अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन 2031 तक रिटायर हो जाएगा
३ फ़रवरी २०२२
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल रहे स्पेस स्टेशन को प्रशांत महासागर के दक्षिणी हिस्से में एक निर्जन इलाके में उतारा जाएगा. इस इलाके को पॉइंट नीमो कहा जाता है.
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 2031 तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन को अंतरिक्ष से हटा देने की जानकारी दी है. इस बारे में आधिकारिक योजना अमेरिकी संसद को भेज दी गई है. बरसों से अंतरिक्ष में शोध का केंद्र रहे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के ढांचे को अगले आठ-नौ साल में हटाए जाने की योजना है. इसके विशाल ढांचे को प्रशांत महासागर के एक निर्जन इलाके में उतारा जाएगा. इस इलाके को स्पेसक्राफ्ट सेमट्री यानी स्पेसक्राफ्ट की कब्रगाह नाम दिया गया है.
कैसे रिटायर होगा स्पेस स्टेशन
नासा का लक्ष्य है कि जनवरी 2031 तक स्पेस स्टेशन को दोबारा धरती के वातावरण में लाया जा सके. नासा के बजट अनुमानों से यह जानकारी मिलती है.
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन का मिशन कंट्रोल आखिरी हलचल से पहले इसकी ऊंचाई को कम करेगा ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यह दक्षिण प्रशांत महासागर के निर्जन इलाके में उतरे. इस इलाके को पॉइंट नीमो के नाम से भी जाना जाता है.
इस योजना के मुताबिक, स्पेस स्टेशन के संचालक धरती के वातावरण में लौट रहे स्टेशन के जलने की प्रक्रिया को नियंत्रित करेंगे. इससे स्टेशन को जितना संभव हो, उतना नीचे लाने की कोशिश की जाएगी ताकि वातावरण में यह सुरक्षित तरीके से दाखिल हो सके.
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल
स्पेस स्टेशन आठ किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से घूमता है और हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगा लेता है. यह धरती की सतह से करीब 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर संचालित होता है. अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन को पांच स्पेस एजेंसियां चलाती हैं और इस प्रक्रिया में 15 देश शामिल हैं. यह दशकों से अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल रहा है.
स्पेस स्टेशन का पहला मॉड्यूल धरती की कक्षा में नवंबर 1998 को भेजा गया था. इसके तीन साल बाद पहले क्रू ने वहां रहना शुरू कर दिया. तब से स्पेस स्टेशन ने वैज्ञानिक शोध के लिए एक केंद्र की तरह काम किया है. अब यहां हर समय तीन से छह अंतरिक्ष यात्रियों का एक क्रू रहता है, जिसके सदस्य कुछ समय बाद बदलते रहते हैं.
क्या अंतरिक्ष में शराब पी जा सकती है?
अंतरिक्ष में जीवन कैसा होता है? वहां लोग सूसू-पॉटी कैसे जाते हैं, सेक्स कैसे करते हैं, खाना कैसे खाते हैं जैसे सवाल सबके मन में उठते हैं. लीजिए सात ऐसे ही जरूरी सवालों के जवाब जानिए...
तस्वीर: Bruce Weaver/AFP/Getty Images
क्या अंतरिक्ष में शराब पी जा सकती है?
1975 में अंतरिक्षयात्रियों थॉमस स्टैफर्ड और डीक स्लेटन को वोडका ट्यूब दी गई थीं. लेकिन ट्यूब में वोडका शराब नहीं बल्कि इस ब्रैंड का चुकंदर का सूप था. अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर शराब पीने की मनाही है क्योंकि अल्कोहल में एथेनॉल होता है जो बहुत ज्वलनशील होता है और साज ओ सामान को खराब कर सकता है. अंतरिक्षयात्रि तो ऐसे माउथवॉश या आफ्टरशेव भी प्रयोग नहीं कर सकते, जिनमें अल्कोहल हो.
