इस्तांबुल: गिरफ्तारी के बीच एलजीबीटी समुदाय की प्राइड परेड
२६ जून २०२३
तुर्की के इस्तांबुल में एलजीबीटीक्यू समुदाय द्वारा प्राइड परेड के निकालने के प्रयास के दौरान दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया.
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प्राइड परेड के आयोजकों ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान कम से कम 93 लोगों को गिरफ्तार किया गया. तुर्की में एमनेस्टी इंटरनेशनल के कार्यालय ने कहा कि पुलिस हिरासत में कम से कम एक व्यक्ति को सिर में चोट लगी है.
एलजीबीटीक्यू समुदाय के सदस्यों की ये ताजा गिरफ्तारियां राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन की दोबारा चुनाव में जीत के बाद हुई हैं. लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने के बाद एर्दोआन 2028 तक देश के शासक बन गए हैं.
एलजीबीटी पर राष्ट्रपति के कड़े तेवर
अपने चुनाव प्रचार के दौरान एर्दोआन ने कहा था कि एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों ने तुर्की के पारिवारिक मूल्यों को कमजोर किया है. वह और उनके प्रतिनिधि वर्षों से इस्तांबुल में प्राइड परेड को रोकने की कोशिश करते आए हैं.
इस्तांबुल प्रांत के गवर्नर दवुत गुल ने कार्यक्रम से पहले कहा कि वह "पारिवारिक जीवन के लिए खतरों" के बारे में चिंताओं का हवाला देते हुए रैली की अनुमति नहीं देंगे.
हालांकि इस्तांबुल एलजीबीटीक्यू और प्राइड वीक ने एक बयान में कहा, "हम नफरत और इनकार की इस नीति को स्वीकार नहीं करते हैं."
प्राइड मंथ से संबंधित कई अन्य कार्यक्रम जैसे पिकनिक और फिल्म स्क्रीनिंग पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया था.
रविवार को परेड शुरू होने से पहले इस्तांबुल पुलिस ने इसमें हिस्सा लेने आए लोगों को रैली करने से रोकने के लिए आंतरिक शहर के बड़े हिस्से की घेराबंदी कर दी.
मई में राष्ट्रपति एर्दोआन की सत्ता में वापसी के बाद से एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों को और दबाव की आशंका है. हालांकि समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक इस साल का प्राइड मार्च सड़क पर झड़प या पुलिस हिंसा के बिना समय से पहले शुरू और समाप्त हो गया.
एए/सीके (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)
कहां कहां अवैध है लिंग परिवर्तन
रूस की संसद ने लिंग परिवर्तन करने पर प्रतिबंध का प्रस्ताव पेश किया है. ऐसे कई देश हैं, जहां लिंग परिवर्तन अवैध है और ऐसा करने पर सजा का भी प्रावधान है.
तस्वीर: Subrata Goswami/DW
अमेरिका
अमेरिका में लिंग परिवर्तन एक विवादास्पद मुद्दा है. कई राज्यों में ऐसी सर्जरी अवैध है. जून में ही टेक्सस ने अवयस्कों के लिए लिंग परिवर्तन सेवा उपलब्ध कराने पर प्रतिबंध लगाया. करीब एक दर्जन राज्यों में ऐसे प्रतिबंध लागू हैं.
तस्वीर: Spencer Platt/Getty Images
पाकिस्तान
पाकिस्तानी न्यायपालिका ने इसी साल मई में एक फैसला दिया कि ट्रांसजेंडर लोगों को मिली कानूनी सुरक्षा इस्लामिक दृष्टि से अवैध है, इसलिए लागू नहीं होती. हालांकि पाकिस्तान में लोग अपने आपको थर्ड जेंडर के रूप में रजिस्टर करा सकते हैं. 2009 में पाकिस्तान ऐसा करने वाला पहला दक्षिण एशियाई देश बना था. उसके बाद 2014 में भारत ने भी ऐसा ही किया.
तस्वीर: Betsy Joles/Getty Images
स्वीडन
लैंगिक अधिकारों के मामले में सबसे उदारवादी देशों में से एक स्वीडन ने 1972 में ही लिंग परिवर्तन को कानूनन मान्य कर दिया था. लेकिन पिछले साल बच्चों के लिए उपलब्ध कुछ हॉर्मोन थेरेपी पर पाबंदियां लगनी शुरू हुईं. इसकी वजह ‘मांग में बहुत ज्यादा वृद्धि के कारण सावधानी’ को बताया गया. वहां लड़कियों के लिए स्तन हटवाना भी अवैध है.
समलैंगिक अधिकारों के मामले में फिनलैंड को दुनिया के सबसे आधुनिक और उदार देशों में गिना जाता है. लेकिन 2020 में फिनलैंड ने अवयस्कों के लिए हॉर्मोन थेरेपी पर रोक लगा दी थी.
तस्वीर: Peter Endig/ZB/picture alliance
हंगरी
हंगरी में दक्षिणपंथी नेता विक्टर ओर्बन की सरकार आने के बाद से लिंगभेद को लेकर रवैया काफी अनुदार हुआ है. मई 2020 में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए पहचान पत्र पर अपना नाम और लिंग बदलना असंभव कर दिया गया.
तस्वीर: Frank Hoermann/Sven Simon/IMAGO
अर्जेन्टीना
ट्रांसजेंडर अधिकारों को लेकर अर्जेन्टीना ने काफी तरक्कीपसंद रवैया बरता है. 2012 में ही वहां पहचान पत्रों पर लिंग बदलना आसान किया गया. कई दक्षिण अमेरिकी देशों ने भी ऐसा ही किया है.
2014 में डेनमार्क यूरोप का पहला देश बना था, जहां वयस्कों को लिंग परिवर्तन के लिए बिना किसी जांच के अर्जी देने का अधिकार दिया गया. उसके बाद माल्टा, आयरलैंड, नॉर्वे, बेल्जियम और पुर्तगाल ने भी ऐसा ही किया.
इसी साल फरवरी में संसद ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसके तहत 16 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति को पहचान पत्र में लिंग परिवर्तन की इजाजत दी गई. 14 वर्ष से अधिक आयु के लोग अपने अभिभावकों की सहमति से ऐसा कर सकते हैं. अब जर्मनी भी ऐसा ही करने जा रहा है.
तस्वीर: Susana Vera/REUTERS
फ्रांस
फ्रांस में लोग बिना लिंग परिवर्तन कराए भी पहचान पत्र पर अपना लिंग बदल सकते हैं. इसके लिए उन्हें सर्जरी कराने की जरूरत नहीं है लेकिन कोर्ट से इजाजत लेनी होती है.