260 की स्पीड पर वीडियो बनाने वाला मैनेजर मुश्किल में
२४ अगस्त २०२५
इटली के मिलान शहर के पास लोडी नामका एक कस्बा है. इस कस्बे में पानी की सप्लाई करने वाली एक कंपनी है और अब इसी कंपनी के 48 साल के मैनेजिंग डॉयरेक्टर को अब पद से हटाने की जोरदार मांग हो रही है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि एमडी ने जर्मन ऑटोबॉन पर "खतरनाक व्यवहार" कर, दूसरे लोगों की जान जोखिम में डाली. साथ ही युवाओं को तेज रफ्तार से गाड़ी भगाने के लिए भी प्रेरित किया.
यह सारा मामला, सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो से शुरू हुआ. वीडियो में मैनेजिंग डायरेक्टर ने जर्मनी के ऑटोबॉन (एक्सप्रेस वे) पर 260 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से कार चलाते दिख रहे हैं. वीडियो में कार का स्पीडोमीटर तेजी से 200 से 260 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार छूता दिख रहा है. पोर्शे एसयूवी चला रहे एमडी ने यह वीडियो अपने इंस्टाग्राम और फेसबुक पर पोस्ट किया.
इसी वीडियो के वायरल होने के बाद लोडी की दक्षिणपंथी, लेगा पार्टी के सचिव ने कहा कि इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. इतनी तेज रफ्तार में गाड़ी चलाते हुए वीडियो बनाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए पार्टी ने कहा, "ऐसा गंभीर अपराध करने वाला सार्वजनिक दफ्तर के योग्य नहीं हो सकता."
एमडी ने अपना बचाव करते हुए इटैलियन अखबारों से कहा, "15 अगस्त को मैं जर्मन ऑटोबॉन पर था. वहां कोई स्पीड लिमिट नहीं है." विवाद शुरू होने के बाद एमडी ने सोशल मीडिया से यह वीडियो भी डिलीट कर दिया.
जर्मनी में ऑटोबॉनों पर कई हिस्सों में कोई स्पीड लिमिट नहीं है, यानी लोग गाड़ी जितनी तेज चलाना चाहें, चला सकते हैं. लेकिन ड्राइव करते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना कानूनन प्रतिबंधित है. इसके दोषी को जुर्माना और ड्राइविंग लाइसेंस पर दंडात्मक प्वाइंट्स झेलने पड़ते हैं. इसके साथ ही सड़क पर दूसरों की जान खतरे में डालने वाली ड्राइविंग के दोषी का लाइसेंस जब्त किया जा सकता है. ऐसे ही नियम इटली में भी हैं.