तस्वीर: NASA
क्या अंतरिक्ष में कभी कोई मरा है?
1967 में एक पायलट की मौत हुई थी, जिसे अंतरिक्ष में हुई पहली मौत माना गया क्योंकि उसका विमान 50 मील से अधिक की ऊंचाई पर उड़ रहा था. 1967 और 1971 में अंतरिक्षयान में सोवियत संघ के चार यात्री मारे गए थे. 1986 में चैलेंजर स्पेस शटल उड़ान भरने के मात्र 73 सेकंड बाद धमाके से फट गया और सभी सात यात्री मारे गए. 2003 में कोलंबिया स्पेस शटल में धरती पर लौटते हुए विस्फोट हुआ और सात यात्री मारे गए.
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बिना गुरुत्वाकर्षण नंबर दो कैसे संभव होता है?
अंतरिक्ष यात्रियों की टॉयलेट सीट वैक्यूम जैसी होती है. जैसे ही उस पर बैठो, सोखना शुरू कर देती है. वैसे, अंतरिक्ष में पेशाब को रीसाइकल कर पीने का पानी बनाया जाता है.
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क्या अंतरिक्ष यात्री जल्दी मर जाते हैं?
गुरुत्वहीनता में रहने का शरीर पर असर तो पड़ता है. सिर में द्रव्य बनते हैं और करीब एक लीटर रक्त कम हो जाता है. इसलिए धरती पर लौटने के बाद यात्री अक्सर पीले नजर आते हैं. लेकिन वैज्ञानिकों को अभी भी यह नहीं पता कि लंबी अवधि में अंतरिक्ष यात्रा का शरीर पर कितना असर होता है.
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कैसे सोते हैं अंतरिक्ष यात्री?
गुरुत्वहीनता के कारण बिस्तर में लेटना संभव नहीं है इसलिए यात्री स्लीपिंग बैग इस्तेमाल करते हैं, जो छोटे से केबिन में दीवार से चिपकाया गया होता है. चिपकाया इसलिए जाता है ताकि यह इधर उधर ना तैरे और कहीं टकरा ना जाए.
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कितना पैसा कमाते हैं अंतरिक्ष यात्री?
1969 में अपोलो 11 फ्लाइट में गए तीन यात्रियों में से नील आर्मस्ट्रॉन्ग को सबसे ज्यादा धन मिला था. 27,401 डॉलर यानी आज के हिसाब से लगभग 2,09,122 डॉलर. आज अंतरिक्ष यात्रियों को अपने कौशल और अनुभव के आधार पर 66,000 से एक लाख 60 हजार डॉलर (भारतीय रुपयों में 50 लाख से डेढ़ करोड़ के बीच) मिलते हैं.
तस्वीर: NASA
स्पेस में सेक्स का मन करे तो?
अंतरिक्ष में सेक्स करना पृथ्वी से काफी अलग तरह का अनुभव होता है. यौन इच्छा तो हो सकती है लेकिन हर 90 मिनट में आपकी आंतरिक घड़ी की लय बदल जाती है और उससे सब कुछ बदल जाता है, जिसमें आपके सेक्स हॉरमोन भी शामिल हैं और संभवतः आपकी कामेच्छा भी.
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व्यवसायिक स्पेस स्टेशन
नासा ने आईएसएस की रिटायरमेंट को व्यावसायिक सेवाओं की ओर उठाया कदम बताया है. एक बयान में नासा ने कहा, "एक या उससे ज्यादा व्यावसायिक स्वामित्व और संचालन" वाले स्पेस स्टेशन इसकी जगह ले सकते हैं.
अंतरिक्ष में 12 दिन बिताकर लौटे जापानी अरबपति ने क्या बताया
46 साल के यूसाकु माइजावा पिछले साल 8 दिसंबर को रूसी सोयुज स्पेसक्राफ्ट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए थे. 2009 के बाद से वह अपने पैसों से अंतरिक्ष में घूमने जाने वाले पहले शख्स हैं.
