ब्लिंकेन द्वारा भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर टिप्पणी के दो दिनों बाद जयशंकर ने भी पलट कर अमेरिका के हालात पर टिप्पणी की है. जयशंकर के बयान को न्यूयॉर्क में सिख समुदाय के दो लोगों पर हमले से जोड़ कर देखा जा रहा है.
एस जयशंकरतस्वीर: William West/AFP/Getty Images
विज्ञापन
ब्लिंकेन ने 11 अप्रैल को वॉशिंगटन में जयशंकर की मौजूदगी में कहा था कि अमेरिका भारत में मानवाधिकारों के मोर्चे पर कुछ "चिंताजनक घटनाओं" पर नजर बनाए हुए है. उस दिन जयशंकर ने जवाब में कुछ नहीं कहा था, लेकिन 14 अप्रैल को उन्होंने पलटवार करते हुए एक बयान दिया.
जयशंकर ने एक प्रेस वार्ता में बताया, "लोगों को हमारे बारे में राय रखने का अधिकार है. हमें भी उतना ही अधिकार है कि उनकी राय, उसके पीछे के हित और उसे बनाने वाली लॉबियों और वोट बैंक पर अपनी राय रखें. तो इस पर जब भी कभी चर्चा होगी, मैं आपको बता सकता हूं कि हम अपनी पूरी बात रखेंगे."
उन्होंने बताया कि भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता के तहत हुई दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठक में मानवाधिकारों पर चर्चा नहीं हुई.
ब्लिंकेन के मानवाधिकारों के मोर्चे पर भारत को कड़ा संदेश दिया थातस्वीर: Jonathan Ernst/Pool Photo via AP/picture alliance
जयशंकर ने आगे कहा, "हम भी दूसरे देशों में मानवाधिकारों की स्थिति पर राय रखते हैं और इनमें अमेरिका भी शामिल है. जब भी इस देश में मानवाधिकार का कोई मुद्दा सामने आता है, हम उसे उठाते हैं, विशेष रूप से जब वो हमारे समुदाय का हो. बल्कि, कल ही ऐसा एक मामला सामने आया था...हमारा इस विषय पर यही रुख है."
माना जा रहा है कि वो 12 अप्रैल को न्यूयॉर्क में हुई एक कथित नफरती अपराध की बात कर रहे थे, जिसमें सुबह की सैर पर निकले सिख समुदाय के दो व्यक्तियों पर हमला किया गया. उसी जगह पर करीब 10 दिनों पहले एक और सिख व्यक्ति पर हमला किया गया था.
ब्लिंकेन और अमेरिकी विदेश मंत्रालय इससे पहले भी भारत में मानवाधिकारों की स्थिति को उठा चुके हैं. मानवाधिकारों पर मंत्रालय की 2021 की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मानवाधिकारों के शोषण की भरोसेमंद रिपोर्ट आई हैं, जिनमें "सरकार या उसके एजेंटों द्वारा न्यायेतर हत्याएं भी शामिल हैं."
ब्लिंकेन खुद 2021 में जब अपनी पहली भारत यात्रा पर आए थे तब उन्होंने कुछ सिविल सोसाइटी संगठनों के सदस्यों के साथ एक मुलाकात में कहा था कि "आज लोकतंत्र और अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्रताओं पर दुनिया भर में खतरा बढ़ रहा है और ऐसे समय में यह बहुत जरूरी है कि दुनिया के दो अग्रणी लोकतंत्र (भारत और अमेरिका) इन आदर्शों के समर्थन में एक साथ खड़े रहें."
खराब होते मानवाधिकारों पर कार्रवाई की मांग
संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों की सबसे खराब वैश्विक गिरावट के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने चीन, रूस और इथियोपिया समेत अन्य देशों की स्थिति पर प्रकाश डाला.
तस्वीर: Ahmad al-Rubaye/Getty Images/AFP
अधिकारों का हनन
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने कहा, "हमारे जीवनकाल में मानवाधिकारों के सबसे व्यापक और गंभीर झटकों से उबरने के लिए हमें एक जीवन बदलने वाली दृष्टि और ठोस कार्रवाई की जरूरत है." मानवाधिकार परिषद के 47वें सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने टिग्रे में साढ़े तीन लाख लोगों के सामने भुखमरी के संकट पर चिंता जताई.
तस्वीर: Fabrice Coffrini/AFP/Getty Images
'एनकाउंटर और यौन हिंसा'
मिशेल बैचलेट ने अपने संबोधन में, "न्यायेतर फांसी की सजा, मनमाने तरीके से गिरफ्तारी और हिरासत, बच्चों के साथ-साथ वयस्कों के खिलाफ यौन हिंसा" की ओर इशारा किया और कहा कि उनके पास "विश्वसनीय रिपोर्ट" है कि इरिट्रिया के सैनिक अभी भी इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AA/M. Yalcin
इथियोपिया में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा
इथियोपिया जहां हाल में ही चुनाव हुए हैं, वहां "घातक जातीय और अंतर-सांप्रदायिक हिंसा और विस्थापन की खतरनाक घटनाएं" देखने को मिल रही हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारों की उच्चायुक्त का कहना है कि "सैन्य बलों की मौजूदा तैनाती एक स्थायी समाधान नहीं है."
तस्वीर: Eduardo Soteras/AFP/Getty Images
मोजाम्बिक में जिहादी हिंसा
उत्तरी मोजाम्बिक में जिहादी हिंसा में तेजी से उछाल आया है. यहां हिंसा के कारण खाद्य असुरक्षा बढ़ी है. और करीब आठ लाख लोग, जिनमें 3,64,000 बच्चे शामिल हैं, उन्हें अपने घरों से भागना पड़ा है.
तस्वीर: Roberto Paquete/DW
हांग कांग की चिंता
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख ने हांग कांग में पेश किए गए व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के "डरावने प्रभाव" की ओर भी इशारा किया. यह कानून 1 जुलाई 2020 से प्रभावी है. इस कानून के तहत बीजिंग के आलोचकों पर कार्रवाई की जा रही है. इस कानून के तहत 107 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 57 को औपचारिक रूप से आरोपित किया गया है.
तस्वीर: Vincent Yu/AP Photo/picture alliance
शिनजियांग में मानवाधिकार उल्लंघन
बैचलेट ने चीन के शिनजियांग प्रांत में "गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन की रिपोर्ट" का उल्लेख किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन उन्हें इस प्रांत का दौरा करने की अनुमति देगा और गंभीर उत्पीड़न की रिपोर्टों की जांच करने में मदद करेगा.
तस्वीर: Mathias Bölinger/DW
रूस पर प्रतिक्रिया
बैचलेट ने क्रेमलिन द्वारा राजनीतिक विचारों का विरोध करने और सितंबर के चुनावों में भागीदारी तक पहुंच को कम करने के हालिया उपायों की भी आलोचना की. क्रेमलिन आलोचक अलेक्सी नावाल्नी के आंदोलन को खत्म करने की कोशिश पर भी यूएन ने चिंता जाहिर की.