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समाजजापान

जापान में लाखों लोग अकेला रहना क्यों पसंद कर रहे हैं

१२ अप्रैल २०२३

जापान सरकार के ताजा सर्वे के मुताबिक देश में करीब 15 लाख कामकाजी लोग वैरागी की तरह जीवन बिता रहे हैं. सर्वे में शामिल हर पांचवें शख्स ने कोरोना महामारी को इसका मुख्य कारण बताया.

जापान
जापानतस्वीर: AFP/B. Mehri

यह सर्वेक्षण "हिकिकोमोरी" या "शट-इन्स" के प्रसार की जापान की पहली आधिकारिक व्यापक जांच है. यह स्थिति किशोरावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक व्यापक रूप से समाज को प्रभावित कर रही है. देश के कुख्यात कंफर्मिस्ट और कार्य-केंद्रित समाज से लोगों के पीछे हटने के कारण में बेरोजगारी से लेकर अवसाद या स्कूल या दफ्तरों में उत्पीड़न तक शामिल हैं.

घर से ही नहीं निकलते लोग

कैबिनेट कार्यालय के सर्वेक्षण में कहा गया है कि हिकिकोमोरी में ऐसे लोग शामिल हैं जो केवल किराने का सामान खरीदने या शौक पूरा करने के लिए घरों से बाहर जाते हैं, या गंभीर मामलों में कुछ लोग शायद ही कभी घर से बाहर निकलते हैं.

सर्वे में यह पाया गया कि 15 से 64 वर्ष के बीच के लगभग दो प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कुछ हद तक समाज से किनारा कर लिया. इनकी संख्या करीब 14.6 लाख हैं.

इस सर्वे के मुताबिक उत्तरदाताओं ने कहा कि खुद को समाजसे अलग करने का कारण नौकरी छोड़ना था, इसके ठीक बाद कोविड महामारी आ गई थी, जिसे 15-39 आयु वर्ग के 18 प्रतिशत और 40-64 आयु वर्ग के 20 प्रतिशत लोगों द्वारा एकांत में रहने का मुख्य कारण बताया गया.

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जापानके कैबिनेट कार्यालय के अधिकारी कोजी नाइतो ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि कुछ लोग हिकिकोमोरी की हमारी परिभाषा पर खरे उतरते हैं क्योंकि उन्हें कोविड के दौरान बाहर जाने से हतोत्साहित किया गया और इस तरह से समाज से उनका जुड़ाव कम हो गया.

जापान के कैबिनेट कार्यालय के मुताबिक इस डेटा की तुलना करने के लिए पुराना कोई डेटा मौजूद नहीं है.

एए/वीके (एएफपी)

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