तस्वीर: Sergei Savostyanov/TASS/dpa/picture alliance
अंतरिक्ष जाकर धरती के लिए बढ़ गया जुनून
जापानी अरबपति यूसाकु माइजावा 12 दिनों की अंतरिक्ष यात्रा से लौटकर जब वापस अपने देश पहुंचे, तो सबसे पहले उन्होंने धरती की तारीफ की. माइजावा ने कहा, "अंतरिक्ष में जाकर धरती के प्रति आपका जुनून और बढ़ जाता है. यहां की हवा, महक और मौसमों के प्रति आप कृतज्ञ महसूस करते हैं."
तस्वीर: Sergei Savostyanov/TASS/dpa/picture alliance
यूट्यूब पर लाखों लोगों ने देखी अंतरिक्ष यात्रा
स्पेस स्टेशन में यूसाकु ने विमान से अपनी गतिविधियों के वीडियो बनाकर यूट्यूब चैनल पर डाले. ऐसे तमाम वीडियो में लाखों लोगों ने देखा कि अंतरिक्ष में रहते हुए बालों में शैंपू कैसे किया जाता है, अंतरिक्षयात्री दांत कैसे साफ करते हैं और यहां तक कि टॉयलेट का इस्तेमाल कैसे करते हैं.
तस्वीर: Shamil Zhumatov/REUTERS
'लगा जैसे बुलेट ट्रेन चलने लगी हो'
माइजावा ने जीरो ग्रैविटी में होने वाली दिक्कतों के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में सोना मुश्किल होता है, क्योंकि आपके शरीर को हवा में तैरने से रोकने का कोई तरीका नहीं होता है. माइजावा ने बताया, "लॉन्च के वक्त मैं खुश था. वह इतना शांत था कि मुझे लगा जैसे कोई बुलेट ट्रेन चली हो. खिड़की से झांकने पर लॉन्च का अहसास हुआ."
तस्वीर: NASA/Roscosmos/Reuters
कौन हैं माइजावा
यूसाकु जापानी कंपनी 'स्टार्ट टुडे' के मालिक हैं. इसके तहत माइजावा ने 2004 में जोजोटाउन नाम की फैशन वेबसाइट शुरू की, जो आज जापान का सबसे बड़ा फैशन ऑनलाइन मॉल है. माइजावा 'फ्री-व्हीलिंग स्टाइल' शैली में कारोबार करते हैं जिसका मतलब है बदलते बाजार में पैदा होने वाले नए अवसरों को तेजी से भुनाना.
तस्वीर: Sergei Savostyanov/dpa/TASS/picture alliance
आगे क्या करने वाले हैं
आसमान की ऊंचाइयां छूनेवाले यूसाकु की योजना मारियाना ट्रेंच की गहराइयों में जाने की भी है. यह धरती पर समंदर वह सबसे गहरा इलाका है. 2023 में माइजावा की चांद पर जाने की योजना है. वह एलान मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के विमान से आठ लोगों को साथ लेकर चांद पर जाएंगे. इसके लिए वह करार भी कर चुके हैं.
तस्वीर: Space Adventures/dpa/TASS/picture alliance
कितना पैसा खर्च हुआ
माइजावा आर्ट कलेक्टर भी हैं और फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को डेटिंग करने के लिए भी जाने जाते हैं. उन्होंने अपनी अंतरिक्ष यात्रा में हुए खर्च की जानकारी नहीं दी है. चांद पर जाने की योजना में होने वाले खर्च के बारे में भी उन्होंने कुछ नहीं बताया है.
तस्वीर: Pavel Kassin/Roscosmos Space Agency via AP/picture alliance
क्या है इस यात्रा का मकसद
जहां आलोचक इसे 'विलासिता' बताते हैं, वहीं माइजावा अपनी यात्राओं का मकसद विश्व शांति बताते हैं. वह कहते हैं, "अगर वैश्विक नेता अंतरिक्ष जाकर धरती को देख पाएं, तो वे इसकी खूबसूरती का अहसास कर पाएंगे और तब शायद उन्हें मिलकर काम करने की अहमियत समझ में आए."
तस्वीर: Shamil Zhumatov/REUTERS
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नासा की व्यावसायिक स्पेस यात्रा के प्रमुख फिल मैकएलिस्टर ने कहा कि नासा की मदद से धरती की निचली कक्षा को विकसित और संचालित करने के लिए "निजी क्षेत्र तकनीकी और आर्थिक तौर सक्षम है." उन्होंने कहा हम अपनी जानकारी और अनुभव निजी क्षेत्र के साथ बांटेंगे. उनकी मदद करेंगे ताकि वे अंतरिक्ष में सुरक्षित, भरोसेमंद और कम लागत में जगहें विकसित कर पाएं.
रिपोर्ट- आदित्य शर्मा
पहली बार स्पेस में फिल्म की शूटिंग
रूस ने एक बार फिर अंतरिक्ष के मामले में अमेरिका से बाजी मार ली है. अंतरिक्ष में शूट होने वाली पहली फिल्म के लिए एक्टर और निर्देशक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच गई हैं.
यूलिया पेरेसिल्ड इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंच चुकी हैं. वह कोई वैज्ञानिक नहीं हैं कि शोध करने गई हों.. और टूरिस्ट भी नहीं हैं कि घूमने गई हों.
तस्वीर: Sergei Savostyanov/TASS/dpa/picture alliance
पहली फिल्म की शूटिंग
यूलिया पेरेसिल्ड एक एक्टर हैं. रूसी फिल्म एक्टर अंतरिक्ष में शूट होने वाली दुनिया की पहली फिल्म की शूटिंग के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंची हैं.
तस्वीर: Ramil Sitdikov/POOL/TASS/picture alliance
डायरेक्टर भी साथ
पेरसिल्ड ने 5 अक्टूबर दोपहर 1.55 पर रूस के सोयूज एमएस-19 रॉकेट में उड़ान भरी जिसकी जिम्मेदारी कॉस्मोनॉट एंटन श्कापलेरोव के हाथ में थी. इस रॉकेट में तीसरा व्यक्ति क्लिम शिपेंको हैं जो इस फिल्म के डायरेक्टर हैं.
तस्वीर: Sergei Savostyanov/TASS/dpa/picture alliance
चुनौती है फिल्म
पेरेसिल्ड और क्लिमेंको जिस फिल्म की शूटिंग के लिए स्पेस गए हैं, उसका नाम है- चैलेंज. फिल्म में पेरेसिल्ड एक सर्जन की भूमिका में हैं, जो एक अंतरिक्ष यात्री की सर्जरी के लिए स्पेस पहुंचती है.
तस्वीर: Roscosmos/Handout/REUTERS
लंबी ट्रेनिंग
स्पेस में फिल्म बनाने वाली पहली एक्टर बनने पर 37 साल की पेरेसिल्ड ने जाने से पहले कहा कि इस रोल के लिए उन्हें खासी ट्रेनिंग करनी पड़ी है, जो शारीरिक और मनोवैज्ञानिक ही नहीं नैतिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण था.
चूंकि ज्यादा कलाकारों को स्पेस में नहीं ले जाया जा सकता था, इसलिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर मौजूद वैज्ञानिक ही फिल्म में एक्टिंग भी करेंगे.
तस्वीर: Dmitri Lovetsky/Roscosmos Space Agency via AP/picture alliance
भावुक हो गई बेटी
अपनी मां को उड़ान भरते देख पेरेसिल्ड की बेटी आना ने भरे हुए गले से मीडिया से कहा कि उन्हें अब तक यकीन नहीं हो रहा है कि उनकी मां अंतरिक्ष में जा रही हैं.