चांद पर उतरे जापान के यान ने एक बार फिर काम शुरू कर दिया है. चांद पर रात गुजारने के बाद भी उसका काम करते रहना वैज्ञानिकों के लिए हैरतभरी खुशी की खबर है.
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पिछले महीने चांद पर उतरे जापानी यान ने उस वक्त सबको हैरान कर दिया जब सोमवार को वह दोबारा काम शुरू कर दिया. चांद पर 15 दिन से रात चल रही थी और जैसे ही दिन निकला स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) ने फिर से काम शरू कर दिया.
जापानी यान स्लिम पिछले महीने चांद पर उतरा था. हालांकि उतरते वक्त यह टेढ़ा हो गया था जिसके कारण उसके सोलर पैनल उलटी दिशा में घूम गए थे. जब सूर्य की दिशा बदली तो सौर पैनलों ने काम करना शुरू किया और यान एक्टिवेट हो गया. जापानी अंतरिक्ष एजेंसी जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने बताया कि स्लिम ने दो दिन तक काम किया और अपने उच्च क्षमता वाले कैमरे से तस्वीरें लीं.
आधी सदी बाद चांद पर अमेरिका
आधी सदी बाद एक अमेरिकी यान आखिरकार चांद पर उतर गया है. ओडिसियस नाम के यान ने चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग की.
तस्वीर: Gregg Newton/AFP/Getty Images
ओडिसियस चांद पर
लगभग 55 साल बाद अमेरिका का एक यान चांद पर दोबारा उतरा है. टेक्सस स्थित एक निजी कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स का अंतरिक्ष यान चांद पर उतर गया.
तस्वीर: Intuitive Machines/Aton Chile/IMAGO
छह टांगों वाला ओडिसियस
ओडिसियस एक छह टांगों वाला रोबोट लैंडर है जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मैलपर्ट नाम के एक क्रेटर के पास उतरा है. एक हफ्ते पहले इसे फ्लोरिडा से छोड़ा गया था.
अमेरिका ने पिछली बार 1972 में चांद को छुआ था जब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का यान अपोलो 17 चांद पर गया था. वह एक मानव मिशन था जिस पर दो अंतरिक्ष यात्री जीन सर्नन और हैरिसन श्मिट सवार थे.
अब तक सिर्फ पांच देश चांद पर अपना यान उतारने में कामयाब हुए हैं. इनमें अमेरिका के अलावा रूस, चीन, भारत और जापान शामिल हैं. जापान का यान पिछले हफ्ते ही चांद पर पहुंचा है.
तस्वीर: ESA/ESA/Euclid/Euclid Consortium/NASA
सात दिन का काम
ओडिसियस अपने साथ कई तरह के उपकरण लेकर गया है, जिनके जरिए नासा और अन्य निजी कंपनियां वैज्ञानिक प्रयोग करेंगी. यह सात दिन तक सौर ऊर्जा पर काम करने के लिए बनाया गया है.
तस्वीर: Gregg Newton/AFP/Getty Images
इंसान के लिए रास्ता
नासा चांद पर मानव बेस बनाने की कोशिश कर रही है, ताकि वहां से बाह्य अंतरिक्ष की गहराइयों को खोजा जा सके. इस मिशन की कामयाबी के बाद अब नासा अगले साल मानव मिशन को चांद पर भेजने की कोशिश करेगी.
तस्वीर: Gregg Newton/AFP/Getty Images
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लेकिन दो दिन बाद ही चांद पर रात हो गई और स्लिम वापस निष्क्रिय हो गया. जापानी वैज्ञानिकों के मुताबिक यान को चांद की सख्त रातों में सक्रिय रहने के लिए डिजाइन नहीं किया गया था, इसलिए यह संदेह था कि यान फिर काम करेगा या नहीं. इसलिए जब सोमवार को यह दोबारा सक्रिय हुआ तो वैज्ञानिकों को हैरत भरी खुशी हुई.
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फिर काम करने की उम्मीद
एजेंसी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "कल हमने स्लिम को एक कमांड भेजी तो उसने जवाब दिया. स्लिम चांद पर रात गुजारने में और अपनी संचार प्रक्रिया सुरक्षित रखने में कामयाब रहा.” भारत का प्रज्ञान रोवर ऐसा नहीं कर पाया था और जब रात हुई तो वह सदा के लिए निष्क्रिय हो गया.
हालांकि वैज्ञानिकों ने बताया कि स्लिम के साथ संपर्क को कुछ समय के लिए स्थगित रखा गया क्योंकि "चांद पर दोपहर थी और उपकरणों के लिए तापमान बहुत अधिक था.”
क्या 2024 में हो पाएंगी ये 5 बातें?
2024 दुनिया के लिए क्या लेकर आएगा, उसका अंदाजा इन पांच बातों से हो सकता है. सवाल है कि इन पांच में से कितनी बातें सच हो पाएंगी?
तस्वीर: Amir Cohen/REUTERS
चांद पर इंसान की वापसी
हो सकता है कि 50 साल बाद इंसान चांद पर फिर पांव रखे. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का आर्टेमिस-2 यान नवंबर में सिर्फ चांद का एक चक्कर लगाने के लिए भेजा जाएगा और इसकी सफलता तय करेगी कि इंसान चांद पर लौट पाएगा या नहीं.
तस्वीर: NASA/ZUMA Wire/IMAGO
यूक्रेन में समझौता
अगर लड़ाई जारी रहती है तो आने वाली फरवरी में यूक्रेन-रूस युद्ध को दो साल पूरे जाएंगे. हालांकि बहुत से देश इस युद्ध को रोकने के लिए समझौते कराने की कोशिशों में हैं. क्या कोई समझौता हो पाएगा?
तस्वीर: Vitalii Hnidyi/REUTERS
गजा में युद्ध विराम
इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू कह चुके हैं कि गजा में उनकी सेना का अभियान महीनों तक जारी रह सकता है. संयुक्त राष्ट्र समेत कई पक्ष गजा में युद्ध विराम की कोशिश कर रहे हैं. क्या ऐसा हो पाएगा?
तस्वीर: Israel Defense Forces/REUTERS
उड़ने वाली कारें
पिछले कई साल से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में उड़ने वाली कारों पर परीक्षण चल रहे हैं. कई परीक्षण सफल रहे हैं लेकिन अब तक कहीं ऐसी कोई सेवा शुरू नहीं हो पाई है. बहुत संभव है कि 2024 में ऐसा हो जाए.
तस्वीर: Candela/abaca/picture alliance
चार दिन का हफ्ता
पूरी दुनिया में बहस जारी है कि हफ्ते में काम के दिन कम कर दिए जाएं और लोगों को तीन दिन की छुट्टी मिले. ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों में इस दिशा में काफी तरक्की हुई है और हो सकता है कि इन देशों में यह लागू भी हो जाए. क्या ऐसा हो पाएगा?
तस्वीर: fizkes/Pond5 Images/IMAGO
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वैज्ञानिकों ने कहा, "उपकरणों के लिए तापमान अनुकूल हो जाने के बाद गतिविधियां दोबारा शुरू करने के लिए तैयारी की जा रही है.”
स्लिम को ‘मून स्नाइपर' नाम भी दिया गया है क्योंकि उसकी लैंडिंग एकदम सटीक थी. 20 जनवरी को उसने ठीक उसी जगह पर लैंडिंग की, जहां तय की गई थी. हालांकि उतरते वक्त इंजन में समस्या आई और वह सीधा उतरने के बजाय एक तरफ लुढ़क गया. इस कारण उसके सोलर पैनलों का मुंह ऊपर के बजाय पश्चिम दिशा में हो गया.
दुनियाभर में होड़
जापान के लिए यह बड़ी उपलब्धि थी क्योंकि पहले कई कोशिशें नाकाम हो चुकी थीं. चांद पर यान उतारने वाला जापान मात्र पांचवां देश है. इससे पहले रूस, अमेरिका, चीन और भारत ही ऐसा कर पाए हैं.
चांद पर कारोबार की बेशुमार उम्मीदें
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भारत ने पिछले साल अपना चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा था. दक्षिणी ध्रुव पर चांद उतारने वाला भारत दुनिया का पहला देश था. पिछले हफ्ते अमेरिका की एक निजी कंपनी का यान भी चांद पर उतरा है. हालांकि उसकी लैंडिंग भी ठीक नहीं हुई और डेटा से पता चला कि वह टेढ़ा गिर गया.
पिछले साल जब भारत ने अपना यान चांद पर उतारा था तभी रूस ने भी अपना रॉकेट भेजा था लेकिन वह लैंड होने में नाकाम रहा था. इस वक्त दुनियाभर के देशों में चांद पर पहुंचने की होड़ मची है. रूस के अलावा दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात भी इस कोशिश में लगे हैं.