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अंतरिक्ष के अभूतपूर्व नजारे दिखाने आ रही है नई दूरबीन

५ नवम्बर २०२१

जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरबीन के लॉन्च होने के साथ हमें कई सारे सवालों के जवाब मिल सकते हैं. "प्रारंभिक ब्रह्मांड कैसा दिखता था?" ये सवाल भी उनमें से एक है.

ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में नई जानकारी की उम्मीदतस्वीर: NASA/abaca/picture alliance

कल्पना कीजिए कि आप अपने पुराने फैमिली अल्बम को पलट रहे हैं. आप पीछे से शुरू करते हैं. अपने चौथे जन्मदिन से आप प्लैनेट पिनाटा पार्टी की तस्वीरों तक पहुंचते हैं और आप में से कुछ उस समय बच्चे ही हैं. लेकिन तभी आप महसूस करते हैं कि इससे पहले की कोई तस्वीर ही नहीं है. आपके जीवन की तस्वीरें तभी से उतारी गई हैं जबसे आप शैशव से बाहर निकले थे.     

तभी कोई आता है और आपकी शैशव काल की कुछ पुरानी तस्वीरें दिखाने की पेशकश करता है. शायद आपका उन्हें देखने का मन हो.

अब कल्पना कीजिए कि समूचे ब्रह्मांड की ऐसी तस्वीरें देखने का मौका आपको मिल जाता है. नई और आकर्षक जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरबीन ठीक यही कर रही है. 28 दिसंबर 2021 को इसे लॉन्च किया जाना है. ये दूरबीन ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को पूरी तरह बदल कर रख सकती है.

दूरबीनों की मदद से हम दूरस्थ पिंडों को देख सकते हैं. ज्यादातर दूरबीनें प्रकाश को जमा करने और उसे फोकस करने के लिए आईनों का इस्तेमाल करती हैं. जितना बड़ा शीशा होगा, दूरबीन भी उतनी शक्तिशाली होगी. आप उन्हें पहाड़ों पर और रेगिस्तानों में देख सकते हैं और उपग्रहों के ऊपर भी वे लगी रहती हैं. अंतरिक्ष में होने का मतलब ये है कि धरती के वायुमंडल से किसी किस्म का अवरोध नहीं रहता है. इसके चलते बिल्कुल साफ और हाई रिजोल्युशन वाली छवियां मिलती हैं.

टेलिस्कोप से ली गई चांद की तस्वीरतस्वीर: NASA, NASA-JPL/University of Arizona

लेकिन अंतरिक्ष दूरबीनें अहम क्यों हैं, और हमें इसकी परवाह क्यों होनी चाहिए? हबल अंतरिक्ष दूरबीन की उपलब्धियां शायद हमें कुछ विश्वास करने लायक वजहें दे सकती हैं. इसके अलावा, हबल के बारे में बात किए बिना, जेम्स वेब के बारे में बात करना कठिन होगा.

हबल की विरासत

हम में से बहुत से लोगों के लिए हबल दूरबीन, अंतरिक्ष की हमारी खिड़की की तरह थी. उसके जरिए हमने देखा कि ब्रह्मांड कितना अविश्वसनीय तौर पर विशाल, जगमगाता और कभी कभार विचित्र और डरावना भी हो सकता है. हमें विभिन्न किस्मों और आकारों की आकाशगंगाएं और गैस के बादलों की स्तब्ध करने वाली ऐसी रंगीन तस्वीरें हासिल हुईं जिन्हें देखकर हमें पशुओं और अन्य छवियों की याद आई.

लेकिन हबल ने हमें सिर्फ तस्वीरें ही नहीं दी, और भी बहुत कुछ दिया. हमें ब्रह्मांड की उम्र का एक बेहतर अंदाजा मिल पाया, करीब 13.8 अरब वर्ष. हबल के जरिए ही इस बात की पुष्टि हुई कि ब्रह्मांड एक त्वरित दर से फैल रहा है जबकि बहुत से वैज्ञानिक पहले ऐसा नहीं मानते थे.

हबल अंतरिक्ष दूरबीन

फोटो अल्बम में लौटते हैं. गहरे उतर कर खींची गई हबल की तस्वीरों ने हमें अरबों प्रकाश वर्ष दूर, ब्रह्मांड के सबसे पुराने और दूरस्थ स्थित पिंडों की अभूतपूर्व छवियां मुहैया कराई हैं. क्योंकि प्रकाश को लंबी दूरियां तय करने में समय लगता है, हम बहुत दूर स्थित पिंडों को उनकी अरबों साल पहले की स्थिति में देख रहे होते हैं. हबल की मदद से हम ब्रह्मांड की शैशवावस्था की तस्वीरों तक ही जा सकते थे. यानी महाविस्फोट के बाद करीब 40 करोड़ साल पहले.

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अगर हबल के जरिए हमने ये हासिल किया तो अब तक की सबसे बड़ी और सबसे जटिल और सबसे विस्तृत नई जेम्स वेब दूरबीन के जरिए हम कितनी ही निराली नई चीजें देख और सीख सकते हैं. 

ब्रह्मांड की शिशु तस्वीरें

जेम्स वेब की मौलिक लॉन्च की तारीख को करीब 20 साल हो चुके हैं. दूरबीन को पूरा करने के लिए बहुत सारे तकनीकी प्रगति और यहां तक कि नये आविष्कारों की जरूरत थी. प्रोजेक्ट के समक्ष कई चुनौतियां और देरियां आई लेकिन अब ये तैयार है और इंतजार भी बेकार नहीं गया. ऐसा क्यों? आइए जानते हैं.

वेब दूरबीन में अंतरिक्ष में जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा प्राथमिक आईना लगा है. 18 स्वर्ण-जड़ित षट्कोणीय छोटे दर्पण लगे हैं, और ये हबल से छह गुना से ज्यादा आकार के हैं. लेकिन इससे बारीक चीजों को पकड़ पाने की खूबी में सुधार आया है और वो इंफ्रारेड प्रकाश में भी देख सकती है. जबकि हबल दूरबीन मुख्यतः दृष्टिगोचर प्रकाश को ही देख पाती है, जैसे कि हम लोग.

सभी गर्म पिंड, इंफ्रारेड विकिरण उत्सर्जित करते हैं. मैं और आप भी. इंफ्रारेड प्रकाश का इस्तेमाल टीवी रिमोटों, नाइट विजन कैमरों और मौसमी उपग्रहों में भी किया जाता है. इंफ्रारेड प्रकाश में देख सकने का अर्थ ये है कि वेब ज्यादा दूर की और ज्यादा पुरानी चीजों को भी देख सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि, और आंशिक रूप से हबल का शुक्रिया, कि हम ये जानते हैं कि ये ऑब्जेक्ट हमसे जितना दूर होंगे, उतना ज्यादा उनका प्रकाश इंफ्रारेड की ओर मुड़ेगा. पिछली खोजों के आधार पर नयी चीजों की तलाश, विज्ञान यही है.

कई बार टला है जेम्स वेब टेलिस्कोप का लॉन्चतस्वीर: picture-alliance/dpa/NASA

अगर हम बहुत प्रारंभिक तारों और गैलेक्सियों को देखना चाहते हैं, तो हमें उन्हें इंफ्रारेड रोशनी में देखने की जरूरत पड़ेगी. वेब दूरबीन पहली होगी जो दूरस्थ गैलेक्सियों को देख पाएगी और ये झलक दिखा पाएगी कि महाविस्फोट के 25 से 10 करोड़ साल पहले ब्रह्मांड कैसा दिखता था, यानी हमें ब्रह्मांड की पहली शिशु तस्वीरें ही नहीं संभवतः पहली आकाशगंगाओं की तस्वीरें भी मिल सकेंगीं.

इन बादलों में छोटे छोटे कण, दिखने वाले प्रकाश को रोकने में बहुत अच्छे हैं. हम अपनी आंखों से उनके पार नहीं देख सकते हैं, जैसे कि हम यहां किसी घने बादलों वाली रात में तारों-नक्षत्रों को नहीं देख सकते हैं. और हबल भी नहीं देख सकती है. लेकिन इंफ्रारेड प्रकाश पर काफी कम असर पड़ता है इसलिए जेम्स वेब दूरबीन के जरिए हम इन धूल के बादलों के पार जाकर न सिर्फ हम ये देख सकते हैं कि उनके पीछे क्या है बल्कि तारों और ग्रहों के गठन पर भी बेहतर निगाह डाल सकते हैं.

अंतरिक्ष दूरबीन की स्थापनाः एक अनूठी चुनौती

वेब का विशालकाय आकार एक बड़ी चुनौती पेश करता है. साढ़े छह मीटर (21 फुट) चौड़े दर्पण को अंतरिक्ष में भेजना आसान काम तो नहीं है, खासकर जब उसे ले जाने वाला रॉकेट अरियाने-5, पांच मीटर से ज्यादा चौड़ी किसी चीज को ले जाने में असमर्थ है.

इसलिए दूरबीन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वो एक विशालकाय हाईटेक अरबों डॉलर वाले ओरीगामी टुकड़े की तरह फोल्ड हो सके और रॉकेट में फिट की जा सके. इसके अलावा क्योंकि दूरबीन सिर्फ करीब परमशून्य तापमानों (-223 डिग्री सेल्सियस) पर ही काम कर सकती है, तो उसे टेनिस कोर्ट के आकार वाली पांच परतों की सनशील्ड की जरूरत भी है जो उसे धूप से बचाए रख सके. और वो सनशील्ड भी फोल्ड की जा सकने वाली होनी चाहिए और फिर एक बार जगह पर बैठ जाने के बाद अनफोल्ड भी हो सके. ये एक दूसरी पेचीदा इंजीनियरिंग समस्या है.

जेम्स वेब टेलिस्कोप की कक्षा

लॉन्च के फौरन बाद, दूरबीन अपनी जटिल और सुंदर मुद्रा में खुलने लगेगी. उसकी इस निराली धज को पूरा खुलने में तीन सप्ताह लग जाएंगे. इस दौरान धरती पर स्थित नियंत्रण टीम को वेब के पहले हिस्से दूर से ही खोलने होंगे, ये वो ऑपरेशन है जिसे बहुत बारीकी और टाइमिंग के साथ अंजाम देना होता है. हर चीज मुकम्मल ढंग से होनी चाहिए, लॉन्च की गहमागहमी और हंगामे के बाद भी. गलती की कोई गुंजायश नहीं है, क्योंकि दूरबीन का आखिरी गंतव्य धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है. अगर किसी चीज ने ठीक से काम नहीं किया या वो खराब हुई तो मरम्मत का कोई मौका नहीं मिलेगा.

वेब जैसी दूरबीनें हमें ब्रह्मांड के अनदेखे हिस्सों, अदृश्य छिपे हुए तारों और ग्रहों और नई दुनियाओं तक पहुंच हासिल कराती हैं. और हमें नयी खोजों के मौके भी मुहैया कराती हैं. गैलेक्सियों के गठन के साथ साथ सितारों और ग्रहों के जन्म और बहुत शुरुआती ब्रह्मांड का रंगरूप दिखाने के वादे के अलावा वेब मिशन दिलचस्प और निराली अंतर्दष्टि भी मुहैया करा सकता है. 

वेब दूरबीन निश्चित रूप से गहराई में उतरेगी और ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ, उसकी उत्पत्ति और प्रारंभिक दिनों को लेकर हमारी समझ को भी बदल सकती है. और कौन सी नई चीज़ें हम खोज पाएंगे? कौन सी नयी हैरानी भरी तस्वीरें अगली पीढ़ी के खगोलविदों और विज्ञान में रुचि रखने वालों को प्रेरित करेंगी? तो ये तारीख याद रखिए, 18 दिसंबर 2021, और इंतजार कीजिए कि सब कुछ अच्छे से हो जाए. क्योंकि यही वो दिन होगा जब ब्रह्मांड के बारे में हमारा नजरिया हमेशा के लिए बदल सकता है.

रिपोर्टः एस्तेबान पार्दो

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