिक रहे हथियार
इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अध्ययन के मुताबिक कोविड-19 महामारी वैश्विक हथियारों की बिक्री को धीमा नहीं कर पाई है.
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महामारी के बीच जारी है हथियारों की दौड़
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की सौ सबसे बड़ी हथियार कंपनियों ने 531 अरब डॉलर मूल्य के हथियार बेचे हैं. महामारी के बावजूद दुनिया में हथियारों की बिक्री में वृद्धि जारी है.
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हथियारों पर भारी खर्च
साल 2020 में दुनिया भर के देशों में कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण माल की मांग में कमी आई और बाजार मंदा रहा है लेकिन एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें व्यवसाय फलता-फूलता रहता है. यह हथियार निर्माण और बिक्री का क्षेत्र है. 2019 के मुकाबले हथियार का बाजार 1.3 प्रतिशत विस्तार किया.
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फलता-फूलता बाजार
सिपरी की शोधकर्ता एलेक्जेंड्रा मार्कस्टाइनर ने डीडब्ल्यू को बताया कि 2020 कोरोना महामारी का पहला पूर्ण वर्ष था और सबसे आश्चर्यजनक बात यह थी कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.1 प्रतिशत की कमी आई लेकिन महामारी के दौरान हथियारों और गोला-बारूद का व्यापार भी फला-फूला.
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बड़ा कारोबार
पिछले साल 100 सबसे बड़ी हथियार कंपनियों ने कुल 531 अरब डॉलर के हथियार या फिर उससे जुड़ी सेवाएं बेची. यह मूल्य बेल्जियम के आर्थिक उत्पादन से भी अधिक है.
अमेरिका ने हथियारों के उत्पादन और हथियारों की बिक्री दोनों में दुनिया का नेतृत्व करना जारी रखा है. वैश्विक स्तर पर शीर्ष 100 हथियार कंपनियों में से 41 अमेरिकी हैं. उनकी हथियारों की बिक्री 2020 में 285 अरब डॉलर थी, जिसमें साल दर साल 1.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
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हथियार कंपनियों का प्रभाव
बॉन इंटरनेशनल सेंटर फॉर कॉन्फ्लिक्ट स्टडीज के एक राजनीतिक जानकार मारकुस बेयर का कहना है कि हथियार कंपनियां कुछ मामलों में अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करने से नहीं कतराती हैं. उन्होंने एक अमेरिकी गैर-सरकारी संगठन ओपन सीक्रेट की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि हथियार कंपनियां अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए अरबों डॉलर खर्च करती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/I. Langsdon
भारत भी पीछे नहीं
फ्रैंकफर्ट में थिंक टैंक पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की हथियार नियंत्रण विशेषज्ञ सिमोन वेसोत्स्की ने भारत का हवाला देते हुए कहा कि हथियारों की दौड़ में वैश्विक दक्षिण कंपनियों का महत्व बढ़ गया है. वेसोत्स्की के मुताबिक 100 सबसे बड़ी हथियार कंपनियों में भारत की तीन कंपनियां शामिल हैं. उनकी बिक्री कुल बिक्री का 1.2 प्रतिशत है, जो दक्षिण कोरियाई कंपनियों के बराबर है.
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पैनल ने यह सुझाव भी दिया है कि दूसरे और तीसरे टीके के बीच में मौजूदा पांच महीने का अंतर घटाकर तीन महीने कर दिया जाना चाहिए. पैनल के बयान में कहा गया है कि ये उपाय कोरोना की पांचवीं लहर से निबटने में कारगर सिद्ध होंगे. हालांकि, विशेषज्ञों ने जिस डेटा के आधार पर ये सुझाव दिए हैं, उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है.
इस्राएल के आर्मी रेडियो से बात करते हुए पैनल के एक डॉक्टर आर्नन शाउर ने बताया, "हम ओमिक्रॉन संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा कम होते देख रहे हैं. इस लहर में संक्रमण के मामले आश्चर्यजनक तरीके से बढ़ रहे हैं. पैनल के 80% से ज्यादा सदस्यों ने इन उपायों का समर्थन किया है."
ये सिफारिशें स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक नाषमन ऐश की मंजूरी के बाद ही लागू होंगी. मंत्रालय ने अभी तक इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है.
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ओमिक्रॉन को लेकर तेजी
बाकी दुनिया के मुकाबले इस्राएल में टीकाकरण अभियान बड़ी तेजी से शुरू हुआ था, लेकिन एक वक्त के बाद इसकी रफ्तार धीमी पड़ गई. स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें, तो करीब 94 लाख की आबादी वाले इस्राएल में अब तक 62% लोगों को कोविड के दोनों टीके लग चुके हैं.
ओमिक्रॉन वेरिएंट की रोकथाम के लिए बेनेट सरकार ने तेजी दिखाते हुए 25 नवंबर को ही इस्राएल में विदेशी लोगों के आने पर रोक लगा दी थी. सरकार ने अधिक खतरे वाले देशों की एक सूची जारी करते हुए लोगों ने वहां न जाने की अपील की थी. इस सप्ताह अमेरिका को भी इस सूची में शामिल कर दिया गया है.
बेहतर हेल्थ सिस्टम बनाने के लिए WHO की सात सिफारिशें
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था बनाने के लिए एक रिपोर्ट में सात सिफारिशें की हैं. महामारी से जूझ रही दुनिया को जिस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था की जरूरत है, उसे हासिल करने के लिए ये कदम उठाने होंगे.
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ये सात कदम उठाने होंगे
कोविड ने दुनिया में 49 लाख जानें ली हैं. भारत में चार लाख 53 हजार लोग मर चुके हैं. ऐसा फिर ना हो, इसके लिए ये सात कदम उठाने होंगे.
तस्वीर: ADNAN ABIDI/REUTERS
तैयारी
महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का फायदा उठाएं. भविष्य में ऐसे संकट से निपटने की तैयारी को और स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जाए.
तस्वीर: Avishek Das/Zuma/picture alliance
निवेश
जन स्वास्थ्य सेवा में निवेश किया जाए, खासकर उन क्षेत्रों में जो आपातकालीन संकटों से निपटने के लिए जरूरी हैं.
तस्वीर: Sakib Ali/Hindustan Times/imago images
प्राथमिक स्वास्थ्य
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत बनाया जाए. प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की नींव मजबूत की जाए.
तस्वीर: Himanshu Sharma/abaca/picture alliance
तंत्र
पूरे समाज को शामिल करने के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाने में निवेश किया जाए.
तस्वीर: Danish Siddiqui/REUTERS
शोध
शोध, खोज और अध्ययन का माहौल बनाया जाए और इन क्षेत्रों को बेहतर बनाने पर काम किया जाए.
सिर्फ घरेलू स्तर पर नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए निवेश किया जाए. जो खतरनाक क्षेत्र हैं, उनमें आपातकालीन संकट से निपटने की तैयारी के लिए निवेश हो.
तस्वीर: Sajjad Hussain/AFP/Getty Images
समीक्षा
आबादी के उन हिस्सों पर विशेष ध्यान दिया जाए जो कोविड के दौरान ज्यादा प्रभावित हुए. उन तबकों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में जो कमी रह गई, उसे दूर किया जाए.
तस्वीर: Danish Siddiqui/REUTERS
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मंगलवार को इस्राएल के एक अस्पताल ने ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से पहली मौत होने की बात कही थी. हालांकि, बाद में यह बयान बदल दिया गया और अस्पताल ने कहा कि लैब की आखिरी जांच में वह मरीज डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित पाया गया. सोरोका मेडिकल सेंटर ने कहा कि सोमवार को 60 साल के जिस मरीज की मौत हुई, वह पहले से कई समस्याओं से जूझ रहा था. उसे दो सप्ताह पहले कोविड वॉर्ड में भर्ती कराया गया था.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि मंगलवार तक इस्राएल में ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमण के कम से कम 340 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात की इजाजत दे दी है कि सरकारी दफ्तरों में आधे कर्मचारियों को ही बुलाया जाए. रक्षामंत्री बेनी गांत्स ने सेना के होमफ्रंट कमांड को एक दिन में संक्रमण के 5,000 मामले आने की स्थिति के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